निफ्टी ने आठ हजार का स्तर तोड़ा तो बढ़ेगी मंदी
भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे सप्ताह भारी गिरावट के साथ बंद हुए। सरकार द्वारा विमुद्रीकरण के फैसले से कई कंपनियों के अगले तिमाही नतीजो पर नकारत्मक असर पड़ने की संभावना से बाजार में बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। इसके अलावा अमरीका में अगले माह ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद में अमरीकी बांड एवं डॉलर इंडेक्स में तेजी देखने को मिल रही है, जो भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए नकारात्मक संकेत है और इसी वजह से विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली देखी जा रही है। लंबे समय से बाजार को सपोर्ट देने वाले बैंकिंग सैक्टर ने ही पिछले सप्ताह बाजार में सबसे ज्यादा दबाव बनाया। दिग्गज प्राइवेट बैंकों में विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली इस दबाव का प्रमुख कारण रहा। सप्ताह के अंत में निफ्टी एवं सेंसेक्स क्रमशः 8074/26150 के स्तर पर लगभग 2.68/2.49 फीसदी की साप्ताहिक गिरावट के साथ बंद हुए। इस सप्ताह के प्रमुख घटक: विदेशी निवेशकों का रुख बाजार की दिशा में मुख्य भूमिका निभाएगा, जो बाजार में लगातार बिकवाली करते नजर आ रहे है, गत सप्ताह भी उनके द्वारा लगभग 6000 करोड़ की भारी बिकवाली देखी गई। एफएंड