शेयर बाजार में बड़ा चमत्कार संभव नहीं
अमरीकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में 0.75 फीसदी की कटौती से दुनिया भर के शेयर बाजारों में थोड़ी राहत महसूस की गई है लेकिन यह कदम शेयर बाजारों के लिए बड़ा चमत्कारी साबित नहीं होगा। भारतीय शेयर बाजार में असली समस्या लिक्विडिटी नहीं है बल्कि सेंटीमेंट की है। जब तक निवेशकों के सेंटीमेंट में परिवर्तन नहीं होगा, शेयरों में बड़े सुधार की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। हालांकि, इस सेंटीमेंट से उबरने में अभी भी चार से पांच महीने लग सकते हैं। अमरीकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती पर शेयर बाजार में झूमने का यह समय नहीं है बल्कि निवेशकों को आने वाले दिनों में और बुरे समाचार सुनने पड़ सकते हैं। वॉल स्ट्रीट में पांचवें नंबर के मुख्य निवेश घराने बेयर स्टीयर्न्स का जिस तरह पतन हुआ है उससे सभी अचंभित है। जेपी मार्गन ने इस घराने को केवल 24 करोड़ डॉलर यानी एक हजार करोड़ रुपए से कम पर खरीद लिया है। इस सौदे के खिलाफ बेयर स्टीयर्न्स के शेयरधारी अदालत में गए हैं जिनका कहना है कि उन्हें पूरी तरह अंधेरे में रखा गया है। अब सिंगापुर स्थित डीबीएस ने अपने ट्रेडर्स को लेहमैन ब्रदर्स के साथ कारोबार नहीं करने