संदेश

गोल्‍ड बांड में निवेश का मौका न जाने दे हाथ से

चित्र
गोल्‍ड बांड में निवेश का मौका न जाने दे हाथ से 

आज 1 जुलाई का मानसून पूर्वानुमान

दक्षिण पश्चिम मानसून राजस्थान के कुछ भागों, बिहार और उत्तर प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटो मे आगमन करेगा। मॉनसून की उत्तरी सीमा अभी बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, गुना, सिद्धी और पटना से गुज़र रही है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान पर बना हुआ है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में वर्षा में गिरावट आएगी लेकिन हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहेगी। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पंजाब और उत्तरी राजस्थान पर बना हुआ है। इसके कारण दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है। पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार पर बना हुआ है जिसके कारण इन क्षेत्रों में बारिश में बढ़ोतरी होगी और मॉनसून का आगमन होगा। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र झारखंड और गंगिए पश्चिम बंगाल पर बना हुआ है। साथ ही नम हवाए पूर्वोतर भारत के ऊपर है। जिसकी वजह से हल्की से मध्यम वर्षा झारखंड, गंगिए पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा पर संभव है। इस बीच कलकत्ता और पूर्वोत्तर राज्यों में मध्यम बारिश होने के आसार हैं। एक निम्न दबाव का क्

आज 22 जून का मानसून पूर्वानुमान

नई दिल्‍ली। दक्षिण पश्चिम मॉनसून बीते छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में कुछ और आगे बढ़ा है। इस समय मॉनसून की उत्तरी सीमा वलसाड़, नाशिक, बुलधाना, यवतमाल, रायपुर, डाल्टनगंज और सुपौल में पहुंच गई है। पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे भागों के पास बना हुआ है। इसके प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और इससे सटे भागों पर दिखाई दे रहा है। स्‍काईमेट का कहना है कि पश्चिमी भारत से पूर्वी भारत तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। यह सिस्टम गंगा के मैदानी भागों से गुजर रही है और उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवाती सिस्टम को भी जोड़ रही है। उत्तरी बांग्लादेश पर भी एक चक्रवाती सिस्टम बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल से बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। पश्चिमी तटों पर बनी मॉनसून ट्रफ इस समय कमजोर हो गई है। मॉनसून का प्रदर्शन : बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक मॉनसूनी सक्रियता ओड़ीशा में देखी गई। राज्य में कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। केरल और तटीय कर्नाटक में भी कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों, उप-हिमालयी

एफ एंड ओ कटान अहम है शेयर बाजार के लिए

भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे सप्ताह कमजोरी के साथ बंद हुए। कमजोर तिमाही नतीजे, विदेशी बाजारो में अनिश्चितता एवं विदेशी निवेशको द्वारा लगातार बिकवाली बाजार पर हावी रहे। निफ्टी एवं सेंसेक्स में भले ही दबाव हो लेकिन कई छोटे और मझौले शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली। रियल एस्टेट और इंफ़्रा सैक्‍टर में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई। सप्ताह के अंत में निफ्टी एवं सेंसेक्स क्रमश: 9119/29365 के स्तर पर लगभग 0.3 फीसदी की साप्ताहिक गिरावट के साथ बंद हुए। इस सप्ताह तिमाही नतीजो, एफएंडओ कटान तथा विदेशी संकेतो का बाजार पर असर देखने को मिलेगा। इस सप्ताह के प्रमुख नतीजे: सोमवार: रिलायंस इंडस्ट्री, अल्ट्राटेक सीमेंट एवं इंडियाबुल हाउसिंग फाइनेंस। मंगलवार: एक्सिस बैंक एवं विप्रो। गुरुवार: कोटकबैंक एवं मारुति सुजुकी। शुक्रवार: अम्बुजा सीमेंट एवं आईडीएफसी। अन्य प्रमुख घटक: विदेशी  संकेत बाजार की दिशा में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। गुरुवार को होने वाली एफएंडओ कटान की वजह से बाजार में कुछ उठापटक देखने को मिल सकती है। विदेशी निवेशक जो लगातार बिकवाली कर रहे है एवं घरेलू संस्थागत निवेशक जिनका बाजार को लगाता

तिमाही नतीजों का असर रहेगा शेयर बाजार पर

भारतीय शेयर में लगातार तेजी का दौर गत सप्ताह की शुरुआत में भी जारी रहा लेकिन अमरीका द्वारा सीरिया पर हमले के बाद सप्ताह के अंत में इस तेजी को ब्रेक लगा जिससे भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसलते नजर आए। आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार मजबूती दिखाते नजर आए लेकिन विदेशी संकेतों ने बाजार पर दबाव बनाया। आरबीआई द्वारा बैंको को रिट्ज़ अर्थात रियल एस्टेट इनवेस्‍टमेंट ट्रस्ट में निवेश की मंजूरी मिलने के बाद से रियल एस्टेट सैक्‍टर से जुडी कंपनियों में अच्छी तेजी देखने को मिली। सप्ताह के अंत में निफ्टी एवं सेंसेक्स क्रमश: 9198/29706 के स्तर पर लगभग 0.3 फीसदी की साप्ताहिक बढ़त के साथ बंद हुए। निफ्टी एवं सेंसेक्स में भले ही मामूली बढ़त देखी गई हो लेकिन कई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरो में अच्छी देखने को मिली। इस सप्ताह बाजार पर विदेशी संकेतो के साथ तिमाही नतीजो और आर्थिक आंकड़ो का असर भी देखने को मिलेगा। इस सप्ताह के प्रमुख घटक: चौथी तिमाही के नतीजो का दौर शुरू हो गया है और गुरुवार को दिग्गज आईटी कंपनी इनफ़ोसिस अपने नतीजे जारी करेगी। आर्थिक आंकड़ो की बात

आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी से मिलेगी शेयर बाजार को दिशा

भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से सीमित दायरे में कारोबार देखने को मिल रहा है, लेकिन तेजी का रुख बकरार है जहां हर गिरावट पर खरीदारी देखी जा रही है। गत सप्ताह विदेशी निवेशकों के साथ-साथ घरेलू संस्थागत निवेशको द्वारा भी अच्छी खरीदारी देखी गई। सरकारी बैंकों के एनपीए को लेकर सरकार द्वारा बड़े कदम उठाने की उम्मीद में पीएसयू बैंको के शेयरो में शानदार तेजी देखी गई। रिलायंस जियो की प्राइम मेम्बरशिप से बड़ी मात्रा में कस्टमर जुड़ने से रिलायंस गत सप्ताह निफ्टी 50 में सबसे ज्यादा बढ़ने वाला शेयर था। सप्ताह के अंत में निफ्टी एवं सेंसेक्स क्रमशः 9173/29620 के स्तर पर लगभग 0.7 फीसदी की साप्ताहिक बढ़त के साथ बंद हुए। इस सप्ताह प्रमुख घटक: इस सप्ताह का सबसे प्रमुख घटक 6 अप्रैल को जारी होने वाली, आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी रहेगी। वैसे इस बार भी बाजार को आरबीआई से ब्याज दरो में कटौती की कम ही उम्मीद है। विदेशी बाजारो में अभी भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है, अतः विदेशी संकेतों का असर बाजार पर देखने को मिलेग। ऑटो कंपनियों के बिक्री के आंकड़ों का असर भी बाजार पर देखने को मिलेगा। अलग-अलग सैक्‍टर क

निफ्टी 8980 के नीचे आई तो मुनाफावसूली संभव

नई ऊंचाई छूने के बाद गत सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में मुनाफावसूली देखी गई। गत सप्ताह निफ्टी एवं सेंसेक्स क्रमश: 9108/29421 के स्तर पर मामूली साप्ताहिक गिरावट के साथ बंद हुए। घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली एवं अमरीकी बाजार में कमजोरी ने भारतीय बाजार पर दबाव बनाया लेकिन निचले स्तरों से बाजार में फिर से खरीदारी देखी गई और अंतिम दो दिन बाजार तेजी के साथ बंद हुए। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बैंको के एनपीए को लेकर जल्द ही बड़े कदम उठाने के संकेत दिए जिससे शुक्रवार को पीएसयू बैंको के शेयरो में जोरदार तेजी देखी गई। इस सप्ताह के प्रमुख घटक: डॉलर ट्रम्प की नीतियों की वजह से अमरीकी बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है, जिसका असर भारतीय बाजारो पर भी देखने को मिल रहा है। इस वर्ष अल-नीनो इफ़ेक्ट की वजह से कमजोर मानसून का डर है लेकिन मौसम विभाग की नॉर्मल मानसून की उम्मीद से बाजार को राहत मिलेगी। विदेशी निवेशक जो लगातार खरीदारी कर रहे है एवं घरेलू संस्थागत निवेशक जिनके द्वारा मुनाफावसूली देखने को मिल रही है, दोनों का रुख बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगा। गुरुवार को मार