टैक्स ट्रीटी जांच के घेरे में
मॉरिशस ने टैक्स ट्रीटी पर भारत की चिंता को जायज ठहराया है। मॉरिशस ने भारत को इस पूरे मुद्दे पर जांच करने की पूरी छूट देने का फैसला किया है। मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम का कहना है कि हमने मॉनिटरिंग सेल की स्थापना कर दी है और भारत को टैक्स ट्रीटी मामले पर जांच करने का प्रस्ताव दिया है। इस बीच, मॉरिशस ने निवेशकों के लिए टैक्स रेसीडेंसी सर्टीफिकेट देने की प्रक्रिया कड़ी बना दी है।
नए नियमों के मुताबिक सभी बोर्ड बैठक मॉरिशस में करनी होगी। कंपनी को अपने बोर्ड में दो स्थानीय निदेशक रखना जरुरी है। साथ सारा लेनदेन मॉरिशस स्थित बैंक खाते से होना जरुरी है। इन नियमों पर अमल के लिए मॉरिशस में ऑफिस होना जरुरी है।
इस बीच, भारत की चिंता ट्रीटी शॉपिंग यानी भारत में निवेश के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स में छूट के मिल रहे लाभ का तीसरे देश के निवेशकों द्धारा किए जाने दुरुपयोग पर है। साथ ही सरकार भारतीय निवेशकों द्धारा हो रहे राउंड ट्रिपिंग्स को भी रोकना चाहती है। इसके तहत स्थानीय निवेशक विदेश में जाकर मॉरिशस के रास्ते धन वापस भारत ले आते हैं।
भारत सरकार तो वैसे भी ना चेतती, अगर इसके खिलाफ अदालत में जनहित याचिका दायर नहीं होती। मौजूदा सरकार ने इसको अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किया। भारत सरकार ने जब सारी बात मॉरिशस सरकार को बताई तो मॉरिशस को भी लगा कि दाल में कुछ काला है। अत: अब उसने इस पूरी ट्रीटी की खुलकर जांच करने की भारत को छूट देने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि अगस्त 1982 में भारत और मॉरिशस के साथ एक टैक्स ट्रीटी हुई थी जिसको डबल टैक्सेशन एवाइडेंस ट्रीटी कहा जाता है। भारत ने इस ट्रीटी के तहत मॉरिशस निवासियों को भारत में शेयर की खरीद बिक्री पर हुई कमाई पर टैक्स ना लेने का वचन दिया था। इसी तरह की छूट मॉरिशस ने भी दी। भारतीय निवेशक दस से तीस तक कैपिटल गेन्स टैक्स देते है। जबकि मॉरिशस वाले संस्थागत निवेशक न तो भारत में कर अदा करते हैं और नही मॉरिशस में।
हमारे देश ने 50 विभिन्न देशों के साथ डबल टैक्सेशन एवाइडेंस ट्रीटी पर हस्ताक्षर कर रखे हैं जिनमें कम से कम 16 ट्रीटी मॉरिशस के साथ किए गए समझौते जैसी हैं। इन देशों में साइप्रस, इंडोनेशिया, माल्टा, तंजानिया, थाईलैंड, सीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और जाम्बिया शामिल हैं। मॉरिशस के साथ हुई ट्रीटी की जांच करने की बात उठने के साथ अब यह माना जा रहा है दूसरे देशों के साथ हुई ट्रीटी की भी जांच की जा सकती है।
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