चंचलता जल्‍दी ही रुकेगी

भारतीय शेयर बाजार में चल रही मौजूदा चंचलता यानी वोलिटिलिटी जल्‍दी ही रुकेगी। पूंजी बाजार के अधिकतर विश्‍लेषक मानते हैं कि दीर्घकाल में इस चंचलता के बने रहने के आसार नहीं हैं, हालांकि यह समय हर गिरावट पर बेहतर स्‍टॉक खरीदने का मौका दे रहा है। इस समय की गई खरीद पर कम से कम छह महीने प्रतीक्षा करने की जरुरत होगी एवं इंतजार करने वाले निवेशकों को ही लाभ होगा।

अधिकतर विश्‍लेषकों की राय में शेयर बाजार के अधिकारियों को मौजूदा चंचलता कम करने के लिए कुछ जरुरी कदम भी उठाने होंगे, हालांकि यह भी सच है कि वैश्विकरण में हम दुनिया के बाजारों के रुझान से पड़ने वाले असर को रोक नहीं सकते। लेकिन देश की अर्थव्‍यवस्‍था के उभार और मानसून की सक्रियता का सकारात्‍मक असर दिखाई देगा। हमारी सकल घरेलू उत्‍पाद दर साढ़े आठ से नौ फीसदी रहने और मुद्रास्‍फीति के साढ़े चार से पांच फीसदी के बीच रहने के अनुमान, कार्पोरेट क्षेत्र के नतीजों में 30 फीसदी से ज्‍यादा की ग्रोथ को बाजार के लिए शुभ संकेत माना जाना चाहिए।

हम भी आपसे कहना चाहेंगे कि इस समय आप बेहतर कंपनियों की एक सूची बनाएं और यह देखें कि लगातार उम्‍दा नतीजों के अलावा प्रबंधन और उद्योग विशेष का भविष्‍य कैसा है। आप इन चीजों को जान लेते हैं तो ऐसी कंपनियों के शेयर छोटी छोटी मात्रा में खरीदते रहें और हर गिरावट पर ऐसा करें ताकि जिन कंपनियों के शेयर आप खरीदना चाहते थे, वे आप जरुर ले सकेंगे। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था उभरते बाजारों में एक उम्‍दा अर्थव्‍यवस्‍था मानी गई है और आप भी इसका लाभ उठाएं। आज भले ही शेयर बाजारों में गिरावट चल रही है लेकिन हम आपसे इतना कह सकते हैं कि दूसरे एशियाई देशों में किया गया निवेश भी भारतीय बाजार की ओर मुड़ेगा क्‍योंकि एशिया में भारत से बेहतर दूसरा नहीं।

टिप्पणियाँ

गरिमा ने कहा…
बढिया जानकारी रही... आपकी पिछली बाते भी सही हूई थी तो ये भी सही होंगी :)
बेनामी ने कहा…
sahi hai ji. giravat ke ye daur jyada nahi chalne wala hai. best information provided by you.

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