शेयरों में निवेश पर मिलती है टैक्स में छूट
शेयर बाजार में नियमित निवेश करने के बावजूद आप अक्सर हैरान होते होंगे कि मोटा मुनाफा होने के बाद भी आपके हाथ में मामूली रकम क्यों बचती है? आपके मुनाफे का बड़ा हिस्सा लेन-देन की लागत व टैक्स में चली जाती है। इस मुनाफे में से सरकार और ब्रोकर दोनों बड़ा हिस्सा खा जाते हैं। ब्रोकर के साथ अगर आपके संबंध अच्छे हैं तो वह दलाली का एक हिस्सा आपको लौटा भी सकता है। वहीं सरकार आपके सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को शेयर बाजार के लाभ पर टैक्स से बराबर कर सकती है।
आयकर अधिनियम के सेक्शन 88ई में उन लोगों को छूट हासिल है जो शेयर बाजार में सक्रिय ट्रेडर हैं, भले ही व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), कंपनियां, फर्म, लोगों के संगठन या कोई और हो।
प्रावधान:
एक, आपकी कर योग्य आय वह आय होनी चाहिए जिस पर ‘प्राफिट एंड गेन्स ऑफ बिजनेस आर प्रोफेशन’ के तहत टैक्स लगता हो।
दो, यह आय कर योग्य शेयर कारोबार से मिली पाजिटिव इनकम होनी चाहिए। पाजिटिव इनकम से मतलब है कि शेयरों के लेन-देन से कुछ आय हो। अगर आप इस मद में नुकसान दिखा रहे हैं तो सेक्शन 88ई के तहत कोई छूट नहीं मिलती।
अगर शेयर कारोबार से आय नहीं होती है और इनकम फ्राम कैपिटल गेन्स के तहत उसे लाभ हानि होते हैं और वह इसे निवेश की तरह मानता है तो यह प्रावधान लागू नहीं होगा। निवेश और व्यवसाय अलग-अलग तथ्य हैं और हर मामले के हिसाब से तय होते हैं।
88ई में छूट:
आपको एसटीटी भुगतान का सबूत पेश करना होगा। सबूत दो स्थितियों में अलग-अलग होंगे।
1. अगर आपने किसी स्टाक एक्सचेंज के जरिए सौदे किए हैं तो एसटीटी भुगतान की जानकारी की फार्म 10डीबी के तहत निर्धारित प्रारूप में पुष्टि होनी चाहिए।
2. जिस ब्रोकर के जरिए आपने सौदे किए हैं, उसी से यह फार्म हासिल करना होगा।
3. अगर आप उसी ब्रोकर के साथ दूसरे ग्राहक कोड से कारोबार करते हैं तो जानकारियां दो कोड से दी जाएंगी।
4. अगर अलग-अलग ब्रोकरों के जरिए कारोबार हुआ है तो अलग-अलग जानकारियां दी जाएंगी।
आयकर अधिनियम के सेक्शन 88ई में उन लोगों को छूट हासिल है जो शेयर बाजार में सक्रिय ट्रेडर हैं, भले ही व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), कंपनियां, फर्म, लोगों के संगठन या कोई और हो।
प्रावधान:
एक, आपकी कर योग्य आय वह आय होनी चाहिए जिस पर ‘प्राफिट एंड गेन्स ऑफ बिजनेस आर प्रोफेशन’ के तहत टैक्स लगता हो।
दो, यह आय कर योग्य शेयर कारोबार से मिली पाजिटिव इनकम होनी चाहिए। पाजिटिव इनकम से मतलब है कि शेयरों के लेन-देन से कुछ आय हो। अगर आप इस मद में नुकसान दिखा रहे हैं तो सेक्शन 88ई के तहत कोई छूट नहीं मिलती।
अगर शेयर कारोबार से आय नहीं होती है और इनकम फ्राम कैपिटल गेन्स के तहत उसे लाभ हानि होते हैं और वह इसे निवेश की तरह मानता है तो यह प्रावधान लागू नहीं होगा। निवेश और व्यवसाय अलग-अलग तथ्य हैं और हर मामले के हिसाब से तय होते हैं।
88ई में छूट:
आपको एसटीटी भुगतान का सबूत पेश करना होगा। सबूत दो स्थितियों में अलग-अलग होंगे।
1. अगर आपने किसी स्टाक एक्सचेंज के जरिए सौदे किए हैं तो एसटीटी भुगतान की जानकारी की फार्म 10डीबी के तहत निर्धारित प्रारूप में पुष्टि होनी चाहिए।
2. जिस ब्रोकर के जरिए आपने सौदे किए हैं, उसी से यह फार्म हासिल करना होगा।
3. अगर आप उसी ब्रोकर के साथ दूसरे ग्राहक कोड से कारोबार करते हैं तो जानकारियां दो कोड से दी जाएंगी।
4. अगर अलग-अलग ब्रोकरों के जरिए कारोबार हुआ है तो अलग-अलग जानकारियां दी जाएंगी।
म्यूचुअल फंड के लिए:
अगर इक्विटी फंड या म्यूचुअल फंड की यूनिट आप बेचते हैं तो फार्म 10 डीसी में एसटीटी की जानकारी देनी होगी।
1. जिस म्यूचुअल फंड से आप धन की वापसी करते हैं, उसी से फार्म मिलेगा।
2. एक से ज्यादा स्कीम से धन वापस या मुक्त करते हैं तो हर स्कीम की अलग जानकारी देनी होगी।
3. एक से ज्यादा म्यूचुअल फंड से धन मुक्त करते हैं तो हर फंड के लिए अलग जानकारी देनी होगी। भास्कर डॉट कॉम से साभार।
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