जनविद्रोह की चिंगारी ज्वाला बनने की तैयारी में
भूखे भजन न होय गोपाला....भारत में यह कहावत बरसों से चली आ रही है। इसी भूख, महंगाई, गरीबी, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की वजह से टयूनिशिया के बरसों से जमे राष्ट्रपति को जान बचाकर भागना पड़ा, वही यह चिंगारी अब इज्पित में ज्वाला बन रही है। 30 साल से कुर्सी से चिपके राष्ट्रपति होस्नी मुबारक अंतिम दांव खेल रहे हैं कि सेना और अमरीका के सहयोग या फिर इजरायल के दबाव से वे सत्ता में बने रह जाएं लेकिन सभी सत्ताओं से ऊपर जनता ने उनको अल्टीमेटम दे दिया है कि खैर चाहते हो तो चुपचाप हट जाओ वरना सिर, आंख पर बैठाने वाली जनता को तुम्हें नीचे उतारना भी आता है। संभवत: मुबारक इजिप्त से भागने के बाद किस देश में रहेंगे, की भी संभावना तलाश रहे हैं। टयूनिशिया में एक जवान छोकरे ने जो चिंगारी पैदा की वह अब इजिप्त के अलावा अलजीरिया, जार्डन, यमन, लीबिया को भी अपनी चपेट में लेने जा रही है। इन मुस्लिम शासक देशों में बरसों से डंडे का शासन चला आ रहा है लेकिन कारण केवल शासन नहीं है, बल्कि आम जनता का जबरदस्त त्रस्त होना है। जनता को शांति से जीने नहीं दिया जा रहा। महंगाई, बेरोजगारी को रोकने में ये शासक नाकाम रहे ...