पैसा बने कूल कूल...टेंशन जाओं भूल भूल..

वोल्‍टास निवेश के लिए सदाबहार कंपनी। एक ऐसी इंजीनियरिंग कंपनी जिसमें आप कभी भी निवेश कर सकते हैं और जब चाहे मुनाफा कमाकर बाहर निकल सकते हैं। वोल्‍टास की इलेक्‍ट्रो मैकेनिकल उत्‍पादों के क्षेत्र में मजबूत स्थिति है। पश्चिम एशिया में कंसट्रक्‍शन क्षेत्र में जिस तरह की गर्मी देखने को मिल रही है, उसे शीतलता देने का काम वोल्‍टास को मिल रहा है जिससे इसकी आय और मुनाफे में खूब बढ़ोतरी हो रही है। यदि कोई निवेशक अपने निवेश को तीन साल रोककर रखने की हिम्‍मत रखता है तो उसके लिए वोल्‍टास से बेहतर कंपनी नहीं है। वर्ष 2008 में कंपनी की सालाना आय में 30 फीसदी का इजाफा होने की संभावना है।

वोल्‍टास एयर कं‍डिशनिंग और इंजीनियरिंग सॉल्‍यूशंस प्रोवाइडर कंपनी है। इस कंपनी का मूल कामकाज घरों और दफ्तरों, मॉल्‍स, एयरपोर्टस, मल्‍टीप्‍लेक्‍स के लिए बेहतर एयर कंडीशनिंग आवश्‍यकताओं को पूरा करना है। यह कंपनी उन क्षेत्रों में भी काम करती है, जहां तापमान, आर्द्रता और हवा पर निगरानी रखने की जरुरत होती है। इन उपयोगकर्ताओं में स्‍टील और बिजली संयंत्र, पेट्रोकैमिकल्‍स सुविधाएं और लैबोरेटरीज शामिल हैं। वोल्टास मटीरियल हैंडलिंग इक्विपमेंट के उत्‍पादन और टेक्‍सटाइल मशींस व कंसट्रक्‍शन एवं माइनिंग इक्विपमेंट के लिए एजेंसी सेवाएं देती है। कारोबार का यह विविधीकरण कंपनी को एक सेगमेंट में आनी वाली मंदी से बचाता है।

भारत में हीटिंग वेंटीलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) बाजार में जो मुख्‍य खिलाड़ी हैं, उनमें वोल्‍टास, ब्‍लू स्‍टार और कैरियर खास हैं। नित नए खुले रहे दफ्तरों विशेषकर आईटी और आईटी सेवाओं से जुड़ी कंपनियों के दफ्तरों में इनके लिए विशेष मांग है। मॉल्‍स और मल्‍टीप्‍लेक्‍स की बढ़ती संख्‍या, नए आ रहे विशेष आर्थिक जोन भी एचवीएसी कारोबार के लिए नए अवसर हैं, जिनका लाभ उठाने के लिए वोल्‍टास ने इन परियोजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। कंपनी के पास मौजूदा ऑर्डर की बात करें तो इसके पास इस समय 2400 करोड़ रूपए के ऑर्डर हैं जिसमें से 1300 करोड़ रूपए के ऑर्डर अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों से मिले हैं। कंपनी को पश्चिम एशिया में आए कंसट्रक्‍शन बूम का भरपूर लाभ मिलने की उम्‍मीद है। इस क्षेत्र का वर्ष 2006 में कंपनी की आय में 27 फीसदी हिस्‍सा था।
वोल्‍टास को हैदराबाद हवाई अड्डे में 160 करोड़ रुपए का इलेक्‍ट्रो मैकेनिकल परियोजना मिली है। कंपनी ने मुंबई एवं दिल्‍ली हवाई अड्डों के लिए भी इसी तरह की परियोजनाओं के लिए बोली लगाई है। देश में हवाई अड्डों का जिस तेजी से विस्‍तार और आधुनिकीकरण हो रहा है, उसे देखते हुए यह क्षेत्र वोल्‍टास की संभावनाओं को बढ़ाता है। इससे पहले कंपनी बहरीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट और हांगकांग के लिए यह कार्य कर चुकी है और यह कार्य वोल्‍टास को दूसरी कंपनियों से अलग खड़ा करता है। इसके अलावा देश में बढ़ रहे कोल्‍ड स्‍टोरेज और वेयरहाउस सॉल्‍यूशंस से वोल्‍टास की कारोबार संभावनाएं बढ़ रही हैं। तेजी से खुल रहे रिटेल स्‍टोर्स और फ्रैश फूड के क्षेत्र में बढ़ रहे निवेश से कोल्‍ड श्रृंखला की जरुरत होगी जिससे वोल्‍टास को फायदा होगा। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कंपनी ने नीदरलैंड के बिस्‍सैलिंग समूह से हाथ मिलाया है। वोल्‍टास इस गठबंधन के तहत बाद में हर्टिकल्‍चर स्‍टारेज के लिए भी टर्नकी सॉल्‍यूशंस उपलब्‍ध कराएगी और यह क्षेत्र वोल्‍टास का एचवीएसी परियोजनाओं से ज्‍यादा मुनाफा बढ़ाएगी। इसी तरह कंसट्रक्‍शंस और माइनिंग इक्विपमेंट एवं फार्कलिफ्टस डिवीजन से भी मार्जिन बढ़ेगा।

कंपनी ने हैदराबाद स्थित अपनी इकाई को बंद कर इसे उत्‍तरांचल में लगाया है, जहां कर संबंधी लाभ मिलेंगे। कंपनी ने अपनी घाटे वाली रेफ्रिजिरेशन इकाई को बंद कर दिया है जिससे इसके मार्जिन में सुधार होगा। वोल्‍टास में जोखिम के जो कारक दिखाई दे रहे हैं उनमें अल्‍युमिनियम और तांबे जैसे कच्‍चे माल की कीमतों का बढ़ना मुख्‍य है। साथ ही असंगठित क्षेत्र से मिल रही चुनौती और पश्चिम एशिया में कोई राजनीतिक अशांति पैदा होने पर या कंसट्रक्‍शन क्षेत्र में मंदी आती है तो वोल्‍टास के मुनाफे पर विपरीत असर देखा जा सकता है। वोल्‍टास का शेयर आज 97.70 रुपए पर मिल रहा है, जो लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बेहतर कहा जा सकता है। वोल्‍टास का शेयर पिछले 52 सप्‍ताह में ऊपर में 120 रुपए और नीचे में 60 रुपए था।

टिप्पणियाँ

Iska matlab hai Voltas zeb garam karega aur dil-o-dimag thanda..:-)
Wah...bahut upyogee analysis hai.

Kamal ji...aapke post ki heading aur content alag-alg fonts me hai shayd.
Mai firefox explorer use karta hoo jisme post-content toh spasht dikhayee deta hai per heading theek nahin dekhayi deti...aur aapke post ki heading bahut mazedar hoti hai..iska kuch karen.

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