शेयर बाजार में तेजी 2014 मध्य से
मेरे शेयर विश्लेषक मित्र गोपाल मोदी काफी समय से कह रहे हैं कि शेयर बाजार में तेजी वर्ष 2014 के मध्य से देखने को मिलेगी।गोपाल मोदी के शेयर बाजार पर दृष्टिकोण को आप भी जानिएं। वे कहते हैं कि भारतीय शेयर बाजार में वहीं कहानी फिर से घट रही है जो वर्ष 2008 में घटी थी। वैसे इसकी शुरुआत विक्रम संवंत 2067 के आरंभ के साथ ही हो गई थी लेकिन मंदी का माहौल दिखने की शुरुआत पहली तिमाही के अंत के साथ हुई। भारतीय शेयर बाजार वर्ष 2011 के आरंभ से ही नकारात्मक कारकों से घिरा रहा है। ये कारक चाहे घरेलू हो या अंतरराष्ट्रीय। निवेशक एवं छोटे खिलाड़ी हमेशा तेजी या मंदी के एक तरफा रुझान को ही देखते रहते हैं। यह एक निर्विवाद बात है एवं सभी इसे स्वीकार करते हैं कि हरेक निवेशक में ऐसे ही गुण कम ज्यादा होते हैं। वर्ष 2008 में अमरीका स्थित एपी सेंटर से पैदा हुए भूकंप के झटके दुनिया भर में लगे एवं उनका ही ऑफ्टर शोक वर्ष 2011 के दौरान भी अनुभव किए जा रहे हैं। यदि यह अध्ययन गलत न हो तो शेयर बाजार के लिए यह स्थिति वर्ष 2014 के मध्य तक देखने को मिल सकती है। ऐसा मानने की वजह मैं अनेक बार बता चुका हूं। इन कारण...