निवेश से पहले रियलटी को परखें
भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दर में जो कटौती नहीं कि उससे सबसे ज्यादा कंसट्रक्शन कंपनियां निराश हुई हैं। इन कंपनियों को उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक ने यदि ब्याज दर को 25 बेसिस अंक भी घटाया तो लोग उनके बने मकान, फ्लैट या व्यावसायिक जगह बैंकों से कर्ज लेकर खरीदेंगे क्योंकि उनके कुछ पैसे इसमें बचेंगे। लेकिन, रिजर्व बैंक ने इन कंपनियों के साथ उन लोगों के सपने को भी बिखेर दिया जो ब्याज दर में कमी की आस लगाए बैठे थे। हालांकि, भारतीय पूंजी बाजार में पिछले दो साल में रियालिटी या कंसट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर ढ़ेरों कंपनियां पूंजी बाजार में आई और निवेशकों को लैंड बैंक के साथ बढ़ती मांग के नाम पर खूब ऊंचे दामों में अपने शेयर बेचे हैं। इन कंपनियों के इश्यू की बाढ़ ने देश्ा के हर शहर, कस्बे में जमीन और मकानों की कीमतें रातों रात इतनी अधिक बढ़ा दी कि आम आदमी यही अफसोस कर रहा है कि काश, जिंदगी में एक छोटा सा मकान पेट काटकर पहले ले लिया होता तो अच्छा रहता। खैर! रियालिटी डेवलपरों का कहना है कि ब्याज दर महंगी होने की वजह से उनकी बिक्री प्रभावित हो रही है। खुद भारतीय रिजर्व बैंक क...