तिमाही नतीजों का असर रहेगा शेयर बाजार पर

भारतीय शेयर में लगातार तेजी का दौर गत सप्ताह की शुरुआत में भी जारी रहा लेकिन अमरीका द्वारा सीरिया पर हमले के बाद सप्ताह के अंत में इस तेजी को ब्रेक लगा जिससे भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसलते नजर आए। आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार मजबूती दिखाते नजर आए लेकिन विदेशी संकेतों ने बाजार पर दबाव बनाया।

आरबीआई द्वारा बैंको को रिट्ज़ अर्थात रियल एस्टेट इनवेस्‍टमेंट ट्रस्ट में निवेश की मंजूरी मिलने के बाद से रियल एस्टेट सैक्‍टर से जुडी कंपनियों में अच्छी तेजी देखने को मिली। सप्ताह के अंत में निफ्टी एवं सेंसेक्स क्रमश: 9198/29706 के स्तर पर लगभग 0.3 फीसदी की साप्ताहिक बढ़त के साथ बंद हुए। निफ्टी एवं सेंसेक्स में भले ही मामूली बढ़त देखी गई हो लेकिन कई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरो में अच्छी देखने को मिली। इस सप्ताह बाजार पर विदेशी संकेतो के साथ तिमाही नतीजो और आर्थिक आंकड़ो का असर भी देखने को मिलेगा।

इस सप्ताह के प्रमुख घटक: चौथी तिमाही के नतीजो का दौर शुरू हो गया है और गुरुवार को दिग्गज आईटी कंपनी इनफ़ोसिस अपने नतीजे जारी करेगी। आर्थिक आंकड़ो की बात करें तो सरकार बुधवार को खुदरा महंगाई दर तथा आईआईपी के आंकड़े जारी करेगी और शुक्रवार को थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी|

सीरिया को लेकर जारी तनाव का असर भी दुनियाभर के शेयर बाजारों पर देखने को मिलेगा।  विदेशी निवेशको तथा घरेलू संस्थागत निवेशको का रुख भी बाजार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा रुपए और कच्चे तेल की चाल अन्य प्रमुख घटक रहेंगे।

टेक्निकल आउटलुक: स्‍वस्तिक इनवेस्‍टमार्ट, इंदौर के इक्विटी विश्‍लेषक संतोष मीणा का कहना है कि बाजार का प्रमुख ट्रेंड तेजी का है जिसमे हर गिरावट पर खरीदारी का मौका तलाशना चाहिए। टेक्निकल लेवल की बात की जाए तो 9190 निफ्टी के लिए सबसे निकटतम सपोर्ट स्तर है, इसके नीचे फिसलने पर 9110 अगला महत्वपूर्ण सपोर्ट रहेगा। अगर बाजार में कुछ समय के लिए गिरावट दिखाई भी देती है तो 9000-8950 का क्षेत्र सबसे अच्छा खरीदारी का मौका होगा। ऊपर की ओर 9250 निकटतम रेजिस्टेंस है।

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