शेयर बाजार में मंगल का रोल !
शेयर बाजार का सीधा संबंध मंगल से है। किसी व्यक्ति विशेष की कुण्डली में मंगल की सकारात्मक स्थिति उसे शेयर बाजार में लाभ दिलाती है। बारह भावों में से पांचवा भाव प्रारब्ध से जुड़ा होता है। पूर्व जन्म के कर्म हमें इस जन्म में अनायास लाभ दिलाते हैं। पांचवें भाव के साथ मंगल का साथ होने पर हौंसला और भाग्य आपस में जुड़ जाते हैं।
इस तरह शेयर बाजार के उतार चढ़ाव के बीच द्वीप की तरह खड़ा व्यक्ति आसानी से प्रेशर को झेल जाता है और उम्मीद के मुताबिक धन कमाता है। किसी व्यक्ति की कुण्डली में शेयर बाजार से पैसा कमाने का योग है अथवा नहीं यह देखने के लिए पहले उसके पांचवें भाव के सब लार्ड को देखने की आवश्यकता होती है। पांचवें भाव का सबलार्ड किसी भी तरह से मंगल से संबंध बनाता हो तो समझ लीजिए कि शेयर बाजार का काम किया जा सकता है।
इसके बाद नंबर आता है बाजार में टिके रहने का। इसके लिए जरूरी है कि जातक का सूर्य भी मजबूत हो यानि सूर्य लग्न, पांचवें या मंगल से अच्छी तरह संबंधित हो तो ऐसा व्यक्ति पूरे भरोसे के साथ अंत तक बाजार में टिका रहता है । एक दिन में कई बार सौदे करने वाले लोगों के लिए चंद्रमा को भी देखना पड़ता है ।
ऐसे लोगों का चंद्रमा बारहवें भाव से संबंध कर या तो पूरी तरह खराब हुआ होता है या फिर पांचवे भाव में ही बैठकर स्पेक्युलेटिव माइंड देता है! चंद्रमा की खराब स्थिति में व्यक्ति शेयर बाजार से कमाकर भी सुखी नहीं रह पाता है जबकि पांचवें भाव का चंद्रमा वाला व्यक्ति शेयर बाजार में आसानी से कमाता है और जल्दी बाहर आ जाता है।
शेयर बाजार में कौनसी कंपनियां मंगल के अधीन हैं इस बात का कोई लेन देन शेयर बाजार और मंगल से नहीं है लेकिन जातक की कुण्डली में मंगल का रोल अधिक महत्वपूर्ण है। शेयर बाजार की नेचर के संबंध में सबसे आम धारणा यही है कि यह एक बैटल फील्ड है यानि युद्ध का मैदान कब कौनसी गोली किधर से आकर लग जाएगी कोई नहीं जानता।
एक बार एक सटोरिए ने यह फिलासाफी मुझे समझाई थी। एनसीडीईएक्स के इस सटोरिए ने जिन्दगी में कई बार धक्के खाए। पांच सौ रुपए प्रतिमाह की नौकरी से जीवनयापन शुरू करने वाले इस बंदे ने रिजर्व मनी के रूप में साठ करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कर रखी है। जब इसके सितारे गर्दिश में थे तो इसे खुद पर भरोसा नहीं रहा। इसने मुझसे पूछा कि बरखुरदार क्या होगा मेरा। इस पर मेरा एक ही जवाब था कि समय तुम्हारा है युद्ध के मैदान में गिरते रहोगे लेकिन हारोगे नहीं। मेरे पास यह बात कहने का एक ही आधार था कि इस बंदे की कुण्डली का मंगल जबरदस्त था।
तो कौन है जिसे शेयर बाजार में उतरना चाहिए। शेयर बाजार में एक बार निवेश कर देना और सालों तक इंतजार करके बढ़े हुए रुपए पर गर्व करना आदर्श बात है इसे शेयर बाजार में घुसना नहीं कहा जा सकता। मैं बात कर रहा हूं ऐसे लोगों की जो एक दिन में या कुछ दिनों के अंतराल में अच्छा पैसा बना लेते है। इसी अच्छे के फेर में कईयों के वारे न्यारे हो जाते हैं और कुछ कंगाल।
तो चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो, लग्न स्ट्रांग हो और मंगल को सपोर्ट करते हो तो शेयर बाजार में उतर जाना चाहिए। यह तो बहुत स्थूल विश्लेषण हुआ। चंद्रमा हमारे मन का कारक है।अगर यह कमजोर होता है तो शेयर बाजार के उतार चढ़ाव के बहाव के साथ बहने लगता है और सब गुड़ गोबर करा देता है
लग्न- आपने अगर अपनी कुण्डली देखी हो तो उसमें ऊपर एक संख्या लिखी होती है। किसी के एक तो किसी के पांच किसी के सात यह लग्न होता है। प्राय: मेष, सिंह और तुला लग्न के लोग शेयर बाजार के कारोबार के लिए उत्तम होते हैं अन्य लग्नों के लोग भी इसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं जबकि लग्न का अधिपति अच्छी स्थिति में बैठा हो। लग्न उत्तम होने पर आदमी स्पष्ट निर्णय कर पाता है और उस पर अडिग रह पाता है। लंबी रेस के घोडों में यह खासियत होती है कि वे जल्दी से घबराते नहीं है एक बार पिछड़ जाने पर अपने निर्णयों को बदलते नहीं है और रेस के अंत में अधिक प्रयत्न कर जीत जाते हैं।
इन्हें छोटे छोटे झगडों में जीता जा सकता है लेकिन युद्ध वे ही जीतेंगे। इसलिए लग्न बहुत बलशाली होना चाहिए। कोई भी लग्न बलशाली हो सकता है। बशर्ते उस पर किसी क्रूर ग्रह की नजर न पड़ रही हो और उसका मालिक बेहतर स्थिति में हो। अब मंगल सेनापति है। पहले लड़ने के लिए जोश देता है और फिर डटे रहने के लिए बाद में समय पर निकल जाने की बुद्धि भी। तो समझे मंगल का रोल। यह सबसे जरूरी है जो लोग शेयर बाजार को देखते हैं उन्हें पता है कि चंद्रमा, लग्न और मंगल में से सबसे अहम रोल किसका रहेगा। मित्र, सिद्धार्थ जोशी के ब्लॉग से साभार।
टिप्पणियाँ