शेयर बाजार ट्रेडिंग जोन में
भारतीय शेयर बाजार इस समय पूरी तरह ट्रेडिंग जोन में है और निवेशकों को इस समय लंबी अवधि के निवेश के बजाय पूरी तरह एक कारोबारी की तरह लाभ उठाना चाहिए। लेकिन ज्यादातर निवेशक एक गलती करते हैं और वे वैल्यू स्टॉक पर दांव लगा बैठते हैं जो फंडामेंटल व टेक्निकल तौर पर बेहद मजबूत होते हैं लेकिन निवेशकों की शिकायत होती है कि उनके शेयर चल ही नहीं रहे। जबकि, बाजार जब पूरी तरह ट्रेडिंग जोन में हो तो निवेश ग्रोथ स्टॉक में करना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 147 डॉलर से घटकर 116 डॉलर प्रति बैरल आ जाने से अर्थव्यवस्था पर सबसे घातक मार करने वाला कारक ठंडा होता नजर आ रहा है। लेकिन सरकार के समाने अभी भी बढ़ती महंगाई दर को काबू में करना, उच्च ब्याज दरों को फिर से कम करना और औद्योगिक उत्पादन बढ़ाना मुख्य चुनौतियां हैं। हालांकि, अब आम चुनाव का समय जैसे जैसे नजदीकी आ रहा है सरकार की प्राथमिकताओं में भी ये ही बातें आ गई हैं ताकि चुनावी समर में फतह हासिल की जा सके। ऊंची ब्याज दर की वजह से कर्ज की मांग में आने वाली कमी और अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी बाजारों में आई नरमी से आने वाले दिनों में महंगाई दर घट सकती है जो इस समय 13 साल के उच्च स्तर 12.01 फीसदी पहुंच चुकी है। महंगाई दर में 14 अगस्त से कमी आने की आस है।
दिल्ली के सत्ता गलियारें में अब वामपंथियों की तूती बोलना बंद हो गई है और नई यूरिया नीति के बाद बैंकिंग व बीमा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार कमर कसती नजर आ रही है। सरकार ने इसके संकेत पंजाब एंड सिंध बैंक की इक्विटी पुनर्रचना करने के फैसले से दिए हैं। सरकार का इरादा निजी क्षेत्र के बैंकों में विदेशी निवेश को बढ़ाने की छूट देने का है। यदि ऐसा होता है तो बैंकिंग क्षेत्र में बड़ी उथल पुथल देखने को मिल सकती है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने पिछले सप्ताह साप्ताहिक आधार पर 1527.90 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद की है। इन निवेशकों की अब हर सप्ताह बढ़ रही खरीद भारतीय शेयर बाजार में लौट रहे विश्वास का आभास देने लगी है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स इस सप्ताह में 15470 के ऊपर बंद होने पर 15773 पहुंचने के आसार हैं। बीएसई सेंसेक्स में सपोर्ट स्तर 14560 अंक पर है। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी 4619 अंक से ऊपर बंद होता है तो यह 4710 अंक तक पहुंच सकता है। इसमें सपोर्ट स्तर 4344 अंक है।
ब्लैकस्टोन समूह की पुनीता कुमार सिन्हा का कहना है कि जब तक वैश्विक स्थिति में सुधार नहीं आता शेयर बाजार ट्रेडिंग रेंज में बना रहेगा। मौजूदा गर्मी क्रूड के दाम गिरने का नतीजा है। वे मानती हैं कि सेंसेक्स की ऊपरी सीमा 17-18 हजार रह सकती है। हालांकि सेंसेक्स की फिर से परीक्षा 12500 अंक पर होने से वे इनकार नहीं करतीं। निवेशकों निवेश के लिए संतुलित एप्रोच करनी चाहिए ना कि आक्रामक।
एनविजन कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी निलेश शाह का कहना है कि अगले चार से आठ सप्ताह तक सेंसेक्स 13500-16000 के बीच घूमता रहेगा। अगले कुछ सप्ताह तक बाजार मौजूदा स्तरों पर कंसोलिडेटेड होता रहेगा। यह निवेशकों के लिए मुनाफा वसूली का बेहतर समय है।
तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि 11 अगस्त से शुरु होने वाले सप्ताह में गिरावट को शेयर खरीद का मौका समझना चाहिए। हालांकि स्टॉप लॉस 14500 का रखा जाना चाहिए। बाजार की नरमी की स्थिति में सपोर्ट स्तर 15031-14639 है। बीएसई सेंसेक्स के 15800 से ऊपर होने पर निवेशकों को मुनाफा वसूली करनी चाहिए।
इस सप्ताह निवेशक एक्सिस बैंक, आरएनआरएल, बजाज हिंदुस्तान, बलरामपुर चीनी, रेणुका शुगर, इप्का लैब, त्रिवेणी इंजीनियरिंग, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, इंफोटेक एंटरप्राइजेज, जीएमआर इंफ्रा, हरिसन मलयालम, कैनफिन होम्स, एवररेडी इंडस्ट्रीज, श्याम टेलीकॉम और हिंदुस्तान आर्गेनिक पर ध्यान दे सकते हैं।
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