बजट और शेयर बाजार

आज शेयर बाजार में जो शुरूआती गिरावट देखने को मिली वह केवल भारतीय बाजारों में ही नहीं थी, बलिक दुनिया भर के शेयर बाजार औंधे मुंह गिरे हैं। हालांकि आम बजट में भी शेयर बाजार के लिए सकारात्‍मक कदम कम ही हैं। पंजाब और उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव में हार के बाद केंद्र सरकार की चिंता महंगाई पर लगाम लगाने की है। यही वजह है कि इस साल आम बजट कृषि आधारित बजट है। म्‍यूच्‍युअल फंड के लाभांश यानी डिविडेंड पर अब कर लगेगा। इसी तरह कंपनी लाभांश पर लगने वाला कर जो अब तक 12.5 फीसदी था अब 15 फीसदी होगा। कर्मचारी स्‍टॉक ऑप्‍शन को भी एफबीटी के तहत लाया गया है। शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन म्‍यूच्‍युअल फंड के माध्‍यम से विदेशी शेयर बाजारों में निवेश किया जा सकेगा।

शेयर बाजार में इस समय भले ही गिरावट चल रही है और यह हो सकता बढ़ भी जाए लेकिन इतना तय है कि कोई भी सरकार इस बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था को पीछे नहीं लौटा सकती। सकल घरेलू विकास दर जो कि नौ फीसदी से ज्‍यादा है, इसे घटाने का कोई प्रयास नहीं करेगा। हां, महंगाई को रोकने के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं, जो सभी के हित में होंगे। शेयर बाजार में निवेश करने वाले मेरे सभी मित्रों से मैं एक बार फिर कहना चाहूंगा कि नई खरीद से इस समय बचें लेकिन अपने शानदार शेयरों को औने पौने भावों पर बेचने की गलती भी नहीं करें। हां, खासी गिरावट आने पर खरीद कर इंतजार करना ठीक होगा। बात वही है....धैर्य।

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