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चना, जीरा एवं हल्दी के दिन सुधरने की उम्मीद

मुंबई। कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्‍स के लिए बीता सप्‍ताह बहुत ही अच्छा रहा। सोयाबीन, चना, कैस्टरसीड, जीरा, हल्दी सभी में अच्छा उछाल देखा गया और अभी आने वाले सप्ताह में भी सभी में तेजी बने रहने की संभावना है। इस वर्ष कमजोर मानसून एवं बोआई के अनुकूल मौसम नहीं होने के कारण सभी फसलें बड़ी ही कमजोर रही है। भारतीय कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस साल चना, जीरा एवं हल्दी की बोआई पिछले साल के मुकाबले बहुत कम रही है, जिससे की आने वाले समय में इनकी फसल भी कम ही रहेगी। इसका असर भावों में अभी से देखने को मिल रहा है और सभी के भाव निरंतर बढ़ ही रहे है। स्टॉकिस्ट भी इस समय अधिक फायदे के लिए ज्यादा से ज्यादा माल खरीद रहे है। टेक्निकल ऑउटलुक :  स्‍वस्तिक इनवेस्‍टमार्ट, इंदौर के कमोडिटी विश्‍लेषक संयम नीमा का कहना है कि इस सप्ताह निवेशकों और ट्रेडरों के लिए चना, जीरा एवं हल्दी में ट्रेड करना फायदे का सौदा रहेगा। इन सभी में अभी और बड़ी तेजी देखी जाने की उम्मीद है। चने के जनवरी माह वायदा में इस सप्ताह 6 फीसदी की तेजी देखी गई है। चने में इस सप्ताह 3500 के ऊपर ...

चने की खरीददारी हो सकती है फायदे का सौदा

इंदौर। इस समय भारतीय खेतों में चने और दलहनों की बोआई का काम लगभग पूरा हो चुका है। भारतीय कृषि विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष रबी फसल की बोआई में पिछले वर्ष की तुलना में कमी देखी गई है, और चने की बुआई में 30 फीसदी तक कमी बताई जा रही है। जिसका सीधा असर नई फसल की मांग में दिख रहा है और मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है जिससे चने के भावों में अभी और तेजी देखी जाने की उम्मीद बनती है साथ ही साथ इस से निचले स्तरों से समर्थन भी मिल रहा है। दूसरी ओर, अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी इस वर्ष चने के उत्पादन में कमी है।  ऑस्ट्रेलिया में इस वर्ष की चने की कटाई हो चुकी है, जो की पिछले साल से लगभग 23 फीसदी कम है। और कनाडा में भी इस वर्ष चना उत्पादन में कमी की संभावना है। इस कारण इस समय अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में चने की मांग बढ़ रही है। इसका असर यह होगा कि भारतीय बाजार में चने के भाव में इस सप्ताह बढ़त देखी जा सकती है। टेक्निकल :  पिछले सप्ताह चना दिल्ली मंडी हाज...

सोया ऑयल में तेजी, चने में मंदी के आसार

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम   बारिश होने की आंशका से आने वाले सप्ताह में सोया ऑयल एवं सोयाबीन   की कीमतों में निचले स्तरों से सामान्य   तेजी देखी जा सकती है।   देश में   सोयाबीन की बुआई का समय नजदीक   आने एवं मानसून में देरी होने की आंशका से कीमतों में बढ़त आ सकती है।   इराक में बढ़ते तनाव की स्थिति   में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई बाधित होने की आशंका से   कच्चे तेल की कीमतों में आने वाले समय में आगे और   तेजी देखीजा सकती   है।   आने वाले सप्ताह में   भारतीय रुपए की तुलना में अमरीकी डॉलर में मजबूती बने रहने की संभावना की वजह से आयातित सोया ऑयल महंगा होने के आसार हैं।   भारत अपनी   कुल खाद्य तेल मांग की 55-60 प्रतिशत आपूर्ति आयात   के द्वारा करता है।   टेक्निकल ऑउटलुक   : सोया ऑयल पिछले सप्‍ताह   इंदौर मंडी   हाजिर भाव 18.20  रुपए   की तेजी   के साथ 696. 45(+2.68 फीसदी )  रूपए पर   बंद हुआ।    कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्‍स में जुलाई ...