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तय है आज लीबिया...कल कश्‍मीर

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अमरीका ने अफगानिस्‍तान और इराक से शायद कुछ सबक नहीं सीखे। इराक में सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाने के लिए समूची दुनिया से सब कुछ झूठ बोला गया। इराक में परमाणु हथियार है, जैविक हथियार है, सद्दाम सब को मार देंगे। इराक में परमाणु निरीक्षण के बहाने उस पर झूठे आरोप लगाए गए। सारे के सारे अंतरराष्‍ट्रीय निरीक्षक अमरीका की रोटियों पर पलने वाले दलाल थे। यूरोप के इशारों पर नाचने वाले भांड थे। इराक की बेबिलोन संस्‍कृति वाले पूरे इराक को ऐसी आग में झोंक दिया, जो कभी नहीं बुझ सकती। बरसों लगेंगे, फिर से इराक में अमन चैन कायम करने के लिए। अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति हमीद करजई तो अमरीका की बैसाखी के बगैर दो दिन नहीं चल सकते। ता‍लिबान आज भी उन्‍हें कुर्सी से उतारकर भाग खड़ा होने पर मजबूर कर देगा। बराक ओबामा के आने के बाद यह आस बंधी थी कि दुनिया में अमन चैन लौटेगा। मार्टिन लूथर किंग से जिस व्‍यक्ति की तुलना की जा रही थी, एक अश्‍वेत जिस तरह से अमरीका का राष्‍ट्रपति बना और वाही वाही की जा रही थी, वह सब अब खत्‍म हुआ। दुनिया को भाषण देने की आड़ में शायद एक कुटिल चाल तैयार की जा रही थी। दुनिया के प्राकृतिक स...

ड्रैगन भी मंदी की चपेट में

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लो अब ड्रैगन भी मंदी की चपेट में आता जा रहा है। चीन की तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था अब अपनी भविष्‍यवाणी के विपरीत ठंडी पड़ती जा रही है जिसने दुनिया के सामने यह चिंता पैदा कर दी है जो अर्थव्‍यवस्‍था उनकी मांग के आधार पर नैया पार लगा सकती थी वही अब उनके वित्तीय संकट को और बढ़ा देगी। चीन सरकार ने जो आंकडें पेश किए हैं उनके मुताबिक चीन की आर्थिक विकास दर वर्ष दर वर्ष तीसरी तिमाही में नौ फीसदी रही। यह दर अभी भी बढि़या दिख रही है लेकिन यह तेजी से घटती भी जा रही है। दूसरी तिमाही में विकास दर 10.1 फीसदी रही जो पहली तिमाही में 10.6 फीसदी थी। चीन की आर्थिक विकास दर वर्ष 2002 के बाद पहली बार दस फीसदी से नीचे रहने की संभावना है। अनेक अर्थशास्‍त्री तो चीनी सरकार के इस विकास दर को तेज करने के अनेक कदम उठाने के बावजूद अगले साल आठ फीसदी से कम रहने की आशंका जता रहे है। अमरीका और यूरोप जैसे बड़े उपभोक्‍ताओं की मांग तेजी से घटने की वजह से निर्यात को झटके लग रहे हैं। इससे चीन के प्रॉपर्टी बाजार की भी हालत कमजोर हो रही है। बीजिंग सहित दूसरे कई शहरों में ढ़ेरों इमारतों को आज भी अपने खरीददारों का इंतजार...