डार्क हॉर्स है गुजरात स्‍टेट पेट्रोनेट

GSPL गुजरात स्‍टेट पेट्रोनेट लिमिटेड (जीएसपीएल) ने वित्‍त वर्ष 2007 में अपनी पाइपलाइन नेटवर्क को 1130 किलोमीटर कर दिया, जो वित्‍त वर्ष 2006 में केवल 510 किलोमीटर थी। यानी एक ही साल में पाइपलाइन नेटवर्क दुगुना। यह कंपनी पाइपलाइन के निर्माण और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर स्‍थापित करने के लिए पहले ही दो अरब रुपए निवेश कर चुकी है। कंपनी ने जामनगर और हलोल के इलाके को जोड़ने के लिए दो अरब रुपए का अतिरिक्‍त पूंजीगत खर्च करने की योजना बनाई है। कंपनी मोरबी से मुंद्रा पोर्ट और पीपावाव पोर्ट से जामनगर के इलाके को कवर करने के लिए पाइपलाइन गैस ग्रिड स्‍थापित करने की भी योजना बना रही है। पूंजीगत खर्च के लिए आईएफसी ने लगभग 123 करोड़ रुपए का इक्विटी निवेश किया है और 338 करोड़ रुपए का कर्ज दिया है।

जीएसपीएल शुद्ध रुप से गैस ट्रांसमीशन कंपनी है और मौजूदा समय में यह अपने ग्राहकों को लगभग 18 एमएमएससीएमडी गैस सप्‍लाई कर रही है। वर्ष 2009 तक कंपनी चरणबद्ध रुप से अपने इस वोल्‍यूम को बढाएगी। वर्ष 2009 की चौथी तिमाही से कंपनी का रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के साथ भरुच से जामनगर के बीच 11 एमएमएससीएमडी गैस के ट्रांसपोर्टेशन का 15 साल का अनुबंध अमल में आएगा। अप्रैल 2008 से टोरेंट पावर जनरेशन लिमिटेड के लिए 4.5 एमएमएससीएमडी गैस के ट्रांसपोर्टेशन का 20 वर्षीय अनुबंध अमल में आ जाएगा।

क्रिसिल के मुताबिक कुल गैस खपत में शहरी गैस वितरण का हिस्‍सा वर्ष 2011-2012 में 14 फीसदी पहुंच जाएगा जो कि इस समय आठ फीसदी है। गुजरात स्‍टेट पेट्रोनेट इस मौके का लाभ उठाने के लिए अपने समूह की विभिन्‍न कंपनियों में रणनीतिक निवेश करने जा रही है जो कि शहरी गैस वितरण से जुड़ी हुई हैं। कंपनी तकरीबन 60 करोड़ रुपए अपनी पूर्ण सब्‍सिडीयरी जीएसपीसी गैस, साबरमती गैस (बीपीसीएल के साथ जीएसपीसी का संयुक्‍त उद्यम) और कृष्‍णा गोदावरी गैस नेटवर्क लिमिटेउ में निवेश करेगी। कंपनी प्रबंधन इन उद्यमों का कार्पोरेट ढांचा तीन से चार महीनों में तैयार कर लेगा।

गुजरात में व्‍यापक नेटवर्क के साथ काम कर रही जीएसपीएल ने राजस्‍थान, आंध्र प्रदेश और महाराष्‍ट्र में अपना कारोबार फैलाने की योजना बनाई है। हालांकि, इस संबंध में कंपनी अभी कुछ भी खुलकर बोलना नहीं चाहती। लेकिन इतना तय है कि इस विस्‍तार का कंपनी को भविष्‍य में भारी लाभ मिलेगा। प्राथमिक ऊर्जा स्‍त्रोत में नैचुरल गैस तेजी से आगे बढ़ता ऊर्जा स्‍त्रोत साबित हो रहा है।

गुजरात स्‍टेट पेट्रोनेट की शेयरधारिता को देखें तो प्रमोटरों की हिस्‍सेदारी 39 फीसदी है, जबकि विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के पास 14 फीसदी, म्‍युच्‍यूअल फंडों व संस्‍थागत निवेशकों के पास नौ फीसदी और अन्‍य के पास 28 फीसदी हिस्‍सेदारी है। जबकि आम जनता के पास इस कंपनी के केवल दस फीसदी हिस्‍सेदारी है। कंपनी के कामकाज को देखें तो वर्ष 2007 में इसकी कुल आय 335.4 करोड़ रुपए थी जो वर्ष 2008 में बढ़कर 430.3 करोड़ रुपए और वर्ष 2009 में 579.9 करोड़ रुपए और वर्ष 2010 में 815.6 करोड़ रुपए पहुंच जाने की उम्‍मीद है। कंपनी का शुद्ध लाभ वर्ष 2007 में 89.4 करोड़ रुपए रहा जिसके वर्ष 2008 में 87 करोड़ रुपए, वर्ष 2009 में 117.4 करोड़ रुपए और वर्ष 2010 में 212.2 करोड़ रुपए पहुंचने की आस है। कंपनी की पूंजी 56.19 करोड़ रुपए है। गुजरात स्‍टेट पेट्रोनेट (तकनीकी विवरण के लिए यहां क्लिक करें)का शेयर इस समय तकरीबन 110 रुपए में मिल रहा है। कंपनी की भावी योजना और नेचुरल गैस के मोर्चे पर जिस तरह प्रगति हो रही है उसमें गुजरात स्‍टेट पेट्रोनेट डार्क हॉर्स शेयर साबित होगा और इसे मध्‍यम से लंबी अवधि के लिए रखा जा सकता है। हालांकि, शार्ट टर्म में इसका लक्ष्‍य 135 रुपए है।

टिप्पणियाँ

काले घोड़े का अभिप्राय दें। रिलायंस के नए इश्यू में आवेदन सही रहेगा। क्या ऑनलाईन एकाउंट से एक लाख तक के लिए आवेदन कर दिया जाए। जीएसपीएल और पेट्रोनेट एलएनजी मध्यम अवधि में और लंबी अवधि में कहां तक जाने की संभावना है। राजेश एक्सपोर्ट में वर्तमान स्तर में निवेश कैसा रहेगा
सुविधानुसार बतलाने का कष्ट करें।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

इक्विटी बाजार में बड़ी तबाही की दस्‍तक !

हताशा से उबरो पार्थ

सोने के ट्रेड में कैसे कमाएं आसानी से पैसा: टिप्‍स और स्‍ट्रैटजिक्‍स