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शार्ट पोजीशन से निकले और मुनाफा गांठ बांधे

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार में पिछले सप्‍ताह भी खासी चंचलता बनी रही। पिछले सप्‍ताह सेंसेक्‍स 14512.28 अंक पर खुला और ऊपर में यह 14680.09 अंक तक गया और नीचे में 13870.70 अंक आया। शुक्रवार को सेंसेक्‍स 14224.87 अंक पर बंद हुआ जो साप्‍ताहिक आधार पर 308 अंक की शुद्ध बढ़त दिखाता है। शेयर बाजार के साप्‍ताहिक रुझान की बात की जाए तो यह नरमी का है और यह ऊपर में 15069 अंक को पार करने के बाद ही तेजी की तरफ बढ़ेगा या यदि शुक्रवार को यह साप्‍ताहिक आधार पर 14643 से ऊपर जाने पर ही ऐसा होगा। साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 14479/15090 है और साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 14141/13970/13779 होगा। शेयर बाजार का विस्‍तार से हाल जानने के लिए इलियट वेव काउंट पर एक नजर : फर्स्‍ट काउंट : वेव 1- 2594 to 3758; वेव 2- 3758 to 2828; वेव 3-2828 to 12671; इंटरनल्‍स ऑफ वेव 3 वेव i- 2904 to 3416 वेव ii- 3416 to 2904 वेव iii- 2904 to 6249 वेव iv- 6249 to 4227 वेव v- 4227 to 12671 वेव 4 वेव a -12671 to 8799 वेव b-8799 to 14723 वेव c-14723 to 12316 वेव 5- 12316 to 15868 इंटरनल्‍स ऑफ वेव 5 वेव 1- 12316 to 13386 वेव 2- 13386 to

शेयर बाजार अब ज्‍यादा हॉट नहीं

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दुनिया भर के शेयर बाजारों के साथ भारतीय शेयर बाजारों की जो गत बिगड़ी है उसकी दो वजह है। एक-विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली, दो-देश में पैदा हुआ राजनीतिक संकट। हालांकि, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के फंडामेंटल्‍स को लेकर किसी तरह की कोई समस्‍या नहीं है और वे पहले की तरह मजबूत बने हुए हैं लेकिन उपर्युक्‍त दो कारणों ने शेयर बाजार की गर्मी पर पानी डाला है। अर्थव्‍यवस्‍था के बैरोमीटर बीएसई के सेंसेक्‍स को 12800 के स्‍तर पर मजबूत स्‍पोर्ट मिलना चाहिए और अब हम अपने इस मत से पीछे हट रहे हैं कि इस साल के अंत तक बीएसई सेंसेक्‍स 18 हजार के अंक को छू जाएगा। हमारी राय में अब साल के आखिर तक सेंसेक्‍स 17 हजार के स्‍तर तक जा पाएगा क्‍योंकि अब जो भी तगड़ी बढ़त होगी, वहां मुनाफा वसूली उससे ज्‍यादा जोर से आएगी जिसकी वजह से सेंसेक्‍स हमारे पूर्व अनुमान 18 हजार तक नहीं पहुंच पाएगा। दूर रहने में भलाई निवेशकों को हमारी सलाह है कि वे नई खरीद से कुछ समय दूर रहें जब तक कि सेंसेक्‍स 15 हजार के अंक को पार नहीं कर जाता, बल्कि इस दौरान मुनाफा वसूली जरुर करते रहे या फिर उन कंपनियों में ही इंट्रा डे ट्रेडिंग क

कम्‍युनिस्‍ट बिजी हैं ‘न्‍यू क्लियर डील’ में

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भारत-अमरीका के बीच हो रही न्‍युक्लियर डील को लेकर हंगामा मचा रहे कम्‍युनिस्‍टों को देश की चिंता कब से सताने लगी। असल में कम्‍युनिस्‍ट इस समय कांग्रेस के साथ इस डील पर नहीं बल्कि ‘न्‍यू क्लियर डील’ पर बातचीत कर रहे हैं। यानी यदि भारत और अमरीका के बीच न्‍युक्लियर डील पर हमें चुप करना है तो पहले इस ‘डील को क्लियर’ करने के लिए हमारे साथ सौदेबाजी करो। हम यहां कम्‍युनिस्‍टों से पूछना चाहते हैं कि जब भारत और अमरीका के बीच इस करार को लेकर शुरूआती बातचीत और करार हुए थे तब क्‍या कम्‍युनिस्‍टों को इसके प्रभाव और मसौदे की जानकारी नहीं थी। हर सुबह उठकर चीन की ओर देखने वाले कम्‍युनिस्‍टों को यह बिल्‍कुल गवारा नहीं है कि भारत के अमरीका के साथ संबंध मजबूत बने या फिर भारत एशिया महाद्धीप में चीन से ज्‍यादा शक्तिशाली बने। समूची दुनिया में कम्‍युनिजम का क्‍या हुआ यह किसी से छिपा नहीं है और कम्‍युनिजम के सिद्धांत ताश के पत्‍तों की तरह वहीं ढेर हुए जो देश इन सिद्धांतों पर पल बढ़ रहे थे। भारत में पहले कम्‍युनिस्‍ट अपनी बदौलत दिल्‍ली की गद्दी हासिल करे और फिर देश का विकास व उसकी चिंता करे, तो ही उचित होगा। ह

शेयर बाजार में रहें सचेत

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में अमरीका के एक छोटे से कदम से गर्मी आ गई है। निवेशकों के चेहरे भी खिल उठे हैं। लेकिन अभी इस गर्मी के टिकने और बढ़ने के बारे में कोई भी आश्‍वस्‍‍त नहीं हैं। भारतीय शेयर बाजार के सेंसेक्‍स को देखें तो 14680 के आज के उच्‍च स्‍तर को यह अभी बरकरार नहीं रख पाया है और इस अचानक बढ़त पर बिकवाली खूब हुई है, जिस निवेशक को जिस किसी शेयर में मुनाफा मिल रहा था, उसने उसे गांठ बांधना उचित समझा। कई निवेशकों को अब यह समझ में आ रहा है कि आज जो मुनाफा आपकी जेब में आ सकता है, वह कल किसी और की जेब में जा सकता है। भलाई इसमें ही है कि मुनाफा लेते चलो और लालच से बचों। लेकिन यह भी सच है कि बाजार एक बार फिर ठीक ठाक बढ़त की ओर चला तो लालचियों की संख्‍या भी बढ़ती जाएगी, जो उन्‍हें तगड़े झटके देगी। निवेशकों को हमारी सलाह है कि इस समय बेहतर शेयरों में ही इंट्रा डे ट्रेडिंग करें और जहां भी मुनाफा मिले, सौदे काट लें। हम आपको एक बात कहना चाहते हैं कि जिस जगह से भी आपको किसी कंपनी या अर्थव्‍यवस्‍था से जुड़ी कोई खबर मिलती हो उसे बेह‍द बारीकी से पढ़े और उसके परिणाम के बारे में सोचें क्‍योंकि यद

हताशा से उबरो पार्थ

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में चल रही तगड़ी गिरावट से काफी निवेशक हताश हो चुके हैं। कल एक ही दिन में हैज फंडों की बिकवाली से निवेशकों के एक लाख 70 हजार करोड़ रूपए साफ हो गए। मैंने कई निवेशकों के उतरे हुए चेहरे, दुखी चेहरे और आंसूओं से भीगी पलकें देखी है। इस विषम स्थिति में हम फिर से कहना चाहेंगे कि धैर्य रखें और यदि आप डिलीवरी आधारित कारोबार करने वाले निवेशक हैं तो निराश न हो क्‍योंकि शेयर बाजार अगले छह महीने में बेहतर स्थिति में होगा। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के न तो फंडामेंटल खराब हुए हैं और न ही उनमें कोई बड़ा बदलाव हुआ है। यह सही है कि अमरीका, जापान में जो हालात बिगड़े हैं उनका असर दुनिया भर में पड़ा है क्‍योंकि डॉलर के प्रभाव से कोई बच नहीं सकता। निवेशकों को हमारी सलाह है कि जहां भी हल्‍के सुधार के साथ उन्‍हें जिन कंपनियों के शेयरों में मुनाफा मिल रहा हो, उसे वसूल लें। जिन कंपनियों के निवेश में बड़ा घाटा हो रहा हो, उनमें प्राइस एवरेज करने के लिए नई खरीद अभी नहीं करे, बल्कि दो सप्‍ताह प्रतीक्षा करें। प्राइस एवरेज के लिए की जाने वाली नई खरीद में शेयरों की लेवाली बेहद छोटी छोटी मात्रा मे