रिलायंस पावर की लिस्टिंग ट्रिगर होगी शेयर बाजार के लिए
अनिल धीरुभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड की लिस्टिंग घरेलू शेयर बाजार के लिए शार्ट टर्म में अहम ट्रिकर साबित होगी। इस कंपनी की लिस्टिंग संभवत: 11 फरवरी को होगी। यह इश्यू 11560 करोड़ रुपए का रहा। भारतीय शेयर बाजार में 1 फरवरी के बाद आज पहले कारोबारी दिवस पर भी खासा सुधार देखने को मिला और बीएसई सूचकांक 18660 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, इस सुधार के बावजूद रिलायंस पावर से रिफंड आने वाले एक लाख करोड़ रुपए बाजार में आने की संभावना कम है।
छोटे निवेशकों का मूड इस समय नया पैसा बाजार में लगाने का बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहा, जब तक कि वे जहां फंसे हुए हैं, वहां से निकल नहीं जाते। हालांकि, भारतीय म्युच्यूअल फंड और बीमा कंपनियों के पास काफी पैसा है और नया पैसा भी आ रहा है। असल में इन कंपनियों को दिसंबर से मार्च के दौरान टैक्स सेविंग में होने वाले निवेश के तहत नया पैसा मिलता है। यदि यह पैसा शेयर बाजार में आता है तो बेहतर सुधार हो सकता है। शेयर बाजार में अगले सुधार के टिकने और मिडकैप व स्मॉल कैप कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी से ही छोटे निवेशकों का बाजार के प्रति भरोसा लौट सकता है।
वाह मनी ने कुछ छोटे निवेशकों से बातचीत की। अमरीकी बाजार में मंदी के संकेत के बावजूद भारतीय शेयर बाजार के बेहतर रहने की उन्हें उम्मीद है। इस उम्मीद के कारण आप भी जानें। 1. बीमा कंपनियों को नया पैसा दिसंबर से मार्च के दौरान खूब मिलता है और इन कंपनियों का निवेश शेयर बाजार को उठाने में मदद करेगा। 2. घरेलू म्युच्यूअल फंडों के पास निवेश के लिए बड़ी राशि है। इन पर रिडम्पशन का दबाव न होने से यह पैसा बाजार में ही आएगा। 3. सरकार पेंशन फंड का पैसा शेयर बाजार में लाने की तैयारी कर रही है और इस संबंध में जल्दी ही संसद की अनुमति मिलने की संभावना है। 4. देश्ा की आर्थिक विकास दर अगले कई साल तक नौ फीसदी से ऊंची बनी रहेगी। 5. भारतीयों की बचत आदत बेहतर है और आय के दूसरे स्त्रोत के तहत लोगों में इक्विटी कल्चर बढ़ रहा है। अत: यह बचत शेयर बाजार में आएगी। 6. अमरीका में भले ही मंदी आए लेकिन भारत अपने आप में बड़ा बाजार है और इसे दूसरे बाजारों पर निर्भर रहने की अधिक जरुरत नहीं है। 7. सामाजिक ढांचा इस तरह का है कि लोग अपने कर्ज को चुकाने की हर संभव कोशिश करते हैं इसलिए अमरीका में जिस तरह सबप्राइम का मामला हुआ, उसकी संभावना यहां कम है। 8. देश का बुनियादी विकास तो अभी शुरु हुआ है इसलिए आर्थिक विकास में कहीं कमी दिखाई नहीं देगी। और अंत में 9. राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार से हितैषियों के माध्यम से शेयर बाजार में गर्मी बनी रहेगी क्योंकि खुद नेताओं ने भी कमाई के लिए इसी को चुना है और वे भी नहीं चाहते कि बाजार में गिरावट आए।
छोटे निवेशकों का मूड इस समय नया पैसा बाजार में लगाने का बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहा, जब तक कि वे जहां फंसे हुए हैं, वहां से निकल नहीं जाते। हालांकि, भारतीय म्युच्यूअल फंड और बीमा कंपनियों के पास काफी पैसा है और नया पैसा भी आ रहा है। असल में इन कंपनियों को दिसंबर से मार्च के दौरान टैक्स सेविंग में होने वाले निवेश के तहत नया पैसा मिलता है। यदि यह पैसा शेयर बाजार में आता है तो बेहतर सुधार हो सकता है। शेयर बाजार में अगले सुधार के टिकने और मिडकैप व स्मॉल कैप कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी से ही छोटे निवेशकों का बाजार के प्रति भरोसा लौट सकता है।
वाह मनी ने कुछ छोटे निवेशकों से बातचीत की। अमरीकी बाजार में मंदी के संकेत के बावजूद भारतीय शेयर बाजार के बेहतर रहने की उन्हें उम्मीद है। इस उम्मीद के कारण आप भी जानें। 1. बीमा कंपनियों को नया पैसा दिसंबर से मार्च के दौरान खूब मिलता है और इन कंपनियों का निवेश शेयर बाजार को उठाने में मदद करेगा। 2. घरेलू म्युच्यूअल फंडों के पास निवेश के लिए बड़ी राशि है। इन पर रिडम्पशन का दबाव न होने से यह पैसा बाजार में ही आएगा। 3. सरकार पेंशन फंड का पैसा शेयर बाजार में लाने की तैयारी कर रही है और इस संबंध में जल्दी ही संसद की अनुमति मिलने की संभावना है। 4. देश्ा की आर्थिक विकास दर अगले कई साल तक नौ फीसदी से ऊंची बनी रहेगी। 5. भारतीयों की बचत आदत बेहतर है और आय के दूसरे स्त्रोत के तहत लोगों में इक्विटी कल्चर बढ़ रहा है। अत: यह बचत शेयर बाजार में आएगी। 6. अमरीका में भले ही मंदी आए लेकिन भारत अपने आप में बड़ा बाजार है और इसे दूसरे बाजारों पर निर्भर रहने की अधिक जरुरत नहीं है। 7. सामाजिक ढांचा इस तरह का है कि लोग अपने कर्ज को चुकाने की हर संभव कोशिश करते हैं इसलिए अमरीका में जिस तरह सबप्राइम का मामला हुआ, उसकी संभावना यहां कम है। 8. देश का बुनियादी विकास तो अभी शुरु हुआ है इसलिए आर्थिक विकास में कहीं कमी दिखाई नहीं देगी। और अंत में 9. राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार से हितैषियों के माध्यम से शेयर बाजार में गर्मी बनी रहेगी क्योंकि खुद नेताओं ने भी कमाई के लिए इसी को चुना है और वे भी नहीं चाहते कि बाजार में गिरावट आए।
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