बेहतर रिटर्न देगा अपोलो टायर्स
अपोलो टायर्स ने अक्टूबर से दिसंबर 2007 की तिमाही के जो नतीजे पेश किए हैं, वे बाजार की उम्मीद से कहीं बेहतर है। कंपनी के शानदार नतीजे और विस्तार योजनाओं से पता चलता है कि 32 साल की यात्रा में इस कंपनी ने टायर उद्योग में अपना मुकाम खुद बनाया है। कंपनी की शुद्ध बिक्री चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 974.1 करोड़ रुपए पहुंच गई, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 857.5 करोड़ रुपए थी। इसी तरह शुद्ध लाभ भी 35.1 करोड़ रुपए से बढ़कर 62.2 करोड़ रुपए पहुंच गया। कंपनी की आय में यह बढ़ोतरी ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) की मांग में सुस्ती के बावजूद देखने को मिली है। अपोलो टायर्स की बिक्री में रिप्लेसमेंट मांग की भूमिका 70 फीसदी रही जो पिछले साल समान तिमाही में 65 फीसदी थी। कच्चे माल की लागत में बढ़त के बावजूद कंपनी का ऑपरेटिंग लाभ मार्जिन सुधरा है।
- अपोलो टायर्स 220 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च से अपना विस्तार करने जा रही है। इस विस्तार के तहत चेन्नई के समीप एक ग्रीनफील्ड रेडियल सुविधाएं खड़ी करना है। इस परियोजना के पहले चरण का कार्य अगले 18 महीनों में पूरा होने की संभावना है। इस राशि के अलावा सौ करोड़ रुपए लिमडा संयंत्र में एक दस टन दैनिक ऑफ द रोड यानी ओटीआर टायर सुविधा स्थापित करने में खर्च किए जाएंगे। नतीजन कंपनी की मौजूदा 740 टन दैनिक की क्षमता में अगले दो साल में सौ टन की और बढ़ोतरी हो जाएगी। कंपनी गुजरात में 39 करोड़ रुपए की लागत से आठ मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना लगाएगी। अपोलो टायर्स 20 करोड़ यूरो के आसपास राशि हंगरी में एक संयंत्र स्थापित करने में खर्च किए जाएंगे ताकि यूरोप व उत्तरी अमरीकन बाजारों की मांग को आसानी से पूरा किया जा सके।
- अपोलो टायर्स की सब्सिडियरी डनलप साउथ अफ्रीका के कार्य प्रदर्शन में सुधार देखने को मिला है। इसकी कंसोलिडेटेड बिक्री 14 फीसदी बढ़कर 1240 करोड़ रुपए पहुंच गई है। सकल लाभ में भी इस तिमाही में 17 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
- अपोलो टायर्स की वित्त वर्ष 2007/08 में शुद्ध बिक्री 3620.1 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 217.6 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है। इसकी बुक वेल्यू 25.5 रुपए रहने की आस है। वित्त वर्ष 2008/09 में कंपनी की शुद्ध बिक्री 4084.4 करोड़ रुपए एवं शुद्ध मुनाफा 248.9 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। बुक वेल्यू भी 29.9 रुपए पहुंचने की आस है।
अपोलो टायर्स (तकनीकी विवरण के लिए यहां क्लिक करें) की शेयरधारिता को देखें तो प्रमोटरों की हिस्सेदारी 34 फीसदी है, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों के पास 18 फीसदी और संस्थागत निवेशकों के पास 28 फीसदी शेयर हैं। जबकि, आम जनता और अन्य के पास 20 फीसदी शेयर हैं। इसका बाजार पूंजीकरण 2654 करोड़ रुपए है। पिछले 52 सप्ताह में इसका निचला भाव 25 रुपए और उच्चतम दाम 63 रुपए था। अपोलो टायर्स का बीएसई कोड 500877 और एनएसई कोड APOLLOTYRE है। कंपनी का मौजूदा कार्य प्रदर्शन, बेहतर विकास संभावनाएं और भावी विस्तार योजनाओं को देखते हुए इस समय 56 रुपए में मिल रहा अपोलो टायर्स का शेयर जल्दी ही 70 रुपए पर दिखाई देगा।
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