हिम्मत मत हारना यदि बनना है अमीर
भारतीय शेयर बाजार के निवेशक आज सुबह से ही इस बात से चिंतित थे कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति में कहीं ऐसा कुछ घोषित न कर दें कि उनकी दिवाली काली न हो जाए। खैर, सीआरआर में बढ़ोतरी के अलावा कोई ऐसा दूसरा कदम नहीं उठा जिसका बड़ा असर पड़ता। हालांकि, सीआरआर में बढ़ोतरी की खबर आने के बाद बाजार सुधरा, गिरा और अंत में लुढ़ककर बंद हुआ। असल में आज के ऊपरी स्तर से शेयर बाजार चार सौ अंकों के आसपास टूटा। बाजार बंद होते होते यह बात चल पड़ी की अमरीकी फैड की बैठक में क्या होगा। क्या वहां ब्याज दरें बढ़ेंगी, गिरेंगी या ज्यों की त्यों रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणाओं पर सोच विचार पूरा भी नहीं हुआ कि अमरीका में क्या होगा, चिंता सताने लगी।
अमरीका में ब्याज दरों के बढ़ने के अवसर कम हैं। लेकिन यदि ब्याज दरें किसी संयोग में बढ़ती है तो इसका भारतीय शेयर बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। हां, ब्याज दरें घटी तो शेयरों में आग लग सकती है क्योंकि दुनिया के सारे फंड इस बात से सहमत हैं कि भारतीय शेयर बाजार में मिलने वाला रिटर्न वाकई बेहतर है और आदमी को लालची बनाता है। फटाफट एक के तीन हो रहे हैं तो फिर यह मलाई खाने से किसे परहेज। चाहे डॉक्टर कह दें कि यह मलाई मत खाना, ठीक नहीं है लेकिन डॉक्टर की बात को इस समय कोई मानने वाला नहीं है। हम निवेशकों से कहना चाहेंगे कि आज अमरीकी फैड रिजर्व की हो रही बैठक पर नजर रखें और उसी आधार पर कल निवेश संबंधी अपने निर्णय करें। हालांकि, जो निवेशक लांग टर्म के आधार पर निवेश कर रहे हैं, उन्हें चिंतित होने की जरुरत नहीं है।
भारतीय शेयर बाजार अब और नई ऊंचाईयों को छूएगा, लेकिन हो सकता है कि इस बीच कुछ झटके लगें। हम निवेशकों को राय देंगे कि वे अपने पोर्टफोलियों को बेहद लंबा न बनाकर चुनिंदा कंपनियों में ही निवेश करें। कल हमने बात की थी मलाई खाने की....तो इन कंपनियों को अपने पोर्टफोलियों में शामिल कर लें, यदि आपके पोर्टफोलियों में ये कंपनियां पहले से शामिल हैं तो हर घटे भाव पर शेयरों की संख्या बढ़ा लें ताकि आपकी खरीद लागत कम हो सके। मलाईदार शेयर : आईडीएफसी, रिलायंस पेट्रोलियम, पेट्रोनेट एलएनजी, पेनिनसुला लैंड।
अमरीका में ब्याज दरों के बढ़ने के अवसर कम हैं। लेकिन यदि ब्याज दरें किसी संयोग में बढ़ती है तो इसका भारतीय शेयर बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। हां, ब्याज दरें घटी तो शेयरों में आग लग सकती है क्योंकि दुनिया के सारे फंड इस बात से सहमत हैं कि भारतीय शेयर बाजार में मिलने वाला रिटर्न वाकई बेहतर है और आदमी को लालची बनाता है। फटाफट एक के तीन हो रहे हैं तो फिर यह मलाई खाने से किसे परहेज। चाहे डॉक्टर कह दें कि यह मलाई मत खाना, ठीक नहीं है लेकिन डॉक्टर की बात को इस समय कोई मानने वाला नहीं है। हम निवेशकों से कहना चाहेंगे कि आज अमरीकी फैड रिजर्व की हो रही बैठक पर नजर रखें और उसी आधार पर कल निवेश संबंधी अपने निर्णय करें। हालांकि, जो निवेशक लांग टर्म के आधार पर निवेश कर रहे हैं, उन्हें चिंतित होने की जरुरत नहीं है।
भारतीय शेयर बाजार अब और नई ऊंचाईयों को छूएगा, लेकिन हो सकता है कि इस बीच कुछ झटके लगें। हम निवेशकों को राय देंगे कि वे अपने पोर्टफोलियों को बेहद लंबा न बनाकर चुनिंदा कंपनियों में ही निवेश करें। कल हमने बात की थी मलाई खाने की....तो इन कंपनियों को अपने पोर्टफोलियों में शामिल कर लें, यदि आपके पोर्टफोलियों में ये कंपनियां पहले से शामिल हैं तो हर घटे भाव पर शेयरों की संख्या बढ़ा लें ताकि आपकी खरीद लागत कम हो सके। मलाईदार शेयर : आईडीएफसी, रिलायंस पेट्रोलियम, पेट्रोनेट एलएनजी, पेनिनसुला लैंड।
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