tag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post5101849258737846906..comments2023-10-05T15:40:49.590+05:30Comments on वाह! मनी Wah! Money: कम्युनिस्ट बिजी हैं ‘न्यू क्लियर डील’ मेंचलते चलतेhttp://www.blogger.com/profile/00891524525052861677noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post-23066286138791360652007-08-28T16:28:00.000+05:302007-08-28T16:28:00.000+05:30sir ji,aapne in polyticians ki achchi pol kholi ha...sir ji,<BR/>aapne in polyticians ki achchi pol kholi hai kyoki in raj-nitigyon ko desh, janta ya vikas se koyi matlab nahi hai.<BR/>inhe to kewal apna rajnitik labh dikhta hai aur ye sara natak to agle chunawo ko dekhte hue kiya ja raha hai.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post-46450380359593318462007-08-23T01:11:00.000+05:302007-08-23T01:11:00.000+05:30बेनाम जी को बहुत भाव क्यों दे रहे हैं. साम्यवाद एक...बेनाम जी को बहुत भाव क्यों दे रहे हैं. साम्यवाद एक धारा है, जिसमें विरोधाभास के साथ ही बहा जा सकता है - बस. <BR/>उस विरोधाभास का सम्मान करते हुये ही तो आपने लिखा है - "अब हम अपने निवेशकों से कहना चाहते हैं कि वे हर ऊंचे स्तर पर जहां भी मुनाफा मिल रहा हो, पहले वसूल करें ..."Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post-40140820319939750542007-08-23T00:52:00.000+05:302007-08-23T00:52:00.000+05:30मूल लेख, लेख पर अनाम टिप्पणी और टिप्पणी पर आपका जव...मूल लेख, लेख पर अनाम टिप्पणी और टिप्पणी पर आपका जवाब. टिप्पणी करने के लिए प्रेरित करते हैं.<BR/>विचारधाराएं अब किसी काम की नहीं है. विचारधारा के नाम पर पकड़ने छोड़ने की हमारी समझ हमारे लिए घातक साबित हो रही है. अब एक ओर सत्ता प्रतिष्ठान है और दूसरी ओर आम आदमी का हित है. सत्ता प्रतिष्ठान का अपना चरित्र होता है फिर वह किसी भी विचारधारा से जुड़ाव रखता हो. सत्ता प्रतिष्ठान जनहित के खिलाफ कार्य करने के लिए बाध्य होता है क्योंकि सत्ता वह नहीं चला रहा होता. सत्ता का संचालन कहीं और से होता है परदे पर हमें अपने चेहरे दिखते हैं. हम एक विकृत मॉडल की अच्छाईयों-बुराईयों की बात कर रहे हैं यह क्यों नहीं कहते कि माडल ही बेकार है नयी व्यवस्था के बारे में सोचना चाहिए.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post-83985551238223437092007-08-22T18:18:00.000+05:302007-08-22T18:18:00.000+05:30किन्ही कारणो से चिट्ठाजगत से दूर हूँ, मगर आपने मार...किन्ही कारणो से चिट्ठाजगत से दूर हूँ, मगर आपने मार्के की बात कही तो रहा नहीं गया. सोलह आने सही लिखा है. <BR/>भारत को उर्जा चाहिए ही चाहिए, किसी भी किमत पर. बाकि समय देखेगा, शक्तिशाली हुए तो कौन रोकेगा-टोकेगा. हाँ चीन भक्तो को यह मंजुर कहाँ होगा.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post-55569350470316420432007-08-22T17:38:00.000+05:302007-08-22T17:38:00.000+05:30इन टिप्पणी कर्ता में यह भी हिम्मत नहीं है कि वे ...इन टिप्पणी कर्ता में यह भी हिम्मत नहीं है कि वे अपने नाम से टिप्पणी दे सके...जबकि मुझे कम्युनिस्टों के बारे में जो कहना था अपने नाम से कहा...एनीमाउस जी आपमें नाम से लिखने की हिम्मत क्यों नहीं है। भगवान आपको नाम के साथ लिखने की क्षमता दें। पेट्रोल, डीजल, अनाज, सब्जियों और रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम बढ़ने पर कम्युनिस्ट सरकार से अलग क्यों नहीं हो गए। सत्ता सबको चाहिए ना..। नंदीग्राम में क्या हुआ जहां कम्युनिस्ट राज है। क्यों कम्युनिज्य उखड़ गया दुनिया भर से यदि उसमें दम था तो।चलते चलतेhttps://www.blogger.com/profile/00891524525052861677noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post-56632116467281401982007-08-22T17:33:00.000+05:302007-08-22T17:33:00.000+05:30अगर कम्युनिस्टो को देश की चिंता नही है तो आप को भी...अगर कम्युनिस्टो को देश की चिंता नही है तो आप को भी नही है ... अमेरिका की झूठन पर पलने से तो अच्छा है कि रोज सुबह सुबह उठ के चीन की तरफ देखा जाये... <BR/>वैसे कमल शर्मा जी आपके छोटे से बाजारु दिमाग में क्या कभी लातिन अमेरिकी देशो की आर्थिक नीतियां समझ आ सकती है जो कि अदक्षिणपंथीयों ने ही शुरु की है लगभग 5-7 साल पहले ... आपके भगवान अमेरिका की नाक के नीचे.... और अभी तक वहा से कई मल्टीनेश्नल अमेरीकी देवो को बाहर किया जा रहा है....और ये नीतिया वहा काफी लोकप्रिय भी हो रही है... वैसे यह बात तो कोई बच्चा भी बता सकता है कि केन्द्र सरकार अभी नही गिरने वाली.... और यह 'न्यु' क्लियर डील आप जैसे भोन्डे दिमगो की ही उपज है...घोडा गाडी को चलाने के लिये घोडे को गाडी से अलग नही किया जाता है बस घोडे को चाबुक दिखाया या लगाया जाता है.... पर यह बात आपको कहा से मालूम होगी ? आपके अमरिक्का में तांगा या घोडाग़ाडी तो चलती नही है ना...........Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post-4018500517926941482007-08-22T15:05:00.000+05:302007-08-22T15:05:00.000+05:30मुझे तो लगता है इन लोगों ने फयुचर्स में शार्ट पोजी...मुझे तो लगता है इन लोगों ने फयुचर्स में शार्ट पोजीशन बना लिया है.....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7265410993522478386.post-61683503111970572352007-08-22T12:29:00.000+05:302007-08-22T12:29:00.000+05:30कमलजी आपने बिल्कुल सही लिखा है। कम्यूनिस्टों को दे...कमलजी आपने बिल्कुल सही लिखा है। कम्यूनिस्टों को देश की नहीं जरा भी चिन्ता नहीं है। लाल झण्डा जब रूस से ही साफ हो गया तब उसको लेकर यहां भारत में हो हल्ला कर रहे है। समझ में नहीं आता बंगाल वालों को अक्ल कब आयेगी आैर वे कम्यूनिस्टों का सफाया करेंगे। सही है बाजार जब 15000 के मनोवैज्ञानक स्तर को पार नहीं करे तब तक बडी डील अपने हाथ जलाने वाली ही होगीVinod Kumar Purohithttps://www.blogger.com/profile/06387954991020592514noreply@blogger.com