शेयर बाजार को गिराने का इंतजाम कर रहे हैं वामपंथी
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सीताराम येचुरी का कहना है कि सवाल यह है कि क्या भारत परमाणु करार को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ता है। तब हमें देखना पड़ेगा। यदि सरकार आगे कदम बढ़ाती है तो हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि हमारा समर्थन जारी नहीं रहेगा। वाम-यूपीए की 15 सदस्यीय समिति की बैठक के बारे में येचुरी ने कहा कि सरकार ने उनकी चिंताओं का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हमने उनकी टिप्पणियों का अध्ययन किया है और उनके आधार पर बैठक में हम अपने विचार रखेंगे। माकपा नेता कहते हैं कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन और उसके बाहरी समर्थकों के बीच विचार-विमर्श जारी रहेगा। भाकपा महासचिव एबी वर्धन भी कह रहे हैं कि हमारी चेतावनी को हल्के से नहीं लिया जाना चाहिए। वे कहते हैं कि ऐसे संकेत मिले हैं कि सरकार परमाणु करार को लागू करेगी। जब तक करार पर कार्रवाई नहीं रोकी जाती तब तक कोई सुलह समझौता संभव नहीं है।
सीताराम येचुरी ने माकपा के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादकीय में भी लिखा है कि निश्चित रूप से कोई भी वामपंथी दलों से इस यूपीए सरकार को समर्थन देने की उम्मीद नहीं कर सकता जो न्यूनतम साझा कार्यक्रम का उल्लंघन कर भारत की विदेश नीति को उसी दिशा में आगे बढ़ा रही है जिसकी शुरुआत भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने की थी। फारवर्ड ब्लाक और आरएसपी भी परमाणु मुद्दे पर अपना कड़ा विरोध जता रही हैं। शेयर बाजार में गिरावट 10 अक्टूबर के बाद...यहां क्लिक करें और पढ़े..।
टिप्पणियाँ
बाज़ार में उतार-चढ़ाव तो चलते ही रहेंगे। अपन इस पर ध्यान तब देते जब कुछ कमाते।
चिंता ना करें सरकार चल रही है.. चलती रहेगी।
२५ हज़ार तक पहुंचाने की बात आशावाद की पराकाष्ठा प्रतीत हो रही है. है ना?