पैसे का पावर है अल्फा ट्रांसफार्मर्स में
अल्फा ट्रांसफार्मर्स लिमिटेड देश के पूर्वी भाग में ट्रांसफार्मर बनाने वाली एक मुख्य कंपनियों में शामिल है। यह कंपनी यूटीलिटी और औद्योगिक क्षेत्र में काम आने वाले ट्रांसफार्मर का उत्पादन करती है। कंपनी बिजली उत्पादन और वितरण के काम आने वाले 33 केवी तक के ट्रांसफार्मर बनाती है। इसकी दो उत्पादन इकाइयां हैं जो उड़ीसा के भुवनेश्वर शहर में हैं। कंपनी को घरेलू बाजार के अलावा आय निर्यात से भी मिलती है। बिजली क्षेत्र में हो रहे तेज विकास को देखते हुए कंपनी ने अपनी क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है।
अब कंपनी ने देश के पश्चिमी भाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए महाराष्ट्र के नासिक में अपनी उत्पादन इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है। साथ ही कंपनी ने बड़ौदा में एक इकाई लीज पर ली है, जहां पावर ट्रांसफार्मर बनाए जाएंगे। सीमित क्षमता की वजह से कंपनी अब तक अपना उतना विकास नहीं कर पाई जितना उसे करना चाहिए था, जबकि इसके पास ऑर्डर की स्थिति संतोषजनक है। कंपनी पर भरोसा किया जाए तो इसके पास एक अरब रुपए के ऑर्डर हैं जिन्हें अगले 16 महीनों में पूरा करना है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि कंपनी के लिए यह साल अच्छा रहेगा। इसके अलावा कंपनी की निर्यात आय यूरो में आती है जिससे यह साफ है कि रुपए की तुलना में डॉलर की हुई धुलाई का असर कंपनी की निर्यात आय पर नहीं पड़ेगा।
अल्फा ट्रांसफार्मर्स का सकल कारोबार वित्त वर्ष 2007/08 में 120 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही शुद्ध लाभ दो करोड़ रुपए से अधिक रह सकता है जिस पर प्रति शेयर आय यानी ईपीएस चार रुपए के करीब रहने का अनुमान है। कंपनी की अप्रैल से जून 2007 के दौरान कुल आय साढ़े सात करोड़ रुपए रही जो पिछले साल इसी अवधि में 4.10 करोड़ रुपए थी। इसी तरह शुद्ध मुनाफा 50 लाख रुपए रहा, जो पिछली अवधि में 20 लाख रुपए था। अल्फा ट्रांसफार्मर्स का शेयर इस समय पांच फीसदी के ऊपरी सर्किट के साथ 59.45 रुपए चल रहा है जो 52 सप्ताह में ऊपर में 88 रुपए और नीचे में 35 रुपए बिका था।
अब कंपनी ने देश के पश्चिमी भाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए महाराष्ट्र के नासिक में अपनी उत्पादन इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है। साथ ही कंपनी ने बड़ौदा में एक इकाई लीज पर ली है, जहां पावर ट्रांसफार्मर बनाए जाएंगे। सीमित क्षमता की वजह से कंपनी अब तक अपना उतना विकास नहीं कर पाई जितना उसे करना चाहिए था, जबकि इसके पास ऑर्डर की स्थिति संतोषजनक है। कंपनी पर भरोसा किया जाए तो इसके पास एक अरब रुपए के ऑर्डर हैं जिन्हें अगले 16 महीनों में पूरा करना है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि कंपनी के लिए यह साल अच्छा रहेगा। इसके अलावा कंपनी की निर्यात आय यूरो में आती है जिससे यह साफ है कि रुपए की तुलना में डॉलर की हुई धुलाई का असर कंपनी की निर्यात आय पर नहीं पड़ेगा।
अल्फा ट्रांसफार्मर्स का सकल कारोबार वित्त वर्ष 2007/08 में 120 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही शुद्ध लाभ दो करोड़ रुपए से अधिक रह सकता है जिस पर प्रति शेयर आय यानी ईपीएस चार रुपए के करीब रहने का अनुमान है। कंपनी की अप्रैल से जून 2007 के दौरान कुल आय साढ़े सात करोड़ रुपए रही जो पिछले साल इसी अवधि में 4.10 करोड़ रुपए थी। इसी तरह शुद्ध मुनाफा 50 लाख रुपए रहा, जो पिछली अवधि में 20 लाख रुपए था। अल्फा ट्रांसफार्मर्स का शेयर इस समय पांच फीसदी के ऊपरी सर्किट के साथ 59.45 रुपए चल रहा है जो 52 सप्ताह में ऊपर में 88 रुपए और नीचे में 35 रुपए बिका था।
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