शेयर बाजार के लौटेंगे अच्‍छे दिन

भारतीय शेयर बाजार के लिए वर्ष 2011 अब तक काफी खराब रहा है। लेकिन अब बाजार के लिए फिर से सकारात्‍मक खबरों की शुरुआत हो चुकी है। खाद्य महंगाई दर कम होने एवं कृषि उत्‍पादन बढ़ने से इसका आरंभ हुआ है। हालांकि, कुछ कठिनाइयों से अभी भी इनकार नहीं किया जा सकता। केवल आज सप्‍ताह के आखिरी दिन की बढ़त से पूरा मानस नहीं बदला है लेकिन बेहतर होने की शुरुआत हो गई है।

यह तो तय है कि शेयर बाजार की मौजूदा मंदी निवेशकों को भारी पड़ी है। इस साल हरेक मिनट निवेशक 100 करोड़ रुपए खोए हैं। वर्ष 2011 की शुरुआत से अब तक शेयर बाजार की सम्‍पदा 11 लाख करोड़ रुपए साफ हो चुकी है। जबकि, सेंसेक्‍स तीन हजार अंक नीचे आ चुका है। घरेलू शेयर बाजार में एक करोड़ से कुछ अधिक निवेशक हैं। इस राशि को इनमें बांटा जाए तो पता चलता है कि हरेक निवेशक ने औसतन दस लाख रुपए का नुकसान खाया है।

भारतीय बाजार किन-किन कारणों से अब बढ़ेगा और हमारे लिए क्‍या क्‍या पॉजिटिव होने जा रहा है, यह आपको लेखों की एक श्रृंखला के तहत बताया जाएगा। इसके तहत सबसे पहले होगा कृषि क्षेत्र। ताजा आंकडों पर नजर डालिए: मुख्‍य फसलों का उत्‍पादन अनुमान वर्ष 2010-11---अनाज: 23.20 करोड़ टन (चावल: 9.40 करोड़ टन, गेहूं: 8.14 करोड़ टन, मोटा अनाज: 4 करोड़ टन, मक्‍का 2 करोड़ टन)। दलहन: 1.66 करोड़ टन (तुअर 32 लाख टन, उड़द 15 लाख टन, मूंग 11 लाख टन)। तिलहन: 2.79 करोड़ टन (सोयाबीन: 1.04 करोड़ टन, मूंगफली: 68 लाख टन)। कपास 3.39 करोड़ गांठ (प्रति गांठ 170 किलो)।

कहावत है लक्ष्‍मी ने सदा धैर्यवान और साहसी लोगों का साथ दिया है। आप भी अपनी नकदी के साथ तैयार रहिए ताकि दलाल स्‍ट्रीट में आने वाली अगली जबरदस्‍त तेजी का लाभ लेने से वंचित न रह जाएं। इस श्रृंखला का पहला लेख जल्‍दी ही होगा वाह मनी पर। तब तक कहिए..वाह मनी !

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