काला सोमवार हो ही गया आज
शेयर बाजार के लिए आज काला सोमवार ही है। हमने शनिवार को ही बता दिया था कि ब्लैक मंडे में डेढ़ दिन बाकी और आज यही हुआ। इस समय बीएसई सेंसेक्स साढ़े चार सौ अंकों से ज्यादा गिरा हुआ है और इसमें शाम तक सुधार के कोई संकेत नहीं है। लेकिन पैसा कमाना जरुरी है और शेयर बाजार से अच्छा कोई शार्ट कर्ट रास्ता भी तो नहीं है। तो लीजिए हमारी अगली गाइडलाइन....शेयर बाजार में आज जो गिरावट आई है, वह कुछ समय जारी रह सकती है लेकिन एक बात जो सामने आई है, वह यह है कि बड़े बड़े ऑपरेटर इस गिरावट को और बढ़ने की बात फैलाकर क्रीम स्टॉक आपके हाथों से निकलवाने का भी काम कर रहे हैं। मैं निवेशकों से कहना चाहूंगा कि वे बेहतर कंपनियों के शेयर न बेचे तो ही अच्छा है। यहां एक उदाहरण देना चाहूंगा कि कुछ साल पहले लोगों ने सेंचुरी टेक्सटाइल के श्ोयर खूब ऊंचे भावों पर खरीदे थे और उन्हें इसके गिरने पर केवल तीस रुपए प्रति शेयर पर बेच दिए और वापस जब सेंचुरी 600 रुपए प्रति शेयर बिक रही थी तो फिर से खरीद रहे थे। अब क्या कहा जाए ऐसे निवेशकों को जो पहले महंगे शेयरों को पानी के भाव बेच देते है और फिर सोने के भाव पर खरीदने जाते हैं। ऐसे पैसा कमाया जाता था तो सभी करोड़पति होते। सोचिएं क्यों कुछ ही निवेशक पैसा कमा पाते हैं और ज्यादातर निवेशक हाथ जलाकर चुप बैठ जाते हैं। अमरीका, यूरोप, जापान ने अपनी अर्थव्यवस्था को मंदी में जाने से बचाने के लिए एक ओर ब्याज दरों को स्थिर रखने के कदम उठाए हैं, वहीं अमरीकी अर्थव्यवस्था में उपभोक्ताओं का विश्वास डमगमा जाने से अमरीकी डॉलर की अन्य मुद्राओं की तुलना में खूब धुलाई हो रही है। यही वजह है कि अमरीका और ब्रिटेन ने मिलकर ब्रिटिश नौ सैनिकों को पकड़वाया है ताकि ईरान पर हर प्रतिबंध और हमले की भूमिका तैयार की जा सके। ईरान के साथ पंगेबाजी कर क्रूड के दामों में तो आग लग ही गई है। इस तनाव से ये दोनों देश चाहते हैं कि दुनिया में तेल की आपूर्ति पूरी तरह गड़बड़ा जाए। क्रूड के दाम बढ़ने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हैज फंड सक्रिय हो गए हैं जिससे शेयर बाजारों में करेक्शन बाद नई तेजी लाने की तैयारी की जा रही है। भारत में भी राजनीतिक उठापटक बड़ी देखने को नहीं मिलेगी। हर कोई जानता है कि कांग्रेस लाख प्रयास कर ले, वह यूपी नहीं जीत सकती और सारे मिलकर सिर पटक ले नरेंद्र मोदी को गुजरात की सत्ता से हटाना कठिन है। यूपी और गुजरात की स्थिति का जो सही ढंग से विश्लेषण करते है वे जानते हैं कि राजनीतिक मोर्चे पर कुछ नया नहीं देखने को मिलेगा। इस सप्ताह बीएसई सेंसेक्स 12400 से 13200 के बीच घूमता रहेगा। निफ्टी 3445 से 3825 के बीच रहेगा। फ्रंटरनर एनटीपीसी, टीसीएस, भेल, एल एंड टी, एमटीएनएल रहेंगे।
टिप्पणियाँ