खतरनाक गेम शुरू होगा अब.......
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शेयर बाजार में आई दस तगड़ी गिरावट
18 मई 2006*****826 अंक
2 अप्रैल 2007*****617 अंक
28 अप्रैल 1992****570 अंक
17 मई 2004*****565 अंक
5 मार्च 2007*****471 अंक
15 मई 2006*****463 अंक
22 मई 2006*****457 अंक
19 मई 2006*****453 अंक
4 अप्रैल 2000*****361 अंक
12 मई 1992*****334 अंक
सेबी ने हैज फंडों को शार्ट सेल यानी आपके पास शेयर नहीं हैं, लेकिन आप उन्हें बेच सकते हैं, की जो सुविधा दी है वह अब इस रेस को गति देगी। हैज फंड और एफआईआई यानी बड़े संस्थागत निवेशक इतनी जल्दी भारतीय बाजार को छोड़ना पसंद नहीं करेंगे। सरकार यदि रुपए को 2008 तक पूर्ण परिवर्तनीय बनाती है तो पहले वह महंगाई की दर पर लगाम लगाएगी और सारे वे उपाय करेगी जहां आपको यह अहसास हो कि हमारी अर्थव्यवस्था में चमक आ रही है। संभवत: आगे चलकर ब्याज दरों में भी कमी हो जाए। 2008 की रणनीति के तहत इस मानसून से शेयरों में तेजी का गेम शुरू होगा। हैज फंड और एफआईआई इस समय शार्ट सेल का पूरा गेम नहीं खेलेंगे, बल्कि बीएसई सेंसेक्स को हर तरह से 22 से 27 हजार से ऊपर ले जाने का प्रयास करेंगे और इसके बाद ही यह खेल शुरू होगा। वहां से जो शार्ट सेल देखने को मिलेगी, उसके बाद बाजार पानी पानी हो जाए तो अचरज नहीं होना चाहिए। लेकिन यह तय है कि शेयरों में तेजी का गेम शुरू करने की भूमिका तैयार हो रही है, लेकिन जो भी होगा वह 24 अप्रैल को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति और 20 मई को केरल से मानसून रिपोर्ट आने के बाद होगा। आम निवेशक इस तेजी का लाभ लेने के तैयार रहें, इस समय अधिक शेयर न खरीदकर पैसा जमा करते रहे और इंतजार करें नया गेम शुरू होने के संकेत का।
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