एग्रो टेक फूड्स में मिलेगा पैसा
सनड्रॉप, क्रिस्टल और रथ वनस्पति तेल बनाने वाली और दुनिया में नंबर वन पापकॉर्न ब्रांड एसटीसी ll की कंपनी एग्रो टेक फूड्स मौजूदा भाव 80 रुपए पर निवेश के लिए अच्छा स्टॉक है। दुनिया में तीसरी बड़ी फूड कंपनी कोनाग्रा फूड्स की एग्रो टेक फूड्स में 48.3 फीसदी हिस्सेदारी है।
एग्रो टेक ब्रांडेड फूड्स और बल्क व प्रोसेस्ड कमोडिटीज के कारोबार से जुड़ी हुई हैं। कंपनी चिप्स व आटा जैसे अलाभकारी कारोबार को पहले ही बंद कर चुकी है और उन्हीं क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है जहां सकल मार्जिन 20 फीसदी से ज्यादा हो। एग्रो टेक फूड्स पहले आईटीसी समूह की कंपनी थी। एग्रो टेक फूड्स के पास उत्पादन संबंधी कोई सुविधा नहीं है। यह असंगठित खिलाडि़यों से अपनी गुणवत्ता के अनुरुप उत्पादन करवाती है। इसलिए कंपनी को पूंजीगत खर्च या वोल्यूम बढ़ाने के लिए किसी दूसरी तरह के निवेश की जरुरत नहीं पड़ती। इस कंपनी के कुल कारोबार में सनड्रॉप का हिस्सा एक तिहाई है। इस ब्रांड के कारोबार में हर साल दस फीसदी बढ़ोतरी हो रही है। कंपनी के सकल लाभ मार्जिन में इस ब्रांड का हिस्सा 15 फीसदी है जिसे 20 फीसदी तक करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
वर्ष 1996 मे एग्रो टेक फूड्स ने अपना अरुणाचल प्रदेश स्थित मंत्रालयम् स्थित संयंत्र आईटीसी को स्लंप सेल इकाई के रुप में बेच दिया था लेकिन आयकर विभाग ने इस रुप में बेच दिया था लेकिन आयकर विभाग ने इस दावे को खारिज कर दिया और कंपनी को शार्ट टर्म कैपिटल गेन और कर लेवी के रुप में 12।87 करोड़ रुपए अदा करने पड़े। कंपनी ने यह मामला पंचाट में दायर किया और 18 दिसंबर 2006 को इसकी सुनवाई पूरी हो गई। अब यदि फैसला कंपनी के खिलाफ भी आता है तो उसे कोई पैसा अदा नहीं करना पड़ेगा क्योंकि सारी राशि पहले ही दी जा चुकी है और यदि कंपनी के पक्ष में निर्णय होता है तो उसे 12.87 करोड़ रुपए व दस साल का ब्याज मिलेगा जो उसके नकद प्रवाह को बढ़ाएगा।
एसटीसी ll ब्रांड देश में 120 से ज्यादा जगहों पर मिलता है, जहां गर्म, ताजा और स्वादिष्ट पापकॉर्न परोसा जाता है। अगले 12 महीनों में एसटीसी ll को 400 जगहों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ये जगह देश के टॉप 14 शहर होंगे। एसटीसी ll ब्रांड का योगदान 25 करोड़ रुपए है और सकल मार्जिन में लगभग 30 फीसदी। वर्ष 2007 में एग्रो टेक फूड्स की प्रति शेयर आय यानी ईपीएस 5.3 रुपए और वर्ष 2008 में 6.6 रुपए रहने की उम्मीद है। मौजूदा 80 रुपए पर मिल रहा यह शेयर सस्ता कहा जा सकता है। पिछले 52 सप्ताह में बीएसई में इसका उच्चतम भाव 171 रुपए और निम्नतम भाव 70 रुपए था।
एग्रो टेक ब्रांडेड फूड्स और बल्क व प्रोसेस्ड कमोडिटीज के कारोबार से जुड़ी हुई हैं। कंपनी चिप्स व आटा जैसे अलाभकारी कारोबार को पहले ही बंद कर चुकी है और उन्हीं क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है जहां सकल मार्जिन 20 फीसदी से ज्यादा हो। एग्रो टेक फूड्स पहले आईटीसी समूह की कंपनी थी। एग्रो टेक फूड्स के पास उत्पादन संबंधी कोई सुविधा नहीं है। यह असंगठित खिलाडि़यों से अपनी गुणवत्ता के अनुरुप उत्पादन करवाती है। इसलिए कंपनी को पूंजीगत खर्च या वोल्यूम बढ़ाने के लिए किसी दूसरी तरह के निवेश की जरुरत नहीं पड़ती। इस कंपनी के कुल कारोबार में सनड्रॉप का हिस्सा एक तिहाई है। इस ब्रांड के कारोबार में हर साल दस फीसदी बढ़ोतरी हो रही है। कंपनी के सकल लाभ मार्जिन में इस ब्रांड का हिस्सा 15 फीसदी है जिसे 20 फीसदी तक करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
वर्ष 1996 मे एग्रो टेक फूड्स ने अपना अरुणाचल प्रदेश स्थित मंत्रालयम् स्थित संयंत्र आईटीसी को स्लंप सेल इकाई के रुप में बेच दिया था लेकिन आयकर विभाग ने इस रुप में बेच दिया था लेकिन आयकर विभाग ने इस दावे को खारिज कर दिया और कंपनी को शार्ट टर्म कैपिटल गेन और कर लेवी के रुप में 12।87 करोड़ रुपए अदा करने पड़े। कंपनी ने यह मामला पंचाट में दायर किया और 18 दिसंबर 2006 को इसकी सुनवाई पूरी हो गई। अब यदि फैसला कंपनी के खिलाफ भी आता है तो उसे कोई पैसा अदा नहीं करना पड़ेगा क्योंकि सारी राशि पहले ही दी जा चुकी है और यदि कंपनी के पक्ष में निर्णय होता है तो उसे 12.87 करोड़ रुपए व दस साल का ब्याज मिलेगा जो उसके नकद प्रवाह को बढ़ाएगा।
एसटीसी ll ब्रांड देश में 120 से ज्यादा जगहों पर मिलता है, जहां गर्म, ताजा और स्वादिष्ट पापकॉर्न परोसा जाता है। अगले 12 महीनों में एसटीसी ll को 400 जगहों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ये जगह देश के टॉप 14 शहर होंगे। एसटीसी ll ब्रांड का योगदान 25 करोड़ रुपए है और सकल मार्जिन में लगभग 30 फीसदी। वर्ष 2007 में एग्रो टेक फूड्स की प्रति शेयर आय यानी ईपीएस 5.3 रुपए और वर्ष 2008 में 6.6 रुपए रहने की उम्मीद है। मौजूदा 80 रुपए पर मिल रहा यह शेयर सस्ता कहा जा सकता है। पिछले 52 सप्ताह में बीएसई में इसका उच्चतम भाव 171 रुपए और निम्नतम भाव 70 रुपए था।
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