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हिंदुस्‍तानी जनता अब रोएगी महंगी चीनी का रोना

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समूची दुनिया में पड़ रही इस जोरदार सर्दी के मौसम में सभी के दांत किटकिटा रहे हैं, शरीर कांप रहा है। बर्फ और सर्दी...बचाओ भगवान। सर्दी से बचने के लिए गर्मा गर्म चाय पीकर कुछ जोश आ जाता है आम आदमी के शरीर में। लेकिन अब यह सुख भी जल्‍दी दूर होना वाला है। उल्‍टा गाना गाना पड़ेगा...सुख भरे दिन बीते रे भैया, अब दुख आया रे...रोना धोना नया लाया रे। प्‍याज, लहसुन, टमाटर, आलू, सब्जियां, फल, दूध इन सबके बाद पिछले थोड़े समय से चैन से खा रहे कुछ सस्‍ती चीनी अब कड़वी होने जा रही है। 27 दिसंबर 2010 को जब हिंदुस्‍तान की जनता आंख खोलेगी चाय पीने के लिए तब उसे पता चलेगा कि आज से तो चीनी में सारे सट्टेबाज दुगुने जोश से जुट गए हैं। कमोडिटी एक्‍सचेंज खुलेंगे दस बजे और चालू हो जाएगा चीनी में सट्टा। एक के दो, दो के चार। मारो इस साली जनता को जो बहुत दिनों से सस्‍ती चीनी खा रही थी। इसे इस बार चीनी 42 के बजाय 48 में नहीं खिलवाई तो हमारा नाम सट्टेबाज नहीं। देश का जीडीपी का बढ़ रहा है और इसे चाहिए सस्‍ते में चीनी। मुंह मीठा करना है कि देश खूब प्रोगरेस कर रहा है लेकिन सस्‍ते की आदत नहीं जाती। इस फोकट चंद जनता को ...