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क्रूड ऑयल-रुपया तय करेगा दलाल स्ट्रीेट की चाल

भारतीय शेयर बाजार में गत सप्‍ताह क्रूड ऑयल के बढ़ते   दाम , रुपए में कमजोरी   एवं   इराक में बढ़ते तनाव के कारण   गिरकर बंद हुए। पिछले   सोमवार को विदेशी बाजारों   में मजबूती एवं नई सरकार द्वारा अनुकूल नीतियां लाए जाने की उम्मीद से घरेलू   बाजार ने नइ्र ऊंचाइयों को चूमा और   उत्साह का माहौल बना   रहा। लेकिन, शेष कारोबारी सत्रों में अस्थिरता बनी रही   ।   जहां सप्ताह के अंत में भारी मुनाफावसूली देखी गई। साप्‍ताहिक तौर पर बीएसई सेंसेक्‍स 168.29 अंक गिरकर 25228.17 अंक और एनएसई निफ्टी 41.30 अंक घटकर 7542.10 अंक पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों ने पिछले सप्ताह कुल 2657.81 करोड रुपए   की   खरीदारी की , जो पिछले सप्ताह के मुकाबले कम   रही। शुक्रवार को रूपया 52 पैसे कमजोर   होकर  59.77 के स्तर पर बंद हुआ। यह गत चार महीनो की   सबसे   बढ़ी गिरावट है। इनका रखें   विशेष ध्यान   ·   भारत के   आईआईपी डेटा   ने   अप्रैल में 3.4 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की।   ·   खुदरा महंगाई दर अप्रैल के 8.59 प्रतिशत से घट कर मई में 8.28 प्रतिशत रही।   ·   इराक में बढ़ती अस्थिरता का बाजारों   पर रहेगा प्रभाव।    

सोया ऑयल में तेजी, चने में मंदी के आसार

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम   बारिश होने की आंशका से आने वाले सप्ताह में सोया ऑयल एवं सोयाबीन   की कीमतों में निचले स्तरों से सामान्य   तेजी देखी जा सकती है।   देश में   सोयाबीन की बुआई का समय नजदीक   आने एवं मानसून में देरी होने की आंशका से कीमतों में बढ़त आ सकती है।   इराक में बढ़ते तनाव की स्थिति   में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई बाधित होने की आशंका से   कच्चे तेल की कीमतों में आने वाले समय में आगे और   तेजी देखीजा सकती   है।   आने वाले सप्ताह में   भारतीय रुपए की तुलना में अमरीकी डॉलर में मजबूती बने रहने की संभावना की वजह से आयातित सोया ऑयल महंगा होने के आसार हैं।   भारत अपनी   कुल खाद्य तेल मांग की 55-60 प्रतिशत आपूर्ति आयात   के द्वारा करता है।   टेक्निकल ऑउटलुक   : सोया ऑयल पिछले सप्‍ताह   इंदौर मंडी   हाजिर भाव 18.20  रुपए   की तेजी   के साथ 696. 45(+2.68 फीसदी )  रूपए पर   बंद हुआ।    कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्‍स में जुलाई   माह वायदा भाव 19.45  रुपए   की तेजी   के साथ 679.30 (+2.95 फीसदी )  रुपए पर   बंद हुआ।   स्‍वस्तिक इनवेस्‍टमार्ट, इंदौर के कमोडिटी

सोने-चांदी में खरीद जारी रहने की उम्मीद

विदेशी व   घरेलू बाजार   में सोने और   चांदी ने   पिछले सप्ताह निवेशकों को एक   अच्छा रिटर्न दिया   । घरेलू बाजार   एमसीएक्स अगस्त   वायदा में सोना 764  रुपए की साप्ताहिक बढ़त   के साथ  26627 (+2.95  फीसदी) रुपए प्रति दस ग्राम और   चांदी जुलाई   वायदा 1878  रुपए   की शानदार   साप्ताहिक बढ़त   के साथ 41875 (+4.70  फीसदी) रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बंद हुई। स्थानीय स्पॉट मार्केट में   शनिवार को 24 कैरेट सोने   का भाव  27580  रुपए प्रति दस ग्राम और   चांदी का भाव  41566 रुपए प्रति किलो ग्राम था   । अंतरराष्‍ट्रीय   बाजार   में सोना 24.20  डॉलर औंस बढ़कर  1277.30  डॉलर औंस के स्तर पर बंद   हुआ।   वहीं   चांदी 0.669  डॉलर औंस बढ़कर 19.67  डालर औंस के स्तर पर बंद हुई। फंडामेंटल वॉच  : टेक्निकल चार्ट के सपोर्ट , नकारात्मक आर्थिक खबरें और भारतीय रुपए की तुलना में   अमरीकी डॉलर में   मजबूती   आने से   सोने-चांदी में   पिछले सप्ताह अच्छी तेजी देखने को मिली और यह तेजी इस सप्ताह   के लिए भी   बरकरार रहने की उम्मीद है   ।   जिसका   पहला कारण इराक पर हुए आतंकी हमले की वजह से   वैश्विक राजनीत

दुखियारे निवेशकों को कोर्ट से सहारा

भारतीय शेयर बाजार में मार खाए लाखों निवेशक बरसों से इस बात के लिए तड़प रहे थे और अंतत: रो धोकर चुप बैठ गए थे कि उनके पास पड़े ढ़ेरों शेयरों में कोई कारोबार नहीं हो रहा जिन कंपनियों एवं प्रमोटरों की बेईमानी का वे शिकार हुए हैं। शेयर बाजार के कोतवाल सेबी और स्‍टॉक एक्‍सचेंज बीएसई, एनएसई को भी लिखे खतों की तारीखें तक वे भूल चुके थे। निवेशक इन कारोबार न हो रही कंपनियों के शेयरों में फंसे अपने पैसे को पूरी तरह भूल चुके थे। जब इन कंपनियों के शेयरों में कामकाज ही नहीं हो रहा है तो कुछ पैसे तो दूर की बात निवेशक एक धैला तक नहीं पा सकते। लेकिन दिल्‍ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद अब इन हजारों निवेशकों को अपने लिए छोटी से आशा दिखाई दे रही है। निवेशकों के हितों के लिए काम कर रही संस्‍था मिडास टच ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें अदालत से यह अनुरोध किया गया कि वह 2048 कंपनियों के खिलाफ कदम न उठाने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई के विरुद्ध कार्रवाई करें। एमएस शाहू कमेटी की सिफारिशों के बावजूद सेबी जो अपने को निवेशकों के हितों के लिए काम करने का दावा करती है, ऐसी 2048 कंपन

शेयर बाजार में तेजी 2014 मध्‍य से

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मेरे शेयर विश्‍लेषक मित्र गोपाल मोदी काफी समय से कह रहे हैं कि शेयर बाजार में तेजी वर्ष 2014 के मध्‍य से देखने को मिलेगी।गोपाल मोदी के शेयर बाजार पर दृष्टिकोण को आप भी जानिएं। वे कहते हैं कि भारतीय शेयर बाजार में वहीं कहानी फिर से घट रही है जो वर्ष 2008 में घटी थी। वैसे इसकी शुरुआत विक्रम संवंत 2067 के आरंभ के साथ ही हो गई थी लेकिन मंदी का माहौल दिखने की शुरुआत पहली तिमाही के अंत के साथ हुई। भारतीय शेयर बाजार वर्ष 2011 के आरंभ से ही नकारात्‍मक कारकों से घिरा रहा है। ये कारक चाहे घरेलू हो या अंतरराष्‍ट्रीय। निवेशक एवं छोटे खिलाड़ी हमेशा तेजी या मंदी के एक तरफा रुझान को ही देखते रहते हैं। यह एक निर्विवाद बात है एवं सभी इसे स्‍वीकार करते हैं कि हरेक निवेशक में ऐसे ही गुण कम ज्‍यादा होते हैं। वर्ष 2008 में अमरीका स्थि‍त एपी सेंटर से पैदा हुए भूकंप के झटके दुनिया भर में लगे एवं उनका ही ऑफ्टर शोक वर्ष 2011 के दौरान भी अनुभव किए जा रहे हैं। यदि यह अध्‍ययन गलत न हो तो शेयर बाजार के लिए यह स्थिति वर्ष 2014 के मध्‍य तक देखने को मिल सकती है। ऐसा मानने की वजह मैं अनेक बार बता चुका हूं। इन कारण