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फ़रवरी, 2007 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मीठा जहर !

एक कहावत है जब किसी को गुड़ खिलाकर मारा जा सकता है तो जहर क्‍यों। चीनी उद्योग और चीनी शेयरों में इस समय यही हो रहा है। आम बजट में जहां मार खा रहे चीनी उद्योग की कोई चर्चा तक नहीं है, वहीं चीनी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले अब जमकर रो रहे हैं। केंद्र सरकार ने गन्‍ने के नए पेराई सत्र से पहले कहा था कि इस साल देश में चीनी का उत्‍पादन 230 लाख टन के करीब होगा, लेकिन अब जो सरकार ने आंकडें दिए हैं वे बताते हैं कि यह उत्‍पादन 260 लाख टन से ज्‍यादा है। जब उत्‍पादन से संबंधी सही आंकडें सरकार के पास ही नहीं है तो उद्योग या निवेशक किसका सहारा ले। चीनी निर्यात अब खुल जरुर गया है लेकिन इसका फायदा किसे, है कोई जो यह बता सके। अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में जब चीनी में तेजी थी तो हमने निर्यात रोक दिया और जब जमकर मंदी आ गई तो कहा.....चलो बेटों निर्यात कर पैसा कमाओं, यहां तो तुम्‍हें धैला भी नहीं मिलने वाला। राजनीतिक गलियारों की चर्चा पर भरोसा करें तो चीनी उद्योग का तब तक कोई भला नहीं होगा जब तक केंद्र में कृषि मंत्री शरद पवार रहेंगे। कांग्रेस इस समय शरद पवार से ऊब चुकी है और पश्चिम महाराष्‍ट्र में अप

आम बजट : फायदा, नुकसान

सकारात्‍मक ऑयल और गैस पेट्रो‍केमिकल्‍स स्‍टील एफएमसीजी हैल्‍थकेयर पाइप मैन्‍युफेक्‍चरर्स इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और कंसट्रक्‍शन टेलीकॉम नकारात्‍मक सीमेंट आईटी न्‍यूट्रल पॉवर रियल इस्‍टेट बैंकिंग

बजट और शेयर बाजार

आज शेयर बाजार में जो शुरूआती गिरावट देखने को मिली वह केवल भारतीय बाजारों में ही नहीं थी, बलिक दुनिया भर के शेयर बाजार औंधे मुंह गिरे हैं। हालांकि आम बजट में भी शेयर बाजार के लिए सकारात्‍मक कदम कम ही हैं। पंजाब और उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव में हार के बाद केंद्र सरकार की चिंता महंगाई पर लगाम लगाने की है। यही वजह है कि इस साल आम बजट कृषि आधारित बजट है। म्‍यूच्‍युअल फंड के लाभांश यानी डिविडेंड पर अब कर लगेगा। इसी तरह कंपनी लाभांश पर लगने वाला कर जो अब तक 12.5 फीसदी था अब 15 फीसदी होगा। कर्मचारी स्‍टॉक ऑप्‍शन को भी एफबीटी के तहत लाया गया है। शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन म्‍यूच्‍युअल फंड के माध्‍यम से विदेशी शेयर बाजारों में निवेश किया जा सकेगा। शेयर बाजार में इस समय भले ही गिरावट चल रही है और यह हो सकता बढ़ भी जाए लेकिन इतना तय है कि कोई भी सरकार इस बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था को पीछे नहीं लौटा सकती। सकल घरेलू विकास दर जो कि नौ फीसदी से ज्‍यादा है, इसे घटाने का कोई प्रयास नहीं करेगा। हां, महंगाई को रोकने के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं, जो सभी के हि

रियालिटी स्‍टॉक से रहें दूर

शेयर बाजार के निवेशकों को सलाह है कि वे रियालिटी स्‍टॉक से दूरी रखें। पीला सो सोना यदि आपने यह कहावत सुनी है तो यह जान लें कि जो वस्‍तु पीली दिखती है वह जरुरी नहीं है कि सोना हो। रियालिटी या कंसट्रक्‍शन क्षेत्र की उन्‍हीं कंपनियों में निवेश करें जो बरसों से शेयर बाजारों में सूचीबद्ध है या बेहतर काम कर रही हो। फंडामेंटल और प्रबंधन जानदार हो। भारतीय शेयर बाजार में वर्ष 1930 में बॉम्‍बे रिक्‍लेमेशन नामक कंपनी सूचीबद्ध थी जिसका भाव उस समय छह हजार रुपए प्रति शेयर बोला जा रहा था, जबकि लोगों का वेतन उस समय दस रुपए महीना होता था। कंपनी का दावा था कि वह समुद्र में से जमीन निकालेगी और मुंबई को विशाल से विशाल शहर में बदल देगी लेकिन हुआ क्‍या। कंपनी दिवालिया हो गई और लोगों को लगी बड़ी चोट। अब यह लगता है कि अनेक रियालिटी या कंसट्रक्‍शंस के नाम पर कुछ कंपनियां फिर से इतिहास दोहराने आ रही हैं। आप खुद सोचिए कि ऐसा क्‍या हुआ कि रातों रात ये कंपनियां जो अपने आप को करोड़ों रुपए की स्‍वामी बता रही हैं, आम निवेशक को अपना मुनाफा बांटने आ गईं। इस समय तो कई ऐसी कंपनियों के शेयरों का भाव उनके इश्‍यू प्राइस से

शेयर निवेशक धैर्य रखें

शेयर बाजार के मित्रों को नमस्‍कार। शेयर बाजार में इन दिनों चल रही नरमी से ज्‍यादातर निवेशकों की परेशानी बढ़ती जा रही है और वे अपने निवेश के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन यह समय धैर्य रखने का है और बगैर घबराहट के आप अपने निवेश को बनाए रखें, हालांकि मौजूदा माहौल में नई खरीद कम करें। शेयर बाजार जल्‍दी ही स्थिर होगा और उसी समय निचले स्‍तरों पर बेहतर कंपनियों के शेयर खरीदे जा सकते हैं। हां, इस समय यदि आपको किसी कंपनी के श्‍ोयर में मुनाफा मिल रहा हो तो उसे वसूल सकते हैं। लेकिन घबराकर अपने पूरे पोर्टफोलियो को खाली करना सही नहीं होगा। संसद में आज पेश आर्थिक सर्वे यह बताता है कि अर्थव्‍यवस्‍था के मोर्चे पर कुछ चिंताएं जरुर हैं लेकिन तस्‍वीर उजली है। मौजूदा गिरावट में एक बात जो साफ देखने को मिल रही है, वह है तगड़े फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयरों को बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन बगैर सोचे समझे किए जाने वाले निवेश की स्थिति बिगड़ी हुई है। असल में यह समय आपके धैर्य का है और धैर्य ही आपको विजेता बनाएगा।

INDIA ON FIRE

India's growth rate is close to China's; but signs of overheating suggest that this pace cannot be sustained THE economy is sizzling and foreign businessmen and investors are swarming to Bangalore and Mumbai to grab a piece of the action. India's year-on-year growth rate could well hit double figures at some point in 2007, and the country may even grow faster than China for at least one quarter. But things are so hot there is a big problem: India's current pace of expansion may not be sustainable. On the face of it, the figures are compelling. India's real GDP grew by 9.2% in the year to last September (the latest numbers available). Over the past four years it has clocked up an average annual pace of more than 8%, compared with around 6% in the 1980s and 1990s—and a measly 3.5% during the three decades before 1980, when highly interventionist policies shackled the economy (see chart 1). India seems to be reaping the rewards of reforms that were made in the early 19

Thumbs Rules For Stock Market

Investigate before you invest and not vice versa. Buy companies doing business that you understand. In times of panic, be greedy and buy good companies. Control your emotions -- greed and fear. Be honest with yourself -- book a loss if you think you have gone wrong. Avoid momentum investing. Do not fall prey to herd mentality and take tips with a pinch of salt. Buy more of a stock if it falls, provided you have confidence in the company. Don't gamble -- no day-trading, no leveraged deals and no loan against shares. Follow your stocks periodically and see that all conditions (such as entry barriers and basic investment ingredients) continue to be in place. Hold a company (stock investment) for 3-5 years. Always look for bargains Look for businesses that are in potential growth areas. Avoid companies that are in a dying business segment, even if they offer value. Invest in businesses which have a sustainable competitive advantage.