चावल कंपनियों के शेयरों में उबाल नहीं

stock बासमती चावल के निर्यात पर निर्यात कर लादने की घोषणा से बासमती चावल निर्यात करने वाली कंपनियों के शेयरों को झटका लगा है। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 30 अप्रैल 2008 बुधवार को चावल कंपनियों में केआरबीएल 131.85 रुपए (पिछला बंद भाव 138.75 रुपए), कोहिनूर फूड्स लिमिटेड 94.95 रुपए (पिछला बंद भाव 94.95 रुपए) , एल टी ओवरसीज 57.85 रुपए (पिछला बंद भाव 60.85 रुपए), आरईआई एग्रो 1556.75 रुपए (पिछला बंद भाव 1567.75 रुपए) और चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस 31.25 रुपए (पिछला बंद भाव 30.65 रुपए) पर बंद हुआ। इन मुख्‍य चावल निर्यातक कंपनियों में से चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस में ही मामूली बढ़त दिखी बाकी सभी नरम रहीं।

इन चावल कंपनियों के शेयरों के पिछले 52 सप्‍ताह के ऊपरी और निचले भावों को देखें तो केआरबीएल 195/68 रुपए, कोहिनूर फूड्स लिमिटेड 139/45 रुपए, एल टी ओवरसीज 104/36 रुपए, आरईआई एग्रो 1670/188 रुपए और चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस 51/23 रुपए था।

केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात को हतोत्साहित करने के इरादे से इस पर आठ हजार रुपए प्रति टन का निर्यात कर लाद दिया है। साथ ही बासमती चावल के निर्यात मूल्य में भी कटौती कर इसे 1200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 1000 डॉलर प्रति टन तक कर दिया है। हुआ। इससे पहले केंद्र सरकार ने पिछले ही महीने बासमती चावल के निर्यात पर मिलने वाली डयूटी इन्टाइटलमेंट पासबुक(डीईपीबी) स्कीम लाभ को वापस ले लिया था। बासमती चावल कंपनी केआरबीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल मित्तल का कहना है कि यह कर बासमती के कारोबार पर अहम असर डाल सकता है।

भारत में पैदा होने वाले कुल बासमती चावल का 80 फीसदी यानी 12.8 लाख टन निर्यात किया जाता है। वर्ष 2006-07 में 2792 करोड़ रुपए मूल्य का 10.45 लाख टन बासमती निर्यात किया गया था। वर्ष 2007-08 में अप्रैल से नवंबर के दौरान 2028 करोड़ रुपए का 6.48 लाख टन चावल का निर्यात हुआ।

इक्विटी बाजार विश्‍लेषकों का कहना है कि बासमती चावल के निर्यात से जुड़ी कंपनियों के पास काफी बेहतर निर्यात आर्डर हैं लेकिन सरकारी फैसले से इनकी कमाई और लाभ पर असर पड़ेगा। हालांकि, चावल कंपनियां अपने पुराने आपूर्ति अनुबंधों को पूरा कर सकेंगी लेकिन नए निर्यात ऑर्डर नहीं लेंगी जिसका उनके कामकाम पर असर पड़ना तय है। निर्यात कर से अब चावल कंपनियों के लिए अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में कामकाज करना फायदे का सौदा नहीं रहा और उन्‍हें घरेलू बाजार में अपनी बिक्री बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

खाद्यान्‍न संकट पर विश्‍व बैंक और संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की अन्‍य एजेंसियों की रिपोर्ट आने के बाद कई देश खाद्यान्‍नों के निर्यात को लेकर सख्‍त हो गए हैं। भारत की तरह थाईलैंड ने भी गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है। इसके अलावा वियतनाम, इंडोनेशिया, ब्राजील और इज्‍पित भी चावल निर्यात को रोक चुके हैं।

टिप्पणियाँ

Vinod Kumar Purohit ने कहा…
कमलजी आज कइ दिनों से लिख रहा हूं बीच के दिनों में कमप्यूअर से केपे हिन्दी उड गइ अब वापस डाडनलोअ किया हे आशा हे अब वापस हिन्दी आयेगी आपकी हिन्दी में अलग से वेबसवाइअ तेयार हो रही हे वह कब तक तेयार होगी इंतजार रहेगा

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