मुनाफे को अपनी जेब से खिसकने न दें
शेयर बाजार में जून महीने के पहले दस दिनों में खासी गिरावट आ सकती है यह हमने आपको 29 मई को बता दिया था और आज बीएसई सेंसेक्स 279 अंक की गिरावट लेकर बंद हुआ लेकिन सेंसेक्स ऊपर में 14590 और नीचे में 14234 रहा यानी 356 अंक की टूट। हमने अपनी 29 मई की रिपोर्ट में बताया था कि..... पिछले चंद दिनों से शुरूआती बढ़त कारोबार बंद होते होते जिस तरह सिमटती जा रही है वह बाजार के लिए बेहतर संकेत नहीं है। यहां न तो शेयर बाजार कंसोलिडेशन हो रहा है और न ही नरम और न ही गरम। पंटर और ऑपरेटर कुछ शेयरों को ही चला रहे हैं। इनमें भी जो शेयर एक या दो दिन चलते हैं उन्हें ये लोग छोड़ देते हैं और दूसरे शेयरों पर सवार हो जाते हैं। इस तरह का गेम आम निवेशक के लिए फायदेमंद नहीं है। आम निवेशक अमुक शेयर में अचानक आई तेजी को समझ कर उसका लाभ लेने के लिए जब अमुक शेयर में निवेश करता है, तब तक तो ऑपरेटर और पंटर वहां से छूमंतर हो जाते हैं। कमाई केवल चंद हाथों में। निवेशक इस बात का ध्यान रखें कि निवेश फंड मुद्रास्फीति, आर्थिक विकास दर, औद्योगिक विकास गति और मानसून से जुड़ी खबरों का फायदा उठाते हैं। इन खबरों के टेलीविजन प्रसारण के साथ ही बाजार तेजी से मंदी और मंदी से तेजी की और दौड़ेगा।
हमने पहले तकनीकी विश्लेषण में बताया था कि शेयर बाजार में बेहतर चमक के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयर आधारित सेंसेक्स को 14725 के अंक को पार करना होगा या इसे 13500 के ऊपर कंसोलिडेटेड होना जरुरी है। सवाल यह उठता है कि सेंसेक्स कब ब्रेकआउट करेगा। हमने ब्रेकआउट नहीं देखा है, बाजार की हलचल दायरेबंद देखी है। संयोग से सेंसेक्स अपने सभी रेसीसटेंस को पार कर जाता है और यह 14724 के स्तर पर बंद होता है तो तेजी का दौर जारी रहेगा और कम से कम यह 16 हजार अंक तक चला जाएगा। बाजार का महत्वपूर्ण उच्च बॉटम 13500 अंक है। जब तक सेंसेक्स 13500 से ऊपर रहता है तब तक हम सेंसेक्स के 14724 के ऊपर जाने की उम्मीद बनाए रख सकते हैं। लेकिन अब जो खिचड़ी पक रही है उसमें अनेक ऑपरेटर सेंसेक्स को पिछले उच्च स्तर के करीब ले जाकर या उसे एक बार पार कर झटके से 700/800 अंक गिराने का मूड तय कर चुके हैं। संभव है कि भारतीय शेयर बाजार जून के पहले सप्ताह या 10 जून के करीब गच्चा खा जाए। हालांकि अब ये ऑपरेटर और पंटर भी जानते हैं कि बाजार को गिराने की चाल को निवेशक जान गए हैं तो निकट भविष्य में कुछ सुधार कर सकते हैं लेकिन निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे पूरी तरह सचेत रहें और ज्योंहि नरमी के संकेत चाहे अंतरराष्ट्रीय बाजारों से आएं या घरेलू बाजार से, मुनाफ जरुर वसूल लें या घाटे को कम करने का प्रयास कर लें क्योंकि जिस मुनाफे पर आज आपका कब्जा है, हो सकता है वह कल किसी और की जेब में चला जाए। हम यहां आपको एक सुखद खबर भी बताना चाहते हैं कि जून महीने में ये ऑपरेटर ही सेंसेक्स को 15 हजार के पार करने का इरादा रखते हैं। बस बाजार गच्चा खाता है तो आपको निचले स्तर पर बेहतर स्टॉक खरीदने का मौका न चूके और 15 हजार के पार जाने पर मुनाफा वसूली से न झिझके।
हमने पहले तकनीकी विश्लेषण में बताया था कि शेयर बाजार में बेहतर चमक के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयर आधारित सेंसेक्स को 14725 के अंक को पार करना होगा या इसे 13500 के ऊपर कंसोलिडेटेड होना जरुरी है। सवाल यह उठता है कि सेंसेक्स कब ब्रेकआउट करेगा। हमने ब्रेकआउट नहीं देखा है, बाजार की हलचल दायरेबंद देखी है। संयोग से सेंसेक्स अपने सभी रेसीसटेंस को पार कर जाता है और यह 14724 के स्तर पर बंद होता है तो तेजी का दौर जारी रहेगा और कम से कम यह 16 हजार अंक तक चला जाएगा। बाजार का महत्वपूर्ण उच्च बॉटम 13500 अंक है। जब तक सेंसेक्स 13500 से ऊपर रहता है तब तक हम सेंसेक्स के 14724 के ऊपर जाने की उम्मीद बनाए रख सकते हैं। लेकिन अब जो खिचड़ी पक रही है उसमें अनेक ऑपरेटर सेंसेक्स को पिछले उच्च स्तर के करीब ले जाकर या उसे एक बार पार कर झटके से 700/800 अंक गिराने का मूड तय कर चुके हैं। संभव है कि भारतीय शेयर बाजार जून के पहले सप्ताह या 10 जून के करीब गच्चा खा जाए। हालांकि अब ये ऑपरेटर और पंटर भी जानते हैं कि बाजार को गिराने की चाल को निवेशक जान गए हैं तो निकट भविष्य में कुछ सुधार कर सकते हैं लेकिन निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे पूरी तरह सचेत रहें और ज्योंहि नरमी के संकेत चाहे अंतरराष्ट्रीय बाजारों से आएं या घरेलू बाजार से, मुनाफ जरुर वसूल लें या घाटे को कम करने का प्रयास कर लें क्योंकि जिस मुनाफे पर आज आपका कब्जा है, हो सकता है वह कल किसी और की जेब में चला जाए। हम यहां आपको एक सुखद खबर भी बताना चाहते हैं कि जून महीने में ये ऑपरेटर ही सेंसेक्स को 15 हजार के पार करने का इरादा रखते हैं। बस बाजार गच्चा खाता है तो आपको निचले स्तर पर बेहतर स्टॉक खरीदने का मौका न चूके और 15 हजार के पार जाने पर मुनाफा वसूली से न झिझके।
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