शेयर बाजार में रहेगी गर्मी, चीनी शेयरों से बचें

दुनिया भर के शेयर बाजारों में आए सुधार के साथ अब भारतीय शेयर बाजार भी ताल मिला रहा है। हालांकि, इस तेजी की रेस में भारतीय शेयर बाजार पहले पिछड़ रहे थे क्‍योंकि भारत अमरीका परमाणु करार पर वामपंथियों ने केंद्र सरकार से अपना समर्थन लेने की बात कही थी। हालांकि, अडि़यल वामपंथी अब थोड़े नरम पड़े हैं और न्‍यूक्लियर डील को क्लियर करवाने के लिए एक समिति बनाई गई है। निवेशकों को इस समय भी सचेत रहने की जरुरत है क्‍योंकि समिति बन जाना राजनीतिक स्थिरता की गारंटी नहीं है। वामपंथी कभी भी इस मुद्दे पर सरकार का साथ छोड़ सकते हैं या अपने बयानों से बाजार पर बुरा असर डाल सकते हैं। इस समय सभी राजनीतिक दल देश में मध्‍यावधि चुनाव की बात सोच जरुर रहे हैं। सभी दल इस गणना में लगे हैं कि यदि इस समय मध्‍यावधि चुनाव होते हैं तो उन्‍हें कितना लाभ होगा और जब तक कांग्रेस की रिपोर्ट नहीं बन जाती, मध्‍यावधि चुनाव की ओर बढ़ने का सवाल ही नहीं उठता। वामपंथी भी एक बात यह अच्‍छी तरह जानते हैं कि वे अपने बूते कभी देश में सरकार नहीं बना सकते और मौजूदा मौके को खोना उन्‍हें ठीक नहीं लगता क्‍योंकि सत्‍ता हमेशा ताकत देती हैं।


आज से शुरु हो रहे नए सप्‍ताह में बीएसई सेंसेक्‍स के ऊपर में 15780 और नीचे में 15075 तक रहने की संभावना है। निफ्टी ऊपर में 4620 और नीचे में 4370 तक रह सकता है। एफआईआई और औद्योगिक फंडों की पिछले दिनों जो लेवाली निकली है, वह आगे जारी रहेगी जिसकी वजह से निफ्टी पांच हजार अंक को छू जाए तो अचरज नहीं होना चाहिए। इस सप्‍ताह फ्रंटरनर रहेंगे एसीसी 1065 रुपए, विप्रो 432 रुपए, टीसीएस 1065 रुपए, रिलायंस कम्‍युनिकेशन 543 रुपए।

दौड़ के दूसरे खिलाड़ी हैं : नेस्‍ले 1282 रुपए, पुंज लॉयड 278 रुपए, जेट एयरवेज 808 रुपए, जिंदल फोटो 120 रुपए, फ्रेश फ्रूटस 124 रुपए, गार्नेट कंसट्रक्‍शन 54 रुपए, सिम्‍पलेक्‍स कास्टिंग 74 रुपए। आज शेयर बाजार में जिस स्‍टॉक में ऊपरी सर्किट लग सकता है वह है हिंदुस्‍तान ग्‍लास 626 रुपए। हिंदुस्‍तान ग्‍लास आने वाले दिनों में एक हजार रुपए को पार करने की क्षमता रखता है। इस कंपनी का पूरा ब्‍यौरा जल्‍दी ही इस ब्‍लॉग पर होगा। इस सप्‍ताह आप इन शेयरों पर भी आप नजर रख सकते हैं : फर्स्‍ट सोर्स साल्‍यूशंस, श्‍याम टेलीकॉम, गृह फाइनेंस, एम्‍टेक ऑटो, श्रृंगार सिनेमा और एएमडी मेटप्‍लास्‍ट।

चीनी शेयरों से बचें
केंद्र सरकार ने वर्ष 2007/08 में चीनी उद्योग को मदद करने की घोषणा की है जिससे चीनी शेयरों में एक बार फिर गर्मी दिखाई दे रही है। लेकिन एक सवाल यहां उठता है कि मदद से क्‍या होगा, चीनी उत्‍पादन घटेगा, चीनी की खपत बढ़ेगी या फिर जोरदार निर्यात होगा जबकि अन्‍य देश भी तो चीनी बना रहे हैं। हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक केंद्र सरकार पेट्रोल में एथनॉल की ब्‍लेडिंग को पांच फीसदी से बढ़ाकर दस फीसदी करने जा रही है। लेकिन यहां सवाल खड़ा होता है कि क्‍या इस समय देश में पांच फीसदी एथनॉल की ब्‍लेडिंग हो रही है। पहले सरकार पांच फीसदी एथनॉल की ब्‍लेडिंग तो शुरू करवाएं। सच्‍चाई यह भी है कि वर्ष 2007/08 में हमारे देश में दस फीसदी एथनॉल ब्‍लेडिंग की बुनियादी सुविधाएं नहीं है। दूसरी संभावना नाबार्ड बैंक के कर्ज को रिस्‍ट्रक्‍चरिंग करने की है तो हम आपको बता दें कि शेयर बाजार में लिस्‍टेड किसी भी शुगर कंपनी के पास नाबार्ड बैंक का कर्ज नहीं है, तो फायदा किसे मिलेगा। हमारे देश में अगले चीनी सीजन में चीनी का ओपनिंग स्‍टॉक 118 लाख टन और उत्‍पादन 290 लाख टन रहने की संभावना है यानी कुल 408 लाख टन चीनी का हम और चीनी उद्योग करेगा क्‍या। देश में चीनी की घरेलू खपत 200 लाख टन रहेगी। इसके अलावा हमारे बंदरगाहों पर चीनी निर्यात सुविधा 50 लाख टन की है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि इस घरेलू खपत और निर्यात के बाद बची 158 लाख टन चीनी का क्‍या होगा। शेयर बाजार के पंटर चीनी कंपनियों के शेयरों के बारे में जो बात बताते हैं उन पर भरोसा कर इन शेयरों को खरीदने से पहले हमने जो बात आपके सामने रखी है उस पर भी विचार करें क्‍योंकि कहीं ऐसा नहीं हो कि चीनी आपके स्‍टॉक पोर्टफोलियों के लिए डायबिटीज बन जाए।

टिप्पणियाँ

Gyan Dutt Pandey ने कहा…
चीनी. चीनी के अगले तीन साल के परिदृष्य पर लिखें कमल जी.
Rajesh Roshan ने कहा…
वैसे भी मुझे चीनी नही पसंद
Poonam Misra ने कहा…
सुझाव दुरुस्त है. बलरामपुर चीनी के शेयर लेकर कडुवा लग रहा है. आप पावर क्षेत्र की कंपनियों में निवेश की सलाह दे चुके हैं,कमलजी.पावरग्रिड के IPO के बारे में आपकी क्या राय है?

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