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आम बजट पहले ही लिक हो गया था

ओमप्रकाश तिवारी जागरण से साभार केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को पेश किए जाने वाले बजट में विदर्भ के किसानों को क्या मिलने वाला है, शायद इसकी गंध राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं को पहले ही लग गई है। महाराष्ट्र में यह अटकल बजट के तुरंत बाद राकांपा के किसान सम्मेलनों की फेहरिस्त देखकर लगाई जा रही है। बजट पेश होने के एक दिन बाद, यानी दो मार्च से ही राकांपा पूरे महाराष्ट्र में एक सप्ताह के अंदर छह किसान रैलियां करने जा रही है। इन रैलियों को कृतज्ञता रैली का नाम दिया गया है। अर्थात विदर्भ सहित पूरे महाराष्ट्र के किसान बजट में कृषि क्षेत्र को मिली सुविधाओं के लिए मराठा क्षGप एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के प्रति कृतज्ञता दर्शाने के लिए इन रैलियों में जमा होंगे गौरतलब है, पिछले चार वर्ष में विदर्भ के सिर्फ छह जिलों में पांच हजार से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। बीते वर्ष भी आत्महत्या करनेवाले किसानों की संख्या 1200 से ज्यादा रही है। इसी को मुद्दा बनाकर विपक्षी दल शिवसेना और भाजपा की बड़ी-बड़ी रैलियां पिछले एक सप्ताह से पूरे महाराष्ट्र में हो रही हैं। अब दो मार्च को निर्धारित रा

आम बजट वर्ष 2008-09

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केंद्रीय वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने आज वित्‍त वर्ष 2008-09 के लिए आम बजट पेश किया। इस पूरे बजट को आप यहां हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ सकते हैं। बजट में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स को बढ़ाकर 15 फीसदी करने और कार्पोरेट कर पर सरचार्ज में कोई बदलाव न करने की घोषणा का प्रतिकल असर शेयर बाजार पर देखा जा रहा है।

हाउसिंग सैक्‍टर की बेरुखी ने डुबोया सीमेंट उद्योग को

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सीमेट उद्योग क्षमता बढ़ने और आवास क्षेत्र की घटी मांग से पीडि़त है। इंडिया इंफोलाइन के एक सर्वे के मुताबिक सीमेंट डीलरों को हाउसिंग सैक्‍टर से मांग के बिगड़े गणित के बावजूद यह भरोसा है कि सीमेंट की मांग आने वाले दिनों में बढ़ेगी। सीमेंट डीलरों का कहना है कि शार्ट टर्म में सीमेंट के दाम सकारात्‍मक धारणा के साथ स्थिर रहेंगे। दक्षिण राज्‍यों, महाराष्‍ट्र, उड़ीसा और छत्‍तीसगढ़ के सीमेंट डीलरों का मानना है कि अगले तीन से छह महीने के दौरान सीमेंट के दाम बढ़ेंगे, जबकि पंजाब, उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तरांचल के डीलर कहते हैं कि सीमेंट के दाम गिरेंगे। इंडिया इंफोलाइन की राय में सीमेंट की उत्‍पादन क्षमता बढ़ाने की योजनाएं जारी रहेंगी। खासकर दक्षिण भारत में सीमेंट उत्‍पादन क्षमता बढ़ेगी। ग्रासिम इंडस्‍ट्रीज, अल्‍ट्राटेक सीमेंट, मद्रास सीमेंट, इंडिया सीमेंट और श्री सीमेंट के शेयरों की खरीद की इस रिपोर्ट में सलाह दी गई है। इंडिया इंफोलाइन ने 18 राज्‍यों के 60 सीमेंट डीलरों से बातचीत के आधार पर तैयार अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि पिछले दो महीनों में तेज सर्दी की वजह से कंसट्रक्‍शन गतिविधियां थम गई

ये हैं सात कमाऊ पूत

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ग्‍लोबल इनवेस्‍टमेंट बैंकिंग कंपनी मोर्गन स्‍टेनली ने एशिया पैसिफिक की ऐसी 20 कंपनियों की सूची जारी की है जो अगले पांच वर्ष में बेहतर रिटर्न देगी। मोर्गन स्‍टेनली ने आने वाले कल के विजेता शीर्षक से जारी इस सूची में भारतीय कंपनियों रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, रिलायंस कैपिटल, भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, पेंटालून रिटेल, आईडीएफसी और शोभा डेवलपर्स को शामिल किया है। इस सूची में शामिल हुई कंपनियों में से आधी से ज्‍यादा तो भारत या चीन के शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। मोर्गन स्‍टेनली का कहना है कि एशिया में भारत और चीन के तेज विकास की वजह से हमने इस क्षेत्र और कारोबार पर ध्‍यान केंद्रित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये वे कंपनियां हैं जिन्‍होंने प्रतिस्‍पर्धा में बाजी मारी हैं एवं शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न दिया है। इन कंपनियों ने अपने देश में खुद के प्रतिस्‍पर्धियों को जहां पीछे छोड़ दिया वहीं अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिस्‍पर्धा का सामना करने के लिए बेहद मजबूत है। सूची में शामिल अधिकतर कंपनियां ऐसे उद्योगों से जुड़ी हुई हैं जिनमें उतरने के लिए बड़ी बड़ी अड़चनों का सामना करना पड़ता है। मोर्गन स

रेल ने कमाएं 25 हजार करोड़ रुपए

रेलवे ने वित्त वर्ष 2007-08 में 25 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया जबकि इस दौरान परिचालन लाभ 76 फीसदी रहा है। यह जानकारी रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आज वर्ष 2008-09 के लिए रेल बजट पेश करते हुए दी। रेलवे की यह उपलब्धि कई ‘फॉर्च्युन500’ कम्पनियों से बेहतर है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में दिसम्बर 2007 तक कुल माल भाड़ा आय में 8.2 प्रतिशत और यात्री टिकट से आय में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2007-08 में माल ढुलाई में 23.3 करोड़ टन का इजाफा हुआ है। 2007-08 में माल ढुलाई में 14,000 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई हुई है। 2008-09 में 79 करोड़ टन माल ढुलाई का लक्ष्य। माल भाड़े से 2007-08 में 33,427 करोड़ रुपए की कमाई हुई। दो साल में 6000 एटीवीएम होंगे। टिकट काउंटर पर लगने वाली भीड़ दो साल में खत्म करन का वादा। यात्री किराए कमाई में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है। रेल बजट 2008-2009 हिंदी में पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

शेयर बाजार में बड़ी हलचल संभव

भारतीय शेयर बाजार में इस सप्‍ताह बड़ी हलचल रहने की पूरी पूरी संभावना है क्‍योंकि 25 फरवरी से शुरु हो रहे सप्‍ताह में रेल बजट, आर्थिक सर्वे और आम बजट पेश होगा। इस सप्‍ताह शेयर बाजार के खिलाडि़यों का पूरा ध्‍यान नई दिल्‍ली की ओर लगा रहेगा कि वहां से किस तरह की घोषणाएं होती हैं। मौजूदा केंद्र सरकार का यह आखिरी आम बजट है, जिसमें लोक लुभावन वादे होने की अधिक संभावना है ताकि अगले आम चुनाव में जीत हासिल की जा सके। भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्‍ताह नई दिल्‍ली में होने वाली घोषणाओं का असर दिखाई देगा लेकिन हमारे शेयर बाजार काफी समय से अमरीकी और एशियाई शेयर बाजारों का अनुसरण कर रहे हैं जिससे यहां घोषित होने वाली सकारात्‍मक घोषणाओं का कुछ समय तो असर रह सकता है लेकिन सारी चाल अमरीकी एवं एशियाई बाजारों के रुझान पर निर्भर करेगी। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स के इस सप्‍ताह 18180 से 16647 और निफ्टी के 5348 से 4905 अंक के बीच घूमते रहने की संभावना अधिक है। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीएसई सेंसेक्‍स के लिए इस सप्‍ताह 18274-18509 का रेसीसटेंस अहम है। यदि बाजार इस स्‍तर क

टायर कंपनियों में निवेश के लिए करे इंतजार

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नेचुरल रबड़ की कीमतों में अचानक आए उछाल का बुरा असर टायर बनाने वाली कंपनियों की सेहत पर पड़ सकता है। टायर बनाने वाली कंपनियों ने अब यह संकेत दिए हैं कि उन्‍हें उत्‍पादों की कीमतों को बढ़ाना पड़ सकता है। इस बीच, देश की चौथी सबसे बड़ी टायर बनाने वाली कंपनी सीएट ने टायरों के दाम बढ़ा दिए हैं लेकिन कंपनी का कहना है कि यदि रबड़ की कीमतों की स्थिति यही रही तो उसे अगले महीने फिर से अपने उत्‍पादों के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं। नेचुरल रबड़ की कीमतें पिछले दस दिनों में अचानक बढ़ना शुरु हुई है और 21 फरवरी 2008 को इसका दाम सौ रुपए प्रति किलो को पार कर गया। रबड़ के दाम बढ़ने के बावजूद इसके खरीददारों को स्‍टॉक नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, अभी तक उद्योग यह जानने में कामयाब नहीं हो पाया है कि नेचुरल रबड़ के दाम अचानक क्‍यों बढ़ रहे हैं। फिर भी मोटे तौर पर क्रूड की कीमतों में आया उछाल और थाईलैंड में तगड़ी सर्दी से पेड़ों से रबड़ नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि थाईलैंड दुनिया में नेचुरल रबड़ का सबसे बड़ा उत्‍पादक देश है। क्रूड की कीमतों के आसमान पहुंचने से सिंथेटिक रबड़ के उत्‍पादन की लागत बढ़ रही है। क

टैक्‍स ट्रीटी जांच के घेरे में

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मॉरिशस ने टैक्‍स ट्रीटी पर भारत की चिंता को जायज ठहराया है। मॉरिशस ने भारत को इस पूरे मुद्दे पर जांच करने की पूरी छूट देने का फैसला किया है। मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम का कहना है कि हमने मॉनिटरिंग सेल की स्‍थापना कर दी है और भारत को टैक्‍स ट्रीटी मामले पर जांच करने का प्रस्‍ताव दिया है। इस बीच, मॉरिशस ने निवेशकों के लिए टैक्‍स रेसीडेंसी सर्टीफिकेट देने की प्रक्रिया कड़ी बना दी है। नए नियमों के मुताबिक सभी बोर्ड बैठक मॉरिशस में करनी होगी। कंपनी को अपने बोर्ड में दो स्‍थानीय निदेशक रखना जरुरी है। साथ सारा लेनदेन मॉरिशस स्थित बैंक खाते से होना जरुरी है। इन नियमों पर अमल के लिए मॉरिशस में ऑफिस होना जरुरी है। इस बीच, भारत की चिंता ट्रीटी शॉपिंग यानी भारत में निवेश के लिए कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स में छूट के मिल रहे लाभ का तीसरे देश के निवेशकों द्धारा किए जाने दुरुपयोग पर है। साथ ही सरकार भारतीय निवेशकों द्धारा हो रहे राउंड ट्रिपिंग्‍स को भी रोकना चाहती है। इसके तहत स्‍थानीय निवेशक विदेश में जाकर मॉरिशस के रास्‍ते धन वापस भारत ले आते हैं। भारत सरकार तो वैसे भी ना चेतती, अगर

आरईसी का आईपीओ है निवेश लायक

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सरकारी कंपनी रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन 19 फरवरी को पूंजी बाजार में उतरने जा रही है। कंपनी इस आईपीओ के माध्‍यम से 1405-1639 करोड़ रुपए जुटाएगी। कुल 15.6 करोड़ इक्विटी शेयर 90 से 105 रुपए की प्राइस बैंड पर ऑफर किए जाएंगे। यह आईपीओ 22 फरवरी को बंद होगा। कंपनी अपने पूंजी आधार को बढ़ाने और भविष्‍य की जरुरतों को पूरा करने के लिए यह आईपीओ ला रही है। रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन यानी आरईसी बिजली क्षेत्र की दो बड़ी वित्‍तीय संस्‍थाओं में से एक है। आरईसी के अलावा पावर फाइनेंस कंपनी यानी पीएफसी देश में बिजली परियोजनाओं के विकास में वित्‍त और सलाहकार सेवा देती हैं। इस कंपनी की स्‍थापना का मुख्‍य उद्देश्‍य गांवों में बिजली इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास में मदद करना है। इसमें ट्रांसमिशन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन नेटवर्क मुख्‍य है। इस कंपनी की एसेट बेस 38700 करोड़ रुपए है और उसकी बुक वेल्‍यू प्रति शेयर 53 रुपए है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना पर अमल की जिम्‍मेदारी आरईसी के जिम्‍मे है। ग्‍यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत इस योजना के लिए 40 हजार करोड़ रुपए आबंटित किए जाएंगे। इस वजह से आरईसी क

...तो तेजडि़यों के हाथों में होगा शेयर बाजार

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भारतीय शेयर बाजार को चमत्‍कार की जरुरत...पिछले सप्‍ताह हमने शेयर बाजार के लिए यही कहा था और वास्‍तव में यही हुआ कि बुधवार से शुक्रवार यानी 13 से 15 फरवरी के बीच बीएसई सेंसेक्‍स 1500 अंक से ज्‍यादा उछला। हालांकि, अभी भी शेयर बाजार मंदडि़यों की पकड़ से छूटा नहीं है। बीएसई सेंसेक्‍स आज 18 फरवरी से शुरु हो रहे सप्‍ताह में 19 हजार अंक को पार कर बंद होता है तो यह फिर से तेजडि़यों के हाथ में चला जाएगा। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स इस सप्‍ताह हालांकि 18930 से 17523 और निफ्टी 5540 से 5123 अंक के बीच घूमते रहने की संभावना अधिक है। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीते सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 18142 की ऊंचाई को छूआ जो 17580 के स्‍तर से ऊपर है और अब नए स्‍तर जो देखने लायक होंगे वे 18274 से 18968 होंगे। सेंसेक्‍स के पुल बैक लेवल 18274, 18834 और 19395 अंक दिख रहे हैं। सेंसेक्‍स के लिए लोअर टॉप 18895 है। सेंसेक्‍स साप्‍ताहिक ब्रेकआउट होकर 19 हजार अंक से ऊपर बंद होता है तो यह मंदडि़यों की पकड़ से बाहर हो जाएगा। साप्‍ताहिक बंद शुक्रवार को 19 हजार से ऊपर होना चाहिए। बेहतर से

इंग्‍लिश इंडियन क्‍लेय के निवेशक हुए चौपट!

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इंग्लिश इंडियन क्‍लेय लिमिटेड 4.46 करोड़ रुपए की इक्विटी पूंजी, 82 फीसदी प्रमोटर होल्डिंग और आम जनता के पास आठ फीसदी यानी 3.52 लाख शेयर और 110 करोड़ रुपए के रिजर्व वाली कंपनी है। इस कंपनी के शेयर का भाव 18 जनवरी 2008 को 3582 रुपए था जो बाद में बाजार के गिरने पर 12 फरवरी 2008 को 1690 रुपए आ गया था। लेकिन 13 फरवरी को इस कंपनी के शेयर का भाव 187.95 रुपए ऊपर के सर्किट में देख निवेशक हैरान रह गए। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज ने इस संबंध में नोटिस संख्‍या 20082007-37 (07/02/2008) और नोटिस संख्‍या 20080212-28 (12/02/2008) को पढ़ने पर शेयरधारकों के तो होश ही उड़ गए। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के इन नोटिस के मुताबिक कंपनी के इनवेस्‍टमेंट डिविजन को डिमर्ज कर भारत स्‍टार्च प्रॉडक्‍ट्स लिमिटेड (बीएसपीएल) के साथ मिला दिए जाने से इंग्लिश इंडियन क्‍लेय के शेयर धारकों को प्रत्‍येक 19 शेयर पर भारत स्‍टार्च प्रॉडक्‍ट्स लिमिटेड के चार शेयर दिए जाएंगे। दूसरे शब्‍दों में डिमर्ज से पहले इंग्लिश इंडियन क्‍लेय लिमिटेड के सौ शेयर रखने वाले को डिमर्ज के बाद इंग्लिश इंडियन क्‍लेय लिमिटेड के सौ शेयर के अलावा भारत स्

शेयर बाजार में लौटी चमक कायम रहेगी !

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हितेंद्र वासुदेव बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 17427।34 अंक पर खुला और नीचे में 16457.74 अंक तक आया। लेकिन बाद में यह सुधरकर ऊपर में 18142.92 अंक तक गया और बंद हुआ 18115.25 अंक पर। इस तरह साप्‍ताहिक आधार पर सेंसेक्‍स में 714 अंक की तेजी देखी गई। सेंसेक्‍स के 16457 से 18142 अंक तक का सफर उम्‍मीद की किरण दिखाता है लेकिन अभी इसके ऊपर बने रहने के लिए कई चीजों की जरुरत दिख रही है। अगले सप्‍ताह में रेसीसटेंस गेप 18274 से 18509 है जो शेयर बाजार के लिए खास महत्‍व रखता है। दैनिक चार्ट में ट्रेंड लाइन 21206 और 20985 पर बनाने पर रेसीसटेंस 18300 अंक पर दिखती है जिससे पता चलता है कि गेप 18274 से 18509 पर है। बीते सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 18142 की ऊंचाई को छूआ जो 17580 के स्‍तर से ऊपर है और अब नए स्‍तर जो देखने लायक होंगे वे 18274 से 18968 होंगे। सेंसेक्‍स के पुल बैक लेवल 18274, 18834 और 19395 अंक दिख रहे हैं। सेंसेक्‍स के लिए लोअर टॉप 18895 है। सेंसेक्‍स साप्‍ताहिक ब्रेकआउट होकर 19 हजार अंक से ऊपर बंद होता है तो यह मंदडि़यों की पकड़ से बाहर हो जाएगा। साप्‍ताहिक बंद शुक्रवार को 19

औरा हीलींग संभाल लेगा आपको शेयर बाजार में

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गरिमा तिवारी शेयर बाजार में इन दिनों चल रही उथल पथल के कारण हर निवेशक परेशान है, बाजार का कुछ भरोसा नही, कब लाल या कब हरा॥ इस कड़ी मे मै खुद परेशान हो रही थी। सच कहूं तो मुझे ऐसा लगने लगा कि कहां हीलर थी, काम भी अच्छा खासा चल रहा था, और अब ये कहा फंस गई। इसी सोच मे थी कि एक क्लाईंट औरा रीडींग के लिए आया, उस को कलर यानी रंगों के बारे मे समझा रही थी, तभी खुद मेरे समझ मे आया कि अरे, शेयर बाजार हीलींग का असर क्‍यूं ना देखा जाए। दरअसल, प्रभामंडल मे बाहरी स्तर पर हरा और उसके बाद लाल रंग का होना व्यवसाय के लिए अच्छा होता है, जिस किसी भी व्यवसायी के प्रभामंडल मे इन रंगों की कमी होती है, उसके व्यवसाय के घाटे में जाने कि स्थिति उत्पन्न होने लगती है। कारण कि हरा रंग धन, वृद्धि, भाग्य आदि का प्रतीक है, और लाल रंग शौर्य, पराक्रम, और ताकत का प्रतीक है। हरा रंग जहां भाग्योदय में काम करता है, लाल रंग उसका साथ देकर भाग्य को मजबूत बनाता है। ऐसे योग के बाद इंसान भाग्य के पीछे नहीं बल्कि भाग्य इंसान के पीछे भागता है, और सभी तरह की विषम परिस्थितीयो में साथ देता है, संतुलित रखता है, और आगे बढ़ाता है। लाल रंग

आतंक के खिलाफ युद्ध में पैसा ही पैसा

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सफल निवेशक वह है जो आने वाले समय के उन उद्योगों में निवेश करता रहे जहां रिटर्न अधिक मिलने की उम्‍मीद हो। शेयर बाजार में एक खास बात यह देखने को मिलती है की हर नई तेजी के समय पिछली तेजी की कुछ कंपनियां छूट जाती हैं और कुछ ऐसी कंपनियां अगली तेजी में चमक जाती है जिनके बारे में हर निवेशक अनुमान नहीं लगा पाता। यही हालत उद्योगों की होती है। मसलन कुछ अरसे पहले पावर सेक्‍टर की ओर किसी का ध्‍यान नहीं था लेकिन अब हर निवेशक पावर सेक्‍टर से जुड़ी कंपनियों के शेयर लपक रहा है। शेयर बाजार में अगली तेजी की अब जो लहर चलेगी उसमें दो उद्योग उभरकर आएंगे। ये हैं शीपयार्ड और हथियार उद्योग। भारत में अब तक हथियार उद्योग पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में रहा है लेकिन अब इसमें बढ़ती निवेश जरुरत की वजह से निजी क्षेत्र की भागीदारी शुरु हो रही है। समूची दुनिया में हथियार की बढ़ रही दौड़ से हथियार बनाने वाली कंपनियों में किया गया निवेश आने वाले दिनों में बेहद फायदेमंद होगा। अर्नस्‍ट एंड यंग ने दुनिया भर में हो रहे सैन्‍य खर्च पर जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2040 तक अमरीका दुनिया का सबसे बड़ा प्रतिरक्षा ब

दो उद्योगपति तोड़ रहे हैं रिलायंस पावर !

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रिलायंस पावर लिमिटेड ने लिस्टिंग के साथ जिस तरह लाखों निवेशकों के सपनों पर पानी फेरा उसने कई बातों को जन्‍म दे दिया। दलाल स्‍ट्रीट में चल रही चर्चा पर भरोसा करें तो देश के एक बड़े औद्योगिक घराने और लंदन स्थित एक भारतीय उद्योगपति ने मिलकर अनिल अंबानी की इस कंपनी के शेयर को ढ़ेर किया है। ये दोनों उद्योगपति कतई नहीं चाहते थे कि रिलायंस पावर ऊंचे भाव पर लिस्‍ट हो और अनिल अंबानी दुनिया के टॉप अमीर बन जाएं। अब जो ताजा चर्चा है उसके मुताबिक आने वाले दिनों में अनिल अंबानी की दूसरी कंपनियों के शेयरों को भी तोड़ा जाएगा। हालांकि, पिछले दिनों अनिल अंबानी की दूसरी कंपनियों मसलन रिलायंस एनर्जी, रिलायंस कैपिटल, आरएनआरएल आदि बुरी तरह घटे हैं। कहा जा रहा है कि अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ लाने के साथ ही अनिल अंबानी कई उद्योगपतियों की आंख की किरकिरी बन गए। इसके अलावा उन्‍होंने जिन मोबाइल कं‍पनियों के साथ स्‍पैक्‍ट्रम के मसले पर लड़ाई लड़ीं वे भी उनके खिलाफ हो गईं। अनिल अंबानी ने रिलायंस पावर के बाद दूसरी कंपनियों के आईपीओ लाने की बात कहकर कुछ उद्योगपतियों की चिंता बढ़ा दी। हालांकि, यह बात सभी जानते हैं

रेटिंग कंपनियों ने लगवाया चूना !

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शेयर बाजार की ताजा तगड़ी गिरावट के कारण कुछ भी रहे हो लेकिन एक सवाल सभी के सामने है कि पब्लिक इश्‍यू यानी आईपीओ को रेटिंग देने वाली रेटिंग कंपनियों की भूमिका पर कड़ी नजर रखी जाना जरुरी है। जब से रेटिंग कंपनियों को आईपीओ की रेटिंग करने को कहा गया है वे ज्‍यादातर कंपनियों को बढि़या रेटिंग दे रही हैं लेकिन लिस्टिंग और चलते इश्‍यू के समय इनके फेल हो जाने से रेटिंग कंपनियों की भूमिका भी शंका के घेरे में आ गई हैं। हालांकि, रेटिंग कंपनियां उनकी रेटिंग की गई कंपनियों के शेयरों के दाम प्राइस बैंड से नीचे जाने के अनेक कारण गिनवा देंगी और अपनी खाल बचाने में कामयाब हो जाएंगी। लेकिन इनसे यह तो पूछा जाना चाहिए कि जब आपने रिलायंस पावर को बढि़या रेटिंग दी तो क्‍या आपने ऐसी दूसरी पावर कंपनियों को ध्‍यान में रखा था जो देश या विदेश में शानदार कार्य कर रही हैं। एनटीपीसी देश की सबसे बढि़या बिजली उत्‍पादक कंपनी है। इसके शेयर का दाम आज तक तीन सौ रुपए को पार नहीं कर सका, लेकिन केवल कागजों पर मौजूद रिलायंस पावर का प्राइस बैंड 450 रुपए को इन रेटिंग कंपनियों ने उचित बताया। रिलायंस पावर की तो किस्‍मत अच्‍छी थी

शेयर बाजार में सुधार 18 फरवरी से

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शेयर बाजार में पिछले कई दिन से लगातार गिरावट आ रही है। ऐसे में शेयर बाजार के बड़े बड़े से खिलाडियों की सांसें ऊंची-नीची होना स्‍वाभाविक है लेकिन इस बार की गिरावट ने निवेशकों के बहुत बड़े वर्ग को प्रभावित किया है। सोमवार को बसंत पंचमी जो कि मां सरस्‍वती का विशिष्‍ट दिन और अबूझ मुहूर्त है, के दिन रिलायंस पावर का आईपीओ लिस्‍टेड हुआ और औंधे मुंह गिर पडा। अनिल अंबानी और रिलायंस में निवेश करने वाले लाखों लोगों को उम्‍मीद थी कि अब तक का सबसे बडा आईपीओ बाजार को भी सुधार देगा लेकिन भावनाओं के सामूहिक ह्रास का नतीजा यह हुआ कि लोगों का विश्‍वास डगमगा गया है। किसी एक व्‍यक्ति की कुण्‍डली में मंगल के रोल के बारे में पहले बता चुका हूं लेकिन पूरे बाजार के सेंटीमेंट के बारे में बताने के लिए मण्‍डेन देखना होगा। यानि ग्रहों और नक्षत्रों की सार्वभौम स्थिति। मुझसे शेयर बाजार से जुडे एक सज्‍जन ने पूछा कि आगामी दो महीने में शेयर बाजार की क्‍या स्थिति रहेगी। इसी सवाल को मैंने प्रश्‍न का रूप दिया और प्रश्‍न कुण्‍डली बनाई। यह कुण्‍डली 12 फरवरी सुबह 12-17-58 बजे की है। इसमें वृष लग्‍न है और लग्‍न का अधिपति शुक

शेयर बाजार में मंगल का रोल !

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शेयर बाजार का सीधा संबंध मंगल से है। किसी व्‍यक्ति विशेष की कुण्‍डली में मंगल की सकारात्‍मक स्थिति उसे शेयर बाजार में लाभ दिलाती है। बारह भावों में से पांचवा भाव प्रारब्‍ध से जुड़ा होता है। पूर्व जन्‍म के कर्म हमें इस जन्‍म में अनायास लाभ दिलाते हैं। पांचवें भाव के साथ मंगल का साथ होने पर हौंसला और भाग्‍य आपस में जुड़ जाते हैं। इस तरह शेयर बाजार के उतार चढ़ाव के बीच द्वीप की तरह खड़ा व्‍यक्ति आसानी से प्रेशर को झेल जाता है और उम्‍मीद के मुताबिक धन कमाता है। किसी व्‍यक्ति की कुण्‍डली में शेयर बाजार से पैसा कमाने का योग है अथवा नहीं यह देखने के लिए पहले उसके पांचवें भाव के सब लार्ड को देखने की आवश्‍यकता होती है। पांचवें भाव का सबलार्ड किसी भी तरह से मंगल से संबंध बनाता हो तो समझ लीजिए कि शेयर बाजार का काम किया जा सकता है। इसके बाद नंबर आता है बाजार में टिके रहने का। इसके लिए जरूरी है कि जातक का सूर्य भी मजबूत हो यानि सूर्य लग्‍न, पांचवें या मंगल से अच्‍छी तरह संबंधित हो तो ऐसा व्‍यक्ति पूरे भरोसे के साथ अंत तक बाजार में टिका रहता है । एक दिन में कई बार सौदे करने वाले लोगों के लिए चंद्रम

शेयर बाजार को चमत्‍कार की जरुरत

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भारतीय शेयर बाजार अभी भी संभल नहीं पाया है और एक दिन की बढ़त जहां निवेशकों में आस दिखाती है वहीं दूसरे दिन की मंदी उन्‍हें अपने निवेश के बारे में फिर से सोचने पर मजबूर कर देती है। हालांकि, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के जो आंकड़ें हाल में सामने आए हैं वे चिंताजनक नहीं है लेकिन बढ़ती मुद्रास्‍फीति को थामना कठिन नजर हो गया है। शेयर बाजार के बजट तक ही स्थिर होने की उम्‍मीद की जा सकती है लेकिन इसे ऊपर उठाने के लिए किसी चमत्‍कार की जरुरत है जिसका सभी निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। शेयर बाजार में चल रही गिरावट की वजह से प्राइमरी बाजार को भी तगड़ा झटका लगा है। जिसकी वजह से जुलाई 2006 के बाद पहली बार किसी कंपनी को अपने पब्लिक इश्‍यू को वापस लेने पर विवश होना पड़ा। वोकहार्ट हॉस्पिटल के बाद रीयल इस्‍टेट दिग्गज कंपनी एमार एमजीएफ को भी अपने आईपीओ को कमजोर समर्थन की वजह से वापस लेना पड़ा। फर्स्ट ग्लोबल के शंकर शर्मा का कहना है कि निवेशकों को डर है कि आईपीओ के शेयर बीएसई और एनएसई में लिस्टेड होने पर मंदी की चपेट में न आ जाएं। इसलिए वे ज्यादा प्राइस बैंड वाले आईपीओ से बच रहे हैं। निवेशकों का मूड देख

दो हाई प्रोफाइल मौत !

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भारतीय शेयर बाजार में डेढ़ साल बाद दो हाई प्रोफाइल कंपनियों के आईपीओ की मौत हुई है। शेयर बाजार में चल रही ताजा गिरावट ने पहले वोकहार्ट हॉस्पिटल और अब रीयल इस्‍टेट की दिग्‍गज कंपनी एमार एमजीएफ को पब्लिक इश्‍यू यानी आईपीओ वापस लेने पर मजबूर कर दिया। इन कंपनियों को अपने शेयर खरीदने वाले ही नहीं मिले। यहां सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्‍यों हुआ, शेयर बाजार में मंदी ही इनके आईपीओ की मौत के लिए जिम्‍मेदार है। शेयर बाजार में अभी पहली बार मंदी आई हो, ऐसी बात नहीं है। मंदी और तेजी का चक्र चलता रहता है। लेकिन जिस तरह इन कंपनियों ने अपने आईपीओ की प्राइस बैंड यानी निवेशकों को अपने शेयर बेचने की कीमत रखी वह सही नहीं थी, नतीजन निवेशकों ने इन्‍हें खारिज कर दिया। वोकहार्ट हॉस्पिटल के आईपीओ को केवल 20 फीसदी ही समर्थन मिला। रीयल इस्‍टेट दिग्गज कंपनी एमार एमजीएफ को भी यह समर्थन 38 फीसदी रहा। निवेशकों के इतने कमजोर समर्थन ने इन दोनों कंपनियों के लीड मैनेजरों को आईपीओ वापस लेने पर मजबूर कर दिया। फर्स्ट ग्लोबल के शंकर शर्मा का कहना है कि निवेशकों को डर है कि आईपीओ के शेयर बीएसई और एनएसई में लिस्टेड होने

रिलायंस पावर पर नजर !

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भारतीय शेयर बाजार के लिए अगले सप्‍ताह का पहला सोमवार यानी 11 फरवरी 2008 खास होगा। शेयर बाजार ज्‍योंहि सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर खुलेगा, सभी की नजरें इस पर लगी होंगी कि अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर की लिस्टिंग किस भाव पर होती है। रिलायंस पावर का जब पब्लिक इश्‍यू खुला हुआ था तब इसके हर शेयर का प्रीमियम 400 से 450 रुपए बोला जा रहा था। लेकिन, पब्लिक इश्‍यू बंद होने के बाद शेयर बाजार को जोरदार ग्रहण लगा और आज यह प्रीमियम घटकर 125 से 150 रुपए तक सिमट कर रह गया है। शेयर बाजार विश्‍लेषक कहते हैं कि हमें अब रिलायंस पावर के 125 से 150 रुपए प्रीमियम पर लिस्‍ट होने के आसार दिख रहे हैं और हर निवेशक को इसका लाभ उठाते हुए मुनाफा वसूली कर लेनी चाहिए। शेयर बाजार की स्थिति में खास सुधार नहीं होता और रिलायंस पावर का शेयर यदि 450 रुपए से नीचे जाता है तो इसे फिर से खरीदा जा सकता है। लेकिन पहला काम मुनाफा वसूली का होना चाहिए। के आर चौकसी सिक्‍युरिटीज के आर एस अय्यर का कहना है कि रिलायंस पावर के 450 से 500 रुपए के आसपास लिस्टिंग होने की संभावना है। यह संभावना शेयर बाजार की खराब मूड और कम वोल्‍

भारत मंदी की चपेट में नहीं: जॉर्ज सोरास

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जॉर्ज सोरास भारतीय उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एंटरटेनमेंट में तीन फीसदी हिस्‍सा दस करोड़ डॉलर में खरीदने की बात कहकर देश्‍ा के अखबारों के पहले पन्‍ने पर चमक रहे हैं। लेकिन 12 अगस्‍त 1930 को हंगरी के बुडापेस्‍ट में जन्‍मा और अब अमरीका में स्‍थाई जॉर्ज सोरास संभवत: निवेश जगत के सबसे कुख्‍यात खिलाड़ी हैं। उन्‍होंने कमाया खूब है लेकिन वे अपने बुरे कारनामों के लिए ज्‍यादा जाने जाते हैं। वे ऐसे खिलाड़ी हैं जो कंपनियों को नहीं, बड़ी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं को ठिकाने लगा देते हैं। वाह मनी के नियमित पाठक और मित्र अरबिंद सोलंकी का तीसरा लेख जो उन्‍होंने दुनिया के कुख्‍यात विख्‍यात सटोरिएं जॉर्ज सोरास के बारे में भेजा। आप भी पढ़े इस लेख को। जॉर्ज सोरास ने पौंड में शार्ट पोजीशन खड़ी करके 1992 में बैंक ऑफ इंग्‍लैंड को तबाही के कगार पर पहुंचा दिया था और 1997 में पूर्वी एशियाई देशों की हालत खस्‍ता कर दी थी जिसने एशियन टाइगर कहलाने वाले देशों को चूहा बना दिया था। लेकिन सोरास बड़े दानी भी हैं, विभिन्‍न सामाजिक कार्यों के लिए वे चार अरब डॉलर यानी लगभग 16 हजार करोड़ रुपए दान दे चुके हैं। यहां

नाम बड़े और दर्शन छोटे

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शेयर बाजार में अभी बीस दिन पहले त‍क हर शेयर विश्‍लेषक बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में लिस्‍टेड कंपनियों के शेयरों के नए भाव लक्ष्‍य दे रहे थे और यह बता रहे थे कि जल्‍दी से खरीदों वरना वन टू का फोर हो गया तो आप रह जाओगे। लेकिन इन विश्‍लेषकों को यह नहीं पता था कि फोर तो जब होगा तब होगा पहले वन का चौथाई जरुर हो जाएगा। लेकिन अब इन विश्‍लेषकों ने अपने प्राइस टार्गेट घटाने शुरु कर दिए हैं और निवेशकों को फिर से यह बता रहे हैं कि आप इस कंपनी के शेयर खरीदें और इसके तो ले ही लें। इन विश्‍लेषकों ने व्‍यावहारिक चीजों को दरकिनार कर अनाप शनाप प्राइस टार्गेट दिए जिसने होमवर्क न करने वाले निवेशकों को सबसे पहले डुबोया और भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा वे ही निवेशक हैं जो खुद होमवर्क नहीं करते। वाह मनी लगातार कहता आ रहा है कि पैसा कमाने के लिए खुद भी होमवर्क करें और जिस कंपनी में निवेश करने जा रहे हैं उसके बारे में काफी कुछ पढ़ें। शेयर विश्‍लेषक तो इस साल बीएसई इंडेक्‍स के 35 से 40 हजार अंक तक पहुंच जाने की दावे के साथ भविष्‍यवाणी कर रहे थे। फरवरी में तो मानना था कि 25 हजार अंक से ऊपर इंडेक्‍स दिखेगा,

जिम रोजर्स ने छोड़ा ठंडे अमरीका को

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वाह मनी के नियमित पाठक और मित्र अरबिंद सोलंकी का दूसरा लेख जो उन्‍होंने दुनिया के एक और बड़े निवेश गुरु जिम रोजर्स के बारे में भेजा। आप भी पढ़ें इस लेख को। हॉट कमोडिटी के लेखक और जाने माने कमोडिटी व इक्विटी विशेषज्ञ जिम रोजर्स ने अपना मेनहटन (न्‍यूयार्क) का पसंदीदा घर बेच दिया है। यह मकान उन्‍होंने 30 साल पहले एक लाख डॉलर में खरीदा था और बेचा है तकरीबन 1.57 करोड़ डॉलर में। हालांकि, यह कोई खास खबर नहीं है, खास तो यह है कि वे अब सिंगापुर आ गए हैं और उन्‍हें अपने देश अमरीका पर भरोसा नहीं रहा। वे मानते हैं कि अमरीका को मंदी से कोई नहीं बचा सकता। अब आप कहेंगे कि सिंगापुर में बसने में क्‍या बड़ी बात हुई तो बता दूं कि रोजर्स स्‍थान परिवर्तन अमरीकी अर्थव्‍यवस्‍था के घटते दबदबे और चीन के बाजार के प्रति बढ़ते विश्‍वास के कारण कर रहे हैं। मतलब रोजर्स को अमरीका दमहीन और चीन दमदार नजर आ रहा है। ऐसा नहीं कि रोजर्स ने यह फैसला अचानक लिया है। वे सालों से चीन को लेकर बुलिश हैं और काफी पहले एक्‍शन सेंटर यानी चीन के नजदीक रहने की बात कह चुके हैं। इस नजरिए से देखें तो रोजर्स का फैसला काफी रणनीतिक लगता

रिलायंस पावर की लिस्टिंग ट्रिगर होगी शेयर बाजार के लिए

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अनिल धीरुभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड की लिस्टिंग घरेलू शेयर बाजार के लिए शार्ट टर्म में अहम ट्रिकर साबित होगी। इस कंपनी की लिस्टिंग संभवत: 11 फरवरी को होगी। यह इश्‍यू 11560 करोड़ रुपए का रहा। भारतीय शेयर बाजार में 1 फरवरी के बाद आज पहले कारोबारी दिवस पर भी खासा सुधार देखने को मिला और बीएसई सूचकांक 18660 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, इस सुधार के बावजूद रिलायंस पावर से रिफंड आने वाले एक लाख करोड़ रुपए बाजार में आने की संभावना कम है। छोटे निवेशकों का मूड इस समय नया पैसा बाजार में लगाने का बिल्‍कुल दिखाई नहीं दे रहा, जब तक कि वे जहां फंसे हुए हैं, वहां से निकल नहीं जाते। हालांकि, भारतीय म्‍युच्‍यूअल फंड और बीमा कंपनियों के पास काफी पैसा है और नया पैसा भी आ रहा है। असल में इन कंपनियों को दिसंबर से मार्च के दौरान टैक्‍स सेविंग में होने वाले निवेश के तहत नया पैसा मिलता है। यदि यह पैसा शेयर बाजार में आता है तो बेहतर सुधार हो सकता है। शेयर बाजार में अगले सुधार के टिकने और मिडकैप व स्‍मॉल कैप कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी से ही छोटे निवेशकों का बाजार के प्रति भरोसा लौट सकता है। वा

इक्विटी बाजार में बड़ी तबाही की दस्‍तक !

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वाह मनी ब्‍लॉग का आज पहला जन्‍मदिन है। इस ब्‍लॉग के नियमित पाठक और मित्र अरबिंद सोलंकी ने वाह मनी की पहली वर्षगांठ पर विशेष रुप से यह लेख भेजा है जिसमें उन्‍होंने शेयर बाजार के खिलाडि़यों को चेताया है कि मौजूदा हालात इक्विटी बाजार में बड़ी तबाही की दस्‍तक है। कबीरा खड़ा बाजार में लिए लुकाटी हाथ, जो घर फूंके आपना चले हमारे साथ। कबीर को भी पता नहीं क्‍या हो जाता था, जब चाहे बाजार में खड़े हो जाते थे। किसी की खैर मांगेंगे तो बाजार में खड़े होकर और किसी को घर फूंक अपने साथ चलने को कहेंगे तो बाजार में खड़े होकर। कबीर का बाजार में खड़े होने का प्रेम समझ से परे है। अपने फक्‍कड़पन या विचारधारा के कारण कबीर, कम्‍युनिस्‍ट किस्‍म के लोगों में काफी लोकप्रिय हैं लेकिन जिस तरह से वे जब तब बाजार में खड़े हो जाते हैं या थे वे मुझे खांटी कैपिटिल्सिट लगते हैं। खैर! कबीर बाजार में खड़े हों या किसी मैदान में हमें ? दरअसल इस लेख का कबीर से या उनके बाजार में खड़े होने से कोई संबंध नहीं है। यह लेख तो शेयर बाजार में खड़े लोगों के लिए है जो मक्‍खी की तरह पूरा गुड़ चट करने की कोशिश में हैं। उन्‍हें लग रहा है