टायर कंपनियों में निवेश के लिए करे इंतजार

tyre नेचुरल रबड़ की कीमतों में अचानक आए उछाल का बुरा असर टायर बनाने वाली कंपनियों की सेहत पर पड़ सकता है। टायर बनाने वाली कंपनियों ने अब यह संकेत दिए हैं कि उन्‍हें उत्‍पादों की कीमतों को बढ़ाना पड़ सकता है। इस बीच, देश की चौथी सबसे बड़ी टायर बनाने वाली कंपनी सीएट ने टायरों के दाम बढ़ा दिए हैं लेकिन कंपनी का कहना है कि यदि रबड़ की कीमतों की स्थिति यही रही तो उसे अगले महीने फिर से अपने उत्‍पादों के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं।

नेचुरल रबड़ की कीमतें पिछले दस दिनों में अचानक बढ़ना शुरु हुई है और 21 फरवरी 2008 को इसका दाम सौ रुपए प्रति किलो को पार कर गया। रबड़ के दाम बढ़ने के बावजूद इसके खरीददारों को स्‍टॉक नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, अभी तक उद्योग यह जानने में कामयाब नहीं हो पाया है कि नेचुरल रबड़ के दाम अचानक क्‍यों बढ़ रहे हैं। फिर भी मोटे तौर पर क्रूड की कीमतों में आया उछाल और थाईलैंड में तगड़ी सर्दी से पेड़ों से रबड़ नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि थाईलैंड दुनिया में नेचुरल रबड़ का सबसे बड़ा उत्‍पादक देश है। क्रूड की कीमतों के आसमान पहुंचने से सिंथेटिक रबड़ के उत्‍पादन की लागत बढ़ रही है। क्रूड तेल सिंथेटिक रबड़ उत्‍पादन के लिए डेरीवेटिव्‍ज का काम करता है।

ऑटोमोटिव टायर मैन्‍युफैक्‍चर्स एसोसिएशन (एटमा) के चेयरमैन आर पी सिंघानिया का कहना है कि र‍बड़ के दामों का सौ रुपए प्रति किलो को पार करना टायर उद्योग के लिए घातक साबित हो सकता है। एक सप्‍ताह में पांच से छह रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी से टायर उद्योग पर दबाव काफी बढ़ गया है। रबड़ के दाम में पांच रुपए प्रति किलो बढ़ोतरी का मतलब बस व ट्रक टायर की कीमतों में सौ रुपए तक का इजाफा होना है। इस साल रबड़ का उत्‍पादन 8.39 लाख टन के आसपास होने की संभावना है, जबकि खपत 8.59 लाख टन है। हमारे देश में 75 हजार टन रबड़ आयात किया जाता है और लगभग 45 हजार टन रबड़ का निर्यात होने की संभावना है। अपोलो टायर्स पर रिपोर्ट पढ़ें।

टिप्पणियाँ

ALOK PURANIK ने कहा…
बढ़िया विश्लेषण है जी।
अपोलो टायर के बारे में क्या राय है जी।
चलते चलते ने कहा…
आलोक जी आपकी टिप्‍पणी के लिए धन्‍यवाद। इस रिपोर्ट में अपोलो टायर्स की पिछली पोस्‍ट का अब लिंक लगा दिया है। अपोलो टायर्स के बारे में आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं। धन्‍यवाद।
Vinod Kumar Purohit ने कहा…
कमलजी सेबी आैर एक संसदीय समिति मिलकर प्रत्येक शेयर की फेस वेल्यू 1 रूपया करने जा रहे हैं जो आशा की जा रही है कि जल्दी ही लागू हो जायेगी वर्तमान में टायर बनाने वाली कंपनियों में मात्र अपोलो का शेयर ही 1 रूपये वाली फेस वेल्यू का है बाकी सभी कंपनियों का शेयर की फेस वेल्यू 10 रूपये है। अगर बाकी सभी कंपनियों का शेयर का फेस वेल्यू 1 रूपया कर दिया जाता है तो निम्न कंपनियों के शेयर की कीमत Apollo=44.35, Ceat=14.10, Good Year=14.70, JK=14.20, MRF=458.80 & TVS Shree Chakra=13.90 हो जायेगी। तो आम जनता को तुलनात्मक अध्ययन करने में सुविधा रहेगी जैसे एमआरएफ का शेयर बहुत ही महंगा है। आपकी क्या राय है।

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