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सोयाबीन में खरीददारी की संभावना

सोयाबीन की कीमतों में लंबी गिरावट के बाद अब   तेजी   का रूख देखा जा सकता है।   इस वर्ष शुरुआती मानसून बड़ा ही   कमजोर रहा   ।   इसके कारण   खरीफ़ फसल   सोयाबीन की बुआई में देरी हो रही है   और इसकी वजह से   कीमतों में   तेजी   के   आसार हैं। भारतीय कृषि मंत्रालय के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुल बोआई क्षेत्रफल में 14.49 लाख   हैक्टेयर   की कमी आई है , और इस वजह से   देश की प्रमुख सोयाबीन   मंडियों में   प्रतिदिन की   आवक में कुछ कमी देखी गई है।   वहीं स्टॉकिस्टों और मिलर्स   की खरीदारी भी बनी हुई है , जिससे भी   कीमतों में निचले स्तरों से समर्थन   देख सकते   हैं। चीन में मई   माह की   तुलना में जून   माह में   कुल आयत   में   बढ़ोतरी हुई जिसकी वजह से कीमतों में   मजबूती देखी जा रही   है। अमरीकी कृषि विभाग के अनुसार   क्रॉप ईयर 2014-2015 में कुल बुआई  81 4.9 लाख हैक्टेयर में होने का   अनुमान है। ब्...

सोयाबीन में बिकवाली बने रहने के आसार

टेक्निकल चार्ट पर बिकवाली का   दबाव और   आने वाले समय में मानसून के आने से   सोयाबीन की कीमतों   में   बिकवाली बनी रहने की संभावना है।   एनडीए सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों की   महंगाई पर नियंत्रण रखने वाली नीतियां   बनाने से एग्री   कमोडिटी की कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है।   सोयाबीन क्रशिंग में कमी की वजह से   मिलर्स की ओर   से कमजोर ख़रीदी के कारण भी कीमतों में   गिरावट का माहौल   बना हुआ है।   अमरीकी कृषि विभाग के   अनुसार   सोयाबीन के साप्ताहिक   निर्यात में   87 प्रतिशत की कमी रही , जो कि विश्व बाजार में कमजोर मांग का सूचक   है   ।   फसल के   अनुकूल मौसम की वजह से अमरीका में सोयाबीन   की बोआई पूरी हो चुकी   है।   जो कि पिछले पांच वर्षो की   औसत बुआई से 6 प्रतिशत के लगभग ज्यादा है।   इस वर्ष अमरीका में सोयाबीन   उत्पादन 3.631 बिलियन बुशेल ( 10 प्रतिशत) ज्यादा होने की संभावना   है। अमरीकी बाजार से सोयाबीन के निर्यात में गिर...

सोया ऑयल में सामान्य तेजी के आसार

देश में   सोयाबीन की बुआई का समय नजदीक   आने एवं मानसून में देरी होने की संभावना की वजह से इस सप्ताह   सोया ऑयल   व   सोयाबीन की   कीमतों में   समर्थन देख सकते   हैं।   पिछले वर्ष की तुलना में बारिश कम   होने की संभावना से भी इस   सप्ताह में सोया ऑयल एवं सोयाबीन   की कीमतों में निचले स्तरों से सामान्य   तेजी देखी जा सकती है।   इराक में अभी भी   तनाव की स्थिती बनी हुई है जिसकी वजह से   अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई बाधित होने की आंशका से   कच्चे तेल की कीमतों में तेजी   की संभावना है।   आने वाले सप्ताह में   भारतीय रुपए की तुलना में अमरीकी डॉलर में मजबूती बने रहने की वजह से आयातित सोया ऑयल महंगा होने के आसार हैं।   भारत अपनी   कुल खाद्य तेल मांग की 55-60 प्रतिशत आपूर्ति आयात   के द्वारा करता है।   अमरीका में सोयाबीन की बुआई 95 प्रतिशत पूरी हो चुकी   है जो कि   पिछले 5 वर्षो की औसत बुआई से ज्यादा है। वहीं मध्य   पश्चिम क्षेत्र में लगातार बार...