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फर्टिलाइजर शेयरों में चमक

देश में फर्टिलाइजर सब्सिडी चालू वित्त वर्ष में दुगुनी से ज्‍यादा दिए जाने से आज फर्टिलाइजर शेयरों में तेजी देखी गई। चालू वित्त वर्ष में फर्टिलाइजर सब्सिडी 950 अरब रुपए दिए जाने का अनुमान है जो बीते वित्त वर्ष 2007-08 में 403 अरब रुपए थी। इस सब्सिडी की वजह से फर्टिलाइजर कंपनियों को नियंत्रित भाव पर फर्टिलाइजर बेचने से होने वाले नुकसान की भरपाई होती है। गौरतलब है कि देश में फर्टिलाइजर के दाम सरकार से नियंत्रित हैं और इस वजह से कंपनियों को होने वाली हानि की भरपाई सब्सिडी से होती है। उद्योग जगत की मानें तो सब्सिडी इस साल अधिक दिए जाने की वजह अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में फर्टिलाइजर के दाम बढ़ना है और यह दबाव घरेलू कंपनियों पर भी देखा जा रहा है जिनकी लागत बढ़ी है। यूरिया के दाम अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में 600 डॉलर प्रति टन पहुंच गए हैं जो पहले 200 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह डायमोनियम फास्‍फेट्स यानी डीएपी के दाम 207 डॉलर से 1270 डॉलर प्रति टन पहुंच गए। इस साल देश में 65 लाख टन डीएपी का आयात होने की संभावना है जो पिछले साल 29 लाख टन था। सरकार ने अब देश में फर्टिलाइजर की लागत घटाने के लिए संयंत्रो

निवेशक तैयार रहें प्रतिकूल स्थिति के लिए

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भारतीय शेयर बाजार की अगली चाल क्रूड, डॉलर और मानसून पर निर्भर रहने की बात हमने पिछले सप्‍ताह कही थी और अभी भी ये कारक ही बाजार पर हावी हैं। इस बीच, कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की जीत ने लोकसभा चुनाव जल्‍दी होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। लेकिन भाजपा के लिए दक्षिण के खुले द्धार का शेयर बाजार पर भी असर दिखाई देगा। अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 135 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गए हैं जो यह संकेत देते हैं बाजार गोल्‍डमैन शैश की उस भविष्‍यवाणी की ओर बढ़ रहा है जहां उसने क्रूड के दाम 141 से 200 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने की बात कही थी। यदि ऐसा हुआ तो शेयर बाजार सहित समूची अर्थव्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल असर देखने के लिए निवेशकों को तैयार रहना होगा। क्रूड के बढ़ते दाम से समूची दुनिया के शेयर बाजार इस समय एक बार फिर मंदी की चपेट में आ गए हैं। बीच बीच में आने वाली गर्मी स्‍थाई नहीं बन पा रही है जिसकी वजह से इस समय शेयर बाजार की दिशा भ्रामक है। ऐसी स्थिति में निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश के बजाय बेहद छोटी अवधि या दैनिक कारोबार पर ध्‍यान देना चाहिए। लंबी अवधि के निवेश के लिए लोकसभा चुनाव क

शेयर बाजार मंदडि़यों के हाथों में

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर मंदडि़यों की पकड़ में है। पिछली 9 मई को बनी इंगुलफिंग बीयर कैंडल स्टिक पैटर्न से ही यह पता चला गया था। इसे पैटर्न में शेयर बाजार में एक बार चढ़ाव का समय आता है लेकिन कुछ ही समय में स्थिति बदल जाती है। यह पैटर्न बताता है कि शेयर बाजार पर मंदडि़ए मजबूती से हावी है जिससे बीएसई सेंसेक्‍स में जल्‍द ही बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि, आने वाले दिनों में सेंसेक्‍स वापसी की कोशिश देखी जा सकती है। 16 मई 2008 को समाप्‍त सप्‍ताह में सेंसेक्‍स ने मंदी के इस पैटर्न से उबरने की कोशिश की थी। लेकिन 9 मई को जो कै‍डल स्टिक पैटर्न बना था उसे अब तक पार नहीं पाया जा सका है। सेंसेक्‍स को स्‍पोर्ट 16546 - 16481 अंक पर मिलेगा। यदि सेंसेक्‍स गिरता है और 16481 अंक के नीचे बंद होता है तो 21206 से 14677 अंक गिरने के बाद होने वाली वापसी को फिलहाल भूल जाना चाहिए। 23 मई 2008 को समाप्‍त सप्‍ताह में बीएसई सेंसेक्‍स 17366.05 अंक पर खुला और ऊपर में 17367.13 अंक तक गया। यह नीचे में 16626.11 अंक आया। अंत में सेंसेक्‍स 16649.64 अंक पर बंद हुआ। साप्‍ताहिक आधार पर

क्‍या ऊपरी स्‍तर पर टिक पाएगा सेंसेक्‍स ?

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार बीएसई का सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 16641.45 अंक पर खुला और नीचे में 16546.55 अंक तक गया। लेकिन जल्‍दी ही रिकवर होकर 17497.36 अंक के स्‍तर पर पहुंच गया और 17434.94 अंक पर बंद हुआ। इस तरह साप्‍ताहिक आधार पर इसमें 686 अंक की तेजी देखी गई। 20 मई से शुरु हो रहे नए सप्‍ताह की बात की जाए तो बीएसई सेंसेक्‍स का साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 17600-17773 अंक पर होगा। साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 17159-16821- 16546 अंक पर मिलेगा। यदि सेंसेक्‍स यहां गिरता है और साप्‍ताहिक बंद 16546 अंक आता है तो पिछले सप्‍ताह शेयर बाजार में बना गर्मी का मूड एक बार फिर‍ बिगड़ सकता है। सेंसेक्‍स वेव विश्‍लेषण वेव I-2594 से 3758 वेव II-3758 से 2904 वेव III-इंटरनल्‍स इस तरह: वेव 1- 2904 से 6249 वेव 2-6249 से 4227 वेव 3-4227 से 12671 वेव IV- 12671 से 8799 वेव V- 8799 से 21206 वेव A-21206 से14677 वेव B-14677 से 17735 वेव C- 17735 से 17434 (इस समय प्रगति पर) इंटरनल्‍स ऑफ वेव C वेव i- 17735 से 16546 वेव ii-16546 से 17497 (इस समय प्रगति पर) यदि सेंसेक्‍स 17735 अंक की ऊंचाई को पार देता है तो यह वेव काउं

शेयर बाजार की दौड़ पर लगा ब्रेक

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार की चल रही बढ़त को पिछले सप्‍ताह झटका लगा। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स 17687 अंक पर खुला और ऊपर में 17735.70 अंक तक गया और नीचे में 16678.94 अंक तक गया। अंत में सेंसेक्‍स 16737.07 अंक पर बंद हुआ। इस तरह साप्‍ताहिक आधार पर सेंसेक्‍स में 862 अंक की नरमी आई। तकनीकी चार्ट जो स्थिति बना रहा है उसके मुताबिक यदि सेंसेक्‍स ने जल्‍दी 17735 अंक को पार नहीं किया तो शेयर बाजार में खासी गिरावट देखने को मिल सकती है। शेयर बाजार के लिए पिछले सप्‍ताह हमने बताया था कि यदि सेंसेक्‍स 16978 अंक के नीचे बंद होता है तो शेयर बाजार की बढ़‍त खत्‍म हो सकती है। अब जो संकेत मिल रहे हैं उनके मुताबिक 14677 से 17735 अंक की जो बढ़त आई वह समाप्‍त होती दिख रही है। यहां से शेयर बाजार में और गिरावट आती है तो शेयर बाजार की परीक्षा 17735 अंक ऊंचाई पर होगी और यह पार करता है तो नया ऊपरी स्‍तर देखने को मिलेगा अन्‍यथा नया निचला स्‍तर। इन दोनों स्थितियों में बाजार का लुढ़कना ही दिखेगा। यह स्थिति तत्‍काल होगी या बाद में लेकिन होगी जरुर। साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 17050-17422-17735 अंक

शेयर बाजार पर दुनिया का पहला हिंदी पोर्टल मोलतोल डॉट इन

मोलतोल डॉट इन www.moltol.in शेयर बाजार और कारोबार जगत पर दुनिया की पहली हिंदी वेबसाइट आज 7 मई 2008 को लांच हुई। देश में अब तक पूंजी बाजार और निवेश पर अंग्रेजी में अनेक वेबसाइट मौजूद हैं लेकिन देश के एक बड़े हिंदी भाषी निवेशक वर्ग को बरसों से हिंदी की वेबसाइट का इंतजार था जो अब खत्‍म हो गया है। मोलतोल के कार्यकारी शुभम शर्मा का कहना है कि इस वेबसाइट पर शेयर बाजार के हर पहलू की ऐसी जानकारी है जिसे आम निवेशक जानना चाहता है। सूचनाओं और उनसे समृद्ध होने का खजाना है यहां। मोलतोल डॉट इन आम आदमी को ऐसी सूचनाएं देने का प्रयास है जिससे वह वित्तीय रुप से मजबूत बनने के साथ देश को भी आर्थिक महासत्ता बनाने में अपना योगदान दे सकता है। असल में इस वेबसाइट का उद्देश्‍य आम आदमी की आर्थिक ताकत बढ़ाना है। मोलतोल डॉट इन में शेयर बाजार, बिजनेस जगत की ताजा खबरों से लेकर दिग्‍गज संस्‍थागत निवेशकों की राय, उनसे बातचीत, पब्लिक इश्‍यू, म्‍युचुअल फंड, पूंजी बाजार पर खास फीचर और आर्थिक व्‍यंग्‍य के साथ शेयर बाजार की हस्तियों के इंटरव्‍यू, निवेश से जुड़े सवाल-जवाब और कमोडिटी बाजार का हाल हैं। साथ में है रेडियो दला

सेंसेक्‍स की चढ़ाई में है दम

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार के इंडेक्‍स में फिर से जो गर्मी दिखाई दे रही है उससे पता चलता है आने वाले दिनों में बीएसई सेंसेक्‍स और एनएसई निफ्टी में दम बना रहेगा। बीएसई सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 17251.56 अंक पर खुला ओर नीचे में 16978.89 अंक तक गया लेकिन जल्‍दी ही इसने गति पकड़ी और पहुंच गया 17621;24 अंक की ऊंचाई पर। हालांकि, सेंसेक्‍स आखिर में 17600.12 अंक पर बंद हुआ जो साप्‍ताहिक आधार पर 522 अंक की बढ़त दिखा रहा है। बीएसई सेंसेक्‍स अब अपनी ऊंचाई की ओर वापसी के दूसरे परीक्षण दौर में पहुंच गया है। इस सप्‍ताह साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 17821 - 17942 अंक पर देखने को मिलेगा। साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 17400 - 17178 - 16978 पर देखने को मिलेगा। दो सौ दिन की ईएमए और एसएमए 16907 और 17424 अंक है। पिछले सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 17575 - 18193 की रेंज में प्रवेश किया। इस रेंज में पुल बैक का स्‍तर 17942 अंक दिखता है। ऊपरी छोर पर 17575 - 17821 - 17942 - 18193 अंक के स्‍तर पर नजर रखनी होगी। समान चैनल के अंतर्गत तीन अंक 15532, 14677 और 18895 अंक हैं। ऊप 17968 अंक के आसपास है। यदि बाजार लगातार ऊपर की ओ

चावल कंपनियों के शेयरों में उबाल नहीं

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बासमती चावल के निर्यात पर निर्यात कर लादने की घोषणा से बासमती चावल निर्यात करने वाली कंपनियों के शेयरों को झटका लगा है। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 30 अप्रैल 2008 बुधवार को चावल कंपनियों में केआरबीएल 131.85 रुपए (पिछला बंद भाव 138.75 रुपए), कोहिनूर फूड्स लिमिटेड 94.95 रुपए (पिछला बंद भाव 94.95 रुपए) , एल टी ओवरसीज 57.85 रुपए (पिछला बंद भाव 60.85 रुपए), आरईआई एग्रो 1556.75 रुपए (पिछला बंद भाव 1567.75 रुपए) और चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस 31.25 रुपए (पिछला बंद भाव 30.65 रुपए) पर बंद हुआ। इन मुख्‍य चावल निर्यातक कंपनियों में से चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस में ही मामूली बढ़त दिखी बाकी सभी नरम रहीं। इन चावल कंपनियों के शेयरों के पिछले 52 सप्‍ताह के ऊपरी और निचले भावों को देखें तो केआरबीएल 195/68 रुपए, कोहिनूर फूड्स लिमिटेड 139/45 रुपए, एल टी ओवरसीज 104/36 रुपए, आरईआई एग्रो 1670/188 रुपए और चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस 51/23 रुपए था। केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात को हतोत्साहित करने के इरादे से इस पर आठ हजार रुपए प्रति टन का निर्यात कर लाद दिया है। साथ ही बासमती चावल के निर्यात मूल्य म