फीका बजट और सूखा भारी पड़ा शेयर बाजार पर
भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों को नई सरकार के गठन के समय जो खुशी हुई थी वह आम बजट के साथ पूरी तरह धुल गई। हालांकि, इससे पहले पेश हुए आर्थिक सर्वे और रेल बजट ने निवेशकों को दलाल स्ट्रीट में थामे रखा लेकिन प्रणब मुखर्जी का ब्रीफकेस खुलते ही निवेशकों ने जमकर पैसा खोया। इस गिरावट में कमजोर मानूसन की भूमिका भी अहम रही। मानसून में देरी और उत्तर भारत में का पहला दौर बेहद कमजोर रहने का दलाल स्ट्रीट में विपरीत असर देखा गया। प्रणब मुखर्जी से अनेक राहतों, प्रोजेत्साहन और रियायतों की उम्मीद लिए बैठे विदेशी संस्थागत निवेशक, हाई नेटवर्थ समूह ने निराश होते ही जमकर बिकवाली की जिससे एक सप्ताह में सेंसेक्स 1400 अंक लुढ़क गया और इस नरमी के अभी रुकने के आसार कम ही है। 13 जुलाई से शुरु हो रहे नए सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 13888 से 12888 के बीच घूमता रहेगा। जबकि, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 4122 से 3788 के बीच रहेगा। तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 14000 अंक के नीचे बंद होने पर 12717-11825-10932 तक जा सकत