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अगस्त, 2007 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विजया बैंक फायदेमंद

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यदि आपका इरादा किसी बैंक स्‍टॉक में निवेश करने का है और वह भी सस्‍ता स्‍टॉक तो विजया बैंक फायदेमंद साबित होगा। विजया बैंक की खरीद मौजूदा भाव स्‍तर 56 रुपए पर की जा सकती है और जब यह 60 रुपए को पार करता है तो आप अपना निवेश बढ़ा सकते हैं। विजया बैंक का पहला लक्ष्‍य 75 रुपए है। इस स्‍तर को पार करने पर यह 135/140 रुपए तक जा सकता है।

शेयर एफएंडओ में 14 नई कंपनियां

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नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज की एफएंडओ लिस्‍ट में 14 और कंपनियां जुड़ गई हैं। यानी अब इन कंपनियों में कोई सर्किट सीमा नहीं होगी और वायदा खेला जा सकेगा। कंपनियों के नाम इस तरह हैं : 3 आई इंफोटेक एप्‍टेक भूषण स्‍टील बायोकॉन सीएमसी हवील्‍स इंडिया लक्ष्‍मी मशींस निट टेक्‍नालॉजिस न्‍युक्लियस सॉफ्टवेयर सासकेन कम्‍युनिकेशन टेक महिंद्रा तुलीप आईटी सर्विसेज वेल्‍सपन गुजरात यस बैंक

एसएमएस पढ़ने के लिए मिलता है पैसा

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अपने मोबाइल पर आने वाले बेतहाशा प्रमोशनल एसएमएस की वजह से आप भी परेशान होंगे। आजकल मोबाइल मार्केटिंग का यह नया ट्रेंड शुरू हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ उपभोक्ता ऐसे भी हैं, जो इन एसएमएस के जरिए पैसा भी कमा रहे हैं? मोबाइल की घंटी बजते ही आपको पता चला कि एसएमएस आया है। आपने उतावलेपन में उसे फटाफट खोलकर देखा, लेकिन खोलते ही पता चला कि यह एक विज्ञापन था। अब आपका पारा सातवें आसमान पर चढ़ा हुआ है, लेकिन जरा रुकिए जनाब। क्या आप यह जानते हैं कि इन्हीं एसएमएस के जरिए आप खुद इतना पैसा कमा सकते हैं कि कम से कम अपने महीनेभर का मोबाइल बिल तो आराम से चुका ही दें। वैसे यह बात उन लोगों के लिए नई नहीं होगी, जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। असल में इंटरनेट पर ईमेल पढ़ने के लिए भी पैसे दिए जाते हैं। इसमें यूजर को बस अपना नेटवर्क ज्यादा से ज्यादा बड़ा बनाना होता है। जितना बड़ा नेटवर्क होगा, यानी यूजर जितने फ्रेंड्स बनाएगा, वह उतने पैसे कमा सकेगा। ऐसी ही एक सर्विस का इस्तेमाल कर रहे आशुतोष गुप्ता कहते हैं, 'मैं ऐसी एक साइट से काफी पैसे कमा चुका हूं। तीन महीने पहले मैंने ये साइट जॉइन की थ

बिजली बनाएगी मालामाल

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इकॉनामिक टाइम्‍स में छपी एक खबर बिजली क्षेत्र की कंपनियों में किए जाने वाले निवेशकों के लिए खास खबर हो सकती है। वाह मनी ब्‍लॉग हमेशा कहता आया है कि जो भी निवेशक अपना निवेश बिजली क्षेत्र के शेयरों में लगाएंगे वे आने वाले दिनों में मालामाल होंगे और हो सकता है यह तेजी इतनी जोरदार हो कि निवेशक आईटी क्षेत्र की तेजी को भूल जाएं। पढि़ए यह खबर और करें निवेश बिजली क्षेत्र की कंपनियों में। पावर सेक्टर की छोटी कंपनियों को सरकार टैक्स छूट देने पर विचार कर रही है। यह छूट इनकम टैक्स और कस्टम ड्यूटी में दी जा सकती है। 25 मेगावॉट से लेकर 1000 मेगावॉट तक बिजली पैदा करने वाली कंपनियां इसके दायरे में आएंगी। ऊर्जा मंत्रालय ने एक कैबिनेट नोट जारी किया है। इसमें वित्तीय छूट की पात्रता रखने वाली पावर कंपनियों की प्रॉडक्शन कपैसिटी की सीमा कम की गई है। उम्मीद है कि इन तब्दीलियों को नई मेगा पावर पॉलिसी में शामिल किया जाएगा। फिलहाल इस पॉलिसी के रिव्यू का काम चल रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक ऐसी पावर कंपनियों से कस्टम ड्यूटी नहीं ली जाएगी। साथ ही उन्हें 10 साल तक इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अपनी स्थापना से 15 साल क

शेयर में लॉटरी अगले महीने

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शेयर बाजार में लॉटरी....अनोखी बात लेकिन यहां आने वाले सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ में आजकल लॉटरी ही तो लगती है। अधिकतर निवेशक पिछले कुछ समय से आने वाले नए आईपीओ में जमकर निवेश कर रहे हैं क्‍योंकि उन्‍हें पता है कि ऐसी ज्‍यादातर कंपनियों की लिस्टिंग इश्‍यू प्राइस से ऊंची होती है और उस समय आबंटित शेयर बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है। आईपीओ में कम समय में अपने निवेश पर सबसे ज्‍यादा और जल्‍दी बड़ा रिटर्न मिलने का मौका रहता है। ऐसा ही होने वाला है आने वाले दिनों में। पूंजी बाजार में दो कंपनियां पावर ग्रिड कार्पोरेशन और रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन जल्‍दी ही आने वाली हैं। इन दोनों सरकारी कंपनियों की आईपीओ में आंख मूंदकर निवेश किया जा सकता है। बिजली क्षेत्र के तेज विकास को देखते हुए एनटीपीसी, पावर फाइनेंस कार्पोरेशन और पीटीसी इंडिया के बाद इन दोनों कंपनियों में निवेश करने से नहीं चूके। हालांकि, शार्ट टर्म के अलावा जो निवेशक लांग टर्म का व्‍यू लेकर चलना चाहते हैं, वे भी इन कंपनियों के निवेश में खासी कमाई करेंगे। पावर ग्रिड कार्पोरेशन लिमिटेड दस रुपए वाले 57.39 करोड़ शेयर जारी करेगी जिसके तह

शार्ट पोजीशन से निकले और मुनाफा गांठ बांधे

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार में पिछले सप्‍ताह भी खासी चंचलता बनी रही। पिछले सप्‍ताह सेंसेक्‍स 14512.28 अंक पर खुला और ऊपर में यह 14680.09 अंक तक गया और नीचे में 13870.70 अंक आया। शुक्रवार को सेंसेक्‍स 14224.87 अंक पर बंद हुआ जो साप्‍ताहिक आधार पर 308 अंक की शुद्ध बढ़त दिखाता है। शेयर बाजार के साप्‍ताहिक रुझान की बात की जाए तो यह नरमी का है और यह ऊपर में 15069 अंक को पार करने के बाद ही तेजी की तरफ बढ़ेगा या यदि शुक्रवार को यह साप्‍ताहिक आधार पर 14643 से ऊपर जाने पर ही ऐसा होगा। साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 14479/15090 है और साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 14141/13970/13779 होगा। शेयर बाजार का विस्‍तार से हाल जानने के लिए इलियट वेव काउंट पर एक नजर : फर्स्‍ट काउंट : वेव 1- 2594 to 3758; वेव 2- 3758 to 2828; वेव 3-2828 to 12671; इंटरनल्‍स ऑफ वेव 3 वेव i- 2904 to 3416 वेव ii- 3416 to 2904 वेव iii- 2904 to 6249 वेव iv- 6249 to 4227 वेव v- 4227 to 12671 वेव 4 वेव a -12671 to 8799 वेव b-8799 to 14723 वेव c-14723 to 12316 वेव 5- 12316 to 15868 इंटरनल्‍स ऑफ वेव 5 वेव 1- 12316 to 13386 वेव 2- 13386 to

शेयर बाजार अब ज्‍यादा हॉट नहीं

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दुनिया भर के शेयर बाजारों के साथ भारतीय शेयर बाजारों की जो गत बिगड़ी है उसकी दो वजह है। एक-विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली, दो-देश में पैदा हुआ राजनीतिक संकट। हालांकि, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के फंडामेंटल्‍स को लेकर किसी तरह की कोई समस्‍या नहीं है और वे पहले की तरह मजबूत बने हुए हैं लेकिन उपर्युक्‍त दो कारणों ने शेयर बाजार की गर्मी पर पानी डाला है। अर्थव्‍यवस्‍था के बैरोमीटर बीएसई के सेंसेक्‍स को 12800 के स्‍तर पर मजबूत स्‍पोर्ट मिलना चाहिए और अब हम अपने इस मत से पीछे हट रहे हैं कि इस साल के अंत तक बीएसई सेंसेक्‍स 18 हजार के अंक को छू जाएगा। हमारी राय में अब साल के आखिर तक सेंसेक्‍स 17 हजार के स्‍तर तक जा पाएगा क्‍योंकि अब जो भी तगड़ी बढ़त होगी, वहां मुनाफा वसूली उससे ज्‍यादा जोर से आएगी जिसकी वजह से सेंसेक्‍स हमारे पूर्व अनुमान 18 हजार तक नहीं पहुंच पाएगा। दूर रहने में भलाई निवेशकों को हमारी सलाह है कि वे नई खरीद से कुछ समय दूर रहें जब तक कि सेंसेक्‍स 15 हजार के अंक को पार नहीं कर जाता, बल्कि इस दौरान मुनाफा वसूली जरुर करते रहे या फिर उन कंपनियों में ही इंट्रा डे ट्रेडिंग क

कम्‍युनिस्‍ट बिजी हैं ‘न्‍यू क्लियर डील’ में

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भारत-अमरीका के बीच हो रही न्‍युक्लियर डील को लेकर हंगामा मचा रहे कम्‍युनिस्‍टों को देश की चिंता कब से सताने लगी। असल में कम्‍युनिस्‍ट इस समय कांग्रेस के साथ इस डील पर नहीं बल्कि ‘न्‍यू क्लियर डील’ पर बातचीत कर रहे हैं। यानी यदि भारत और अमरीका के बीच न्‍युक्लियर डील पर हमें चुप करना है तो पहले इस ‘डील को क्लियर’ करने के लिए हमारे साथ सौदेबाजी करो। हम यहां कम्‍युनिस्‍टों से पूछना चाहते हैं कि जब भारत और अमरीका के बीच इस करार को लेकर शुरूआती बातचीत और करार हुए थे तब क्‍या कम्‍युनिस्‍टों को इसके प्रभाव और मसौदे की जानकारी नहीं थी। हर सुबह उठकर चीन की ओर देखने वाले कम्‍युनिस्‍टों को यह बिल्‍कुल गवारा नहीं है कि भारत के अमरीका के साथ संबंध मजबूत बने या फिर भारत एशिया महाद्धीप में चीन से ज्‍यादा शक्तिशाली बने। समूची दुनिया में कम्‍युनिजम का क्‍या हुआ यह किसी से छिपा नहीं है और कम्‍युनिजम के सिद्धांत ताश के पत्‍तों की तरह वहीं ढेर हुए जो देश इन सिद्धांतों पर पल बढ़ रहे थे। भारत में पहले कम्‍युनिस्‍ट अपनी बदौलत दिल्‍ली की गद्दी हासिल करे और फिर देश का विकास व उसकी चिंता करे, तो ही उचित होगा। ह

शेयर बाजार में रहें सचेत

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में अमरीका के एक छोटे से कदम से गर्मी आ गई है। निवेशकों के चेहरे भी खिल उठे हैं। लेकिन अभी इस गर्मी के टिकने और बढ़ने के बारे में कोई भी आश्‍वस्‍‍त नहीं हैं। भारतीय शेयर बाजार के सेंसेक्‍स को देखें तो 14680 के आज के उच्‍च स्‍तर को यह अभी बरकरार नहीं रख पाया है और इस अचानक बढ़त पर बिकवाली खूब हुई है, जिस निवेशक को जिस किसी शेयर में मुनाफा मिल रहा था, उसने उसे गांठ बांधना उचित समझा। कई निवेशकों को अब यह समझ में आ रहा है कि आज जो मुनाफा आपकी जेब में आ सकता है, वह कल किसी और की जेब में जा सकता है। भलाई इसमें ही है कि मुनाफा लेते चलो और लालच से बचों। लेकिन यह भी सच है कि बाजार एक बार फिर ठीक ठाक बढ़त की ओर चला तो लालचियों की संख्‍या भी बढ़ती जाएगी, जो उन्‍हें तगड़े झटके देगी। निवेशकों को हमारी सलाह है कि इस समय बेहतर शेयरों में ही इंट्रा डे ट्रेडिंग करें और जहां भी मुनाफा मिले, सौदे काट लें। हम आपको एक बात कहना चाहते हैं कि जिस जगह से भी आपको किसी कंपनी या अर्थव्‍यवस्‍था से जुड़ी कोई खबर मिलती हो उसे बेह‍द बारीकी से पढ़े और उसके परिणाम के बारे में सोचें क्‍योंकि यद

हताशा से उबरो पार्थ

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में चल रही तगड़ी गिरावट से काफी निवेशक हताश हो चुके हैं। कल एक ही दिन में हैज फंडों की बिकवाली से निवेशकों के एक लाख 70 हजार करोड़ रूपए साफ हो गए। मैंने कई निवेशकों के उतरे हुए चेहरे, दुखी चेहरे और आंसूओं से भीगी पलकें देखी है। इस विषम स्थिति में हम फिर से कहना चाहेंगे कि धैर्य रखें और यदि आप डिलीवरी आधारित कारोबार करने वाले निवेशक हैं तो निराश न हो क्‍योंकि शेयर बाजार अगले छह महीने में बेहतर स्थिति में होगा। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के न तो फंडामेंटल खराब हुए हैं और न ही उनमें कोई बड़ा बदलाव हुआ है। यह सही है कि अमरीका, जापान में जो हालात बिगड़े हैं उनका असर दुनिया भर में पड़ा है क्‍योंकि डॉलर के प्रभाव से कोई बच नहीं सकता। निवेशकों को हमारी सलाह है कि जहां भी हल्‍के सुधार के साथ उन्‍हें जिन कंपनियों के शेयरों में मुनाफा मिल रहा हो, उसे वसूल लें। जिन कंपनियों के निवेश में बड़ा घाटा हो रहा हो, उनमें प्राइस एवरेज करने के लिए नई खरीद अभी नहीं करे, बल्कि दो सप्‍ताह प्रतीक्षा करें। प्राइस एवरेज के लिए की जाने वाली नई खरीद में शेयरों की लेवाली बेहद छोटी छोटी मात्रा मे

झंडा ऊंचा रहे हमारा

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बढ़े चलो, चले चलो

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देश के विख्‍यात निवेशक राकेश झुनझुनूवाला का कहना है कि वर्ष 2012 तक बीएसई सेंसेक्‍स 25 हजार अंक पहुंच जाएगा। वे मानते हैं कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था इस बात के संकेत दे रही है कि तेजी कायम रहेगी। एकदम सही कहा है राकेश झुनझुनूवाला ने। वाह मनी ब्‍लॉग शुरू से ही कहता आया है कि हर गिरावट आपके लिए बेहतर कंपनियों के शेयर खरीद के मौके खड़ी करती है और हर बड़ी तेजी आंशिक मुनाफा वसूली। असल में हर गिरावट के बाद एक उछाल आता है लेकिन सच्‍चा खिलाड़ी वह है जो हर बड़ी गिरावट में बेहतर शेयर छोटी छोटी मात्रा में खरीदता है। आपको कई बार यह लगता है कि मैंने अमुक कंपनी के शेयर नहीं लिए या चूक गया...लेकिन ऐसी गिरावट आपको बेहतर कंपनियों या अपनी पसंदीदा कंपनियों के शेयर खरीदने के मौके देती है। गिरावट के समय जो सबसे बड़ा मंत्र है, पहले आप शांत मन से अपनी पसंदीदा कंपनियों की सूची का विश्‍लेषण करें और यह देखें कि जिन कंपनियों के शेयर आप खरीदना चाहते हैं उनके नतीजे पिछले तीन सालों में किस तरह के आए हैं, प्रबंधन कैसा है, जिस क्षेत्र से कंपनी जुड़ी हैं, उस उद्योग का भविष्‍य कैसा है। क्‍या शेयर खरीदने के बाद आपकी होल्ड

मंदडि़ए हुए हावी

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हितेंद्र वासुदेव शेयर बाजार में पिछले सप्‍ताह हमने बताया था कि तेजडि़एं और मंदडिएं एक दूसरे को पटखनी देने में लगे हैं और पिछले सप्‍ताह की चंचलता इस बात का सबूत रही। बाजार के उठने और गिरने का कारण कोई तय नहीं था और किसी भी समय कुछ भी घट रहा था। बीएसई सेंसेक्‍स 293 अंक की गिरावट के साथ खुला और 27 जुलाई 2007 शुक्रवार को यह 544 अंक नीचे था। इस गिरावट की अभी तक भरपाई नहीं हो सकी है। सेंसेक्‍स का टेस्‍ट 15776/15487 के बीच था लेकिन न तो यह इसे पार कर सका और न ही इसके ऊपर बंद हुआ। 31 जुलाई को सेंसेक्‍स सुधरकर 15568 अंक की ऊंचाई तक गया और 9 अगस्‍त को यह 15542 तक गया लेकिन बाद में बुरी तरह टूटकर 15001 अंक पर बंद हुआ जो 207 अंक की गिरावट दिखाता है। 10 अगस्‍त को सेंसेक्‍स 15100/14674 अंक के गेप के साथ खुला लेकिन बाद में हल्‍का सुधरा और यह गेप 14901/15100 का बना। सेंसेक्‍स के सामने अब दो गेप बाधाएं हैं। सेंसेक्‍स की ऊंचाई अब 15868 और निचाई 15542 मानी जा सकती है। लेकिन यहां एक बात साफ है कि जब तक सेंसेक्‍स 15868 को पार नहीं करता तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि करेक्‍शन पूरा हो गया। हम आपको पहले ही कह

दिल मजबूत होना जरुरी

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में इन दिनों जो भी निवेशक कारोबार कर रहे हैं और यदि उनके दिल कमजोर है तो पहली सलाह यही है कि वे बाजार से निकल जाएं। इस समय शेयर बाजारों में जो उठापटक हो रही है उसे मजबूत दिल वाले ही सह सकते हैं। हालांकि, जिन निवेशकों ने पहले आंशिक मुनाफा वसूली कर ली थी उनके लिए बेहतर स्‍टॉक्‍स सस्‍ते में लेने का समय आ रहा है। यह समय ऐसा होगा जब आपको यह कहिए कि अनेक कंपनियों के शेयर अपने अब तक उच्‍चतम भावों से डिस्‍काउंट में मिलेंगे। त्‍यौहारों से पहले जिस तरह हरेक दुकानों के बाहर बोर्ड लग जाते हैं...सेल..20 प्रतिशत डिस्‍काउंट...सेल...50 फीसदी डिस्‍काउंट। शेयर बाजार में जोरदार..जोरदार तेजी आएगी जिसकी कल्‍पना काफी कम लोगों ने की है और ऐसे त्‍यौहार का आनंद उठाने से पहले यह डिस्‍काउंट सेल रहेगी ताकि त्‍यौहार मनाने से पहले आप सस्‍ते में कुछ चीजें खरीद सकें और दुकानों में आपको नया स्‍टॉक मिल सके। वाकई आप मजबूत दिल वाले हैं तो घबराएं नहीं। आज भारतीय शेयर बाजार सुबह अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों की चाल के मुताबिक खूब बढ़कर खुला लेकिन बीएनपी परिबास के तीन एसेट बेकड फंड के फ्रीज होने की खबर आ

पैसे का पावर है अल्‍फा ट्रांसफार्मर्स में

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अल्‍फा ट्रांसफार्मर्स लिमिटेड देश के पूर्वी भाग में ट्रांसफार्मर बनाने वाली एक मुख्‍य कंपनियों में शामिल है। यह कंपनी यूटीलिटी और औद्योगिक क्षेत्र में काम आने वाले ट्रांसफार्मर का उत्‍पादन करती है। कंपनी बिजली उत्‍पादन और वितरण के काम आने वाले 33 केवी तक के ट्रांसफार्मर बनाती है। इसकी दो उत्‍पादन इकाइयां हैं जो उड़ीसा के भुवनेश्‍वर शहर में हैं। कंपनी को घरेलू बाजार के अलावा आय निर्यात से भी मिलती है। बिजली क्षेत्र में हो रहे तेज विकास को देखते हुए कंपनी ने अपनी क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। अब कंपनी ने देश के पश्चिमी भाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए महाराष्‍ट्र के नासिक में अपनी उत्‍पादन इकाई स्‍थापित करने की योजना बनाई है। साथ ही कंपनी ने बड़ौदा में एक इकाई लीज पर ली है, जहां पावर ट्रांसफार्मर बनाए जाएंगे। सीमित क्षमता की वजह से कंपनी अब तक अपना उतना विकास नहीं कर पाई जितना उसे करना चाहिए था, जबकि इसके पास ऑर्डर की स्थिति संतोषजनक है। कंपनी पर भरोसा किया जाए तो इसके पास एक अरब रुपए के ऑर्डर हैं जिन्‍हें अगले 16 महीनों में पूरा करना है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि कंपनी क

चंचलता जल्‍दी ही रुकेगी

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भारतीय शेयर बाजार में चल रही मौजूदा चंचलता यानी वोलिटिलिटी जल्‍दी ही रुकेगी। पूंजी बाजार के अधिकतर विश्‍लेषक मानते हैं कि दीर्घकाल में इस चंचलता के बने रहने के आसार नहीं हैं, हालांकि यह समय हर गिरावट पर बेहतर स्‍टॉक खरीदने का मौका दे रहा है। इस समय की गई खरीद पर कम से कम छह महीने प्रतीक्षा करने की जरुरत होगी एवं इंतजार करने वाले निवेशकों को ही लाभ होगा। अधिकतर विश्‍लेषकों की राय में शेयर बाजार के अधिकारियों को मौजूदा चंचलता कम करने के लिए कुछ जरुरी कदम भी उठाने होंगे, हालांकि यह भी सच है कि वैश्विकरण में हम दुनिया के बाजारों के रुझान से पड़ने वाले असर को रोक नहीं सकते। लेकिन देश की अर्थव्‍यवस्‍था के उभार और मानसून की सक्रियता का सकारात्‍मक असर दिखाई देगा। हमारी सकल घरेलू उत्‍पाद दर साढ़े आठ से नौ फीसदी रहने और मुद्रास्‍फीति के साढ़े चार से पांच फीसदी के बीच रहने के अनुमान, कार्पोरेट क्षेत्र के नतीजों में 30 फीसदी से ज्‍यादा की ग्रोथ को बाजार के लिए शुभ संकेत माना जाना चाहिए। हम भी आपसे कहना चाहेंगे कि इस समय आप बेहतर कंपनियों की एक सूची बनाएं और यह देखें कि लगातार उम्‍दा नतीजों के अला

बेस्‍ट है पेट्रोनेट एलएनजी

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शेयर बाजार जब भारी उतार चढ़ाव से गुजर रहा हो और आप चाहते हैं कि निवेश सुरक्षित रहें तो पेट्रोनेट एलएनजी से बेहतर स्‍टॉक कोई नहीं। शेयर बाजार में सूचीबद्ध यानी लिस्टिंग कंपनियों में से यदि सुरक्षित और भविष्‍य की शानदार कंपनियों की सूची बनाई जाए तो उसमें पेट्रोनेट एलएनजी को शामिल किए बगैर नहीं रह सकते। इस कंपनी के प्रमोटरों को देखें तो वे हैं : आईओसी, गेल, बीपीसीएल और ओएनजीसी, जो खुद बेहद मजबूत कंपनियां हैं। पेट्रोनेट एलएनजी की वर्ष 2006/07 में कुल आय 5546 करोड़ रूपए रही, जो वर्ष 2005/06 में 3857 करोड़ रूपए थी। कंपनी का शुद्ध लाभ 195 करोड़ रूपए से बढ़कर 313 करोड़ रूपए पहुंच गया। कंपनी की इक्विटी पूंजी 750 करोड़ रूपए है और इस पर प्रति शेयर आय यानी ईपीएस 4.18 रुपए रही जो पिछले साल केवल 2.6 रुपए थी। रिजर्व भी 322 करोड़ रुपए से बढ़कर 526 करोड़ रुपए पहुंच गए। अप्रैल से जून 2007 के तिमाही परिणाम की बात की जाए तो कंपनी की कुल आय 1563 करोड़ रूपए रही, जो पिछले साल समान तिमाही में 1024 करोड़ रुपए थी। इसी तरह शुद्ध मुनाफा भी 56 करोड़ रुपए से बढ़कर 108 करोड़ रुपए पहुंच गया। पेट्रोनेट एलएनजी का शेयर

पीटीसी इंडिया है डार्क हॉर्स

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पीटीसी इंडिया लिमिटेड जल्‍दी ही डार्क हॉर्स साबित होगा। इस कंपनी की भावी योजनाओं और नतीजों पर देखें तो यही लगता है। वैसे भी शेयर बाजार में आई तेजी में अब तक सभी क्षेत्र चल चुके हैं लेकिन बिजली क्षेत्र इससे दूर था और बिजली क्षेत्र पर अब सभी की नजरें हैं। यहां पीटीसी इंडिया से जुड़ी दो खबरें देखते हैं जो आज चर्चा में है। पहली खबर...देश की मुख्‍य बिजली कारोबार कंपनी पीटीसी इंडिया लिमिटेड ने राज्‍य सरकारों के साथ बिजली कारोबार के लिए स्‍पेशल परपज व्‍हीकल्‍स बनाने और दो हजार करोड़ रूपए का एक पावर फंड बनाने का फैसला किया है। पीटीसी इस फंड का उपयोग बिजली बनाने वाली कंपनियों में हिस्‍सा लेने के लिए करेगी। पीटीसी उन कंपनियों से बातचीत कर रही हैं जो अपनी जरुरत से ज्‍यादा बिजली बनाती है लेकिन उसका उपयोग नहीं कर पाती। दूसरा समाचार, फाइनेंशियल टेक्‍नालॉजिस और पीटीसी इंडिया देश का पहला बिजली एक्‍सचेंज खोल रहे हैं जिसमें टाटा पावर और रिलायंस एनर्जी एवं अदानी इंटरप्राइजेज भी शामिल होंगे। इस एक्‍सचेंज में फाइनेंशियल टेक्‍नालॉजिस की भागीदारी 51 फीसदी और पीटीसी इंडिया की हिस्‍सेदारी 26 फीसदी होगी। फाइनें

महलों की रानी डिस्‍काउंट में...

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हिंदी फिल्‍म का एक गाना है तु महलों की रानी, मैं गलियों का राजा...। इस स्थिति में संभवत: मिलन ही न हो दोनों का, लेकिन शेयर बाजार में उल्‍टी स्थिति है। कोई भी मध्‍यम या छोटा निवेशक इस गिरावट में बढि़या से बढि़या कंपनियों के शेयर सस्‍ते में ले सकता है। शेयर बाजार में ऐसी खरीद का मौका बहुत कम आता है। समझदार निवेशक तो यह मानते हैं कि ऐसी गिरावट आती रहे ताकि महलों की रानी या महंगे स्‍टॉक्‍स फोकट में खरीद सके। भारतीय शेयर बाजार आज चार फीसदी के करीब यानी 615 अंक टूटकर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्‍स आज नीचे में 14910 अंक और ऊपर में 15344 अंक रहा, जो अंत में 14935 अंक पर बंद हुआ। यह कहानी है तो सेंसेक्‍स की, लेकिन सभी निवेशक तब ज्‍यादा घबराएं जब सेंसेक्‍स ने 400 अंकों से नीचे जाना शुरू किया। हमने आज सुबह एक पोस्‍ट लिखी थी अपने आप को करिए जीत के लिए तैयार...यदि आप इसे पढ़ते हैं तो आपका दर्द कुछ कम होगा क्‍योंकि इस साल के अंत तक सेंसेक्‍स 18 हजार अंक को छू लेगा। ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में गिरावट अकेले भारतीय बाजार में आई है, बल्कि दुनिया के सभी शेयर बाजारों का यही हाल है। अमरीका से आए नकारात्‍मक का

अपने आप को करिए जीत के लिए तैयार

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में आई गिरावट के लपेटे से भारतीय शेयर बाजार बच नहीं पाए हैं और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स इस समय तकरीबन 545 अंक नीचे चल रहा है यानी कल की जो मजबूती थी वह पूरी तरह साफ हो गई है। हालांकि, हमने 27 जुलाई को भी कहा था कि आप कुछ नहीं खोएंगे यदि धैर्य है तो...हम इस राय पर अभी भी कायम है और यह मानते हैं कि वर्ष 2007 के अंत तक सेंसेक्‍स 18 हजार अंक की ऊंचाई को छू लेगा। असल में हर गिरावट के बाद एक उछाल आता है लेकिन सच्‍चा खिलाड़ी वह है जो हर बड़ी गिरावट में बेहतर शेयर छोटी छोटी मात्रा में खरीदता है। आपको कई बार यह लगता है कि मैंने अमुक कंपनी के शेयर नहीं लिए या चूक गया...लेकिन ऐसी गिरावट आपको बेहतर कंपनियों या अपनी पसंदीदा कंपनियों के शेयर खरीदने के मौके देती है। गिरावट के समय जो सबसे बड़ा मंत्र है, पहले आप शांत मन से अपनी पसंदीदा कंपनियों की सूची का विश्‍लेषण करें और यह देखें कि जिन कंपनियों के शेयर आप खरीदना चाहते हैं उनके नतीजे पिछले तीन सालों में किस तरह के आए हैं, प्रबंधन कैसा है, जिस क्षेत्र से कंपनी जुड़ी हैं, उस उद्योग का भविष्‍य कैसा है। क्‍या शेयर