महलों की रानी डिस्काउंट में...
हिंदी फिल्म का एक गाना है तु महलों की रानी, मैं गलियों का राजा...। इस स्थिति में संभवत: मिलन ही न हो दोनों का, लेकिन शेयर बाजार में उल्टी स्थिति है। कोई भी मध्यम या छोटा निवेशक इस गिरावट में बढि़या से बढि़या कंपनियों के शेयर सस्ते में ले सकता है। शेयर बाजार में ऐसी खरीद का मौका बहुत कम आता है। समझदार निवेशक तो यह मानते हैं कि ऐसी गिरावट आती रहे ताकि महलों की रानी या महंगे स्टॉक्स फोकट में खरीद सके।
भारतीय शेयर बाजार आज चार फीसदी के करीब यानी 615 अंक टूटकर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स आज नीचे में 14910 अंक और ऊपर में 15344 अंक रहा, जो अंत में 14935 अंक पर बंद हुआ। यह कहानी है तो सेंसेक्स की, लेकिन सभी निवेशक तब ज्यादा घबराएं जब सेंसेक्स ने 400 अंकों से नीचे जाना शुरू किया। हमने आज सुबह एक पोस्ट लिखी थी अपने आप को करिए जीत के लिए तैयार...यदि आप इसे पढ़ते हैं तो आपका दर्द कुछ कम होगा क्योंकि इस साल के अंत तक सेंसेक्स 18 हजार अंक को छू लेगा। ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में गिरावट अकेले भारतीय बाजार में आई है, बल्कि दुनिया के सभी शेयर बाजारों का यही हाल है। अमरीका से आए नकारात्मक कारणों से दुनिया भर के बाजारों को हिला कर रख दिया है। यह माना जा रहा है कि क्रूड के बढ़ते दाम, निवेशकों का इक्विटी के बजाय बांड में शिफ्ट होना और ब्याज दरें बढ़ने के डर ने इस मंदी को जन्म दिया है।
शेयर बाजार में ज्यों ज्यों गिरावट बढ़ने लगी, निवेशक पूछ रहे थे कि क्या आज सेंसेक्स दस फीसदी तक गिर जाएगा या क्या होगा...हे! भगवान। हमारा मानना है कि जिन्होंने वास्तविक निवेश किया है, ऐसे निवेशक विजेता बनेंगे लेकिन जो निवेशक एफ एंड ओ में सस्ते में अमीर बनने का खेल खेल रहे थे या फिर कचरा टाइप की कंपनियों यानी बगैर फंडामेंटलवाली कंपनियों में निवेश कर रहे थे, उनका सफाया हो गया है और बची खुची स्थिति भी जल्दी ही साफ हो जाएगी। इस समय सेंसेक्स से ज्यादा इस बात पर ध्यान रखें कि आप किस कंपनी में निवेश कर रहे हैं या आपका निवेश किस तरह की कंपनियों में हैं। यदि आपको पैसे से मतलब है तो निवेश ऐसा होना चाहिए जो कंपनियां बेहतर कामकाज कर रही हैं, फंडामेंटल अच्छे हैं।
आज मेरी एक ऑपरेटर से बात हो रही थी जब बाजार धड़ाधड़ नीचे जा रहा था, उस ऑपरेटर ने एक अहम बात बताई कि शेयर बाजार के बाहर एक बोर्ड लग जाएगा कि बेहतर माल लीजिए 30 फीसदी डिस्काउंट पर, 40 फीसदी डिस्काउंट पर, 60 फीसदी डिस्काउंट पर। यह समय तो डिस्काउंट पर बेहतर स्टॉक लेने का, रोने का नहीं। बस आपके बैंक खाते में पैसे होने जरुरी है। उसका कहना था कि जिस भी निवेशक ने होमवर्क किया है और जहां निवेश कर रहा है, उस कंपनी के बारे में जानता है तो फिर घबराहट कैसी।
भारतीय शेयर बाजार आज चार फीसदी के करीब यानी 615 अंक टूटकर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स आज नीचे में 14910 अंक और ऊपर में 15344 अंक रहा, जो अंत में 14935 अंक पर बंद हुआ। यह कहानी है तो सेंसेक्स की, लेकिन सभी निवेशक तब ज्यादा घबराएं जब सेंसेक्स ने 400 अंकों से नीचे जाना शुरू किया। हमने आज सुबह एक पोस्ट लिखी थी अपने आप को करिए जीत के लिए तैयार...यदि आप इसे पढ़ते हैं तो आपका दर्द कुछ कम होगा क्योंकि इस साल के अंत तक सेंसेक्स 18 हजार अंक को छू लेगा। ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में गिरावट अकेले भारतीय बाजार में आई है, बल्कि दुनिया के सभी शेयर बाजारों का यही हाल है। अमरीका से आए नकारात्मक कारणों से दुनिया भर के बाजारों को हिला कर रख दिया है। यह माना जा रहा है कि क्रूड के बढ़ते दाम, निवेशकों का इक्विटी के बजाय बांड में शिफ्ट होना और ब्याज दरें बढ़ने के डर ने इस मंदी को जन्म दिया है।
शेयर बाजार में ज्यों ज्यों गिरावट बढ़ने लगी, निवेशक पूछ रहे थे कि क्या आज सेंसेक्स दस फीसदी तक गिर जाएगा या क्या होगा...हे! भगवान। हमारा मानना है कि जिन्होंने वास्तविक निवेश किया है, ऐसे निवेशक विजेता बनेंगे लेकिन जो निवेशक एफ एंड ओ में सस्ते में अमीर बनने का खेल खेल रहे थे या फिर कचरा टाइप की कंपनियों यानी बगैर फंडामेंटलवाली कंपनियों में निवेश कर रहे थे, उनका सफाया हो गया है और बची खुची स्थिति भी जल्दी ही साफ हो जाएगी। इस समय सेंसेक्स से ज्यादा इस बात पर ध्यान रखें कि आप किस कंपनी में निवेश कर रहे हैं या आपका निवेश किस तरह की कंपनियों में हैं। यदि आपको पैसे से मतलब है तो निवेश ऐसा होना चाहिए जो कंपनियां बेहतर कामकाज कर रही हैं, फंडामेंटल अच्छे हैं।
आज मेरी एक ऑपरेटर से बात हो रही थी जब बाजार धड़ाधड़ नीचे जा रहा था, उस ऑपरेटर ने एक अहम बात बताई कि शेयर बाजार के बाहर एक बोर्ड लग जाएगा कि बेहतर माल लीजिए 30 फीसदी डिस्काउंट पर, 40 फीसदी डिस्काउंट पर, 60 फीसदी डिस्काउंट पर। यह समय तो डिस्काउंट पर बेहतर स्टॉक लेने का, रोने का नहीं। बस आपके बैंक खाते में पैसे होने जरुरी है। उसका कहना था कि जिस भी निवेशक ने होमवर्क किया है और जहां निवेश कर रहा है, उस कंपनी के बारे में जानता है तो फिर घबराहट कैसी।
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