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शेयर बाजार को आखिरी धक्‍का मारने की तैयारी !

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मंदी में डूबे शेयर बाजार को क्‍या अब आखिरी धक्‍का मारने की तैयारी हो रही है। आम निवेशक के विचारों को आगे रखें तो शेयर बाजार में मंदी का अंत नहीं है और उन्‍हें ऐसा लगता है सब कुछ जीरो हो जाएगा। लेकिन ऐसा है नहीं। आम निवेशक की मनोस्थिति में उसे जीरो के अलावा कुछ नहीं दिख रहा जबकि अंधेरे के बाद उजाला और उजाले के बाद अंधियारा प्रकृति का नियम है। शेयर बाजार में यह कोई पहली बार मंदी नहीं आई है। ऐसा कई बार हुआ है लेकिन अब तक निचले और आकर्षक स्‍तर पर लेवाली कर फिर लौटी तेजी में मुनाफाकमाने वाले इस बार की मंदी में गच्‍चा खा गए हैं। हर घटे स्‍तर को निचला स्‍तर मानकर शेयर खरीदने वालों ने पैसा कमाया ही नहीं, बल्कि गंवाया ही है। शेयर बाजार की तलहटी का पता न लगते देख अब ऐसे निवेशकों ने खरीद रोक दी है। मंदडि़यों ने पूरे देश को ही नहीं बल्कि सारी दुनिया को मंदी में उतार दिया है। बस बेचो..बस बेचो...यही एक शब्‍द सब जगह गुंज रहा है। लेकिन हर बार ऐसा हुआ है पूरी तरह मंदी या तेजी में डूबा देने के बाद खिलाड़ी खेल बदलते हैं। यदि आपको याद हो तो दिसंबर 2008 में हर कोई मानकर चल रहा था कि रिलायंस पावर का आईपीओ