इंग्लिश इंडियन क्लेय के निवेशक हुए चौपट!
इंग्लिश इंडियन क्लेय लिमिटेड 4.46 करोड़ रुपए की इक्विटी पूंजी, 82 फीसदी प्रमोटर होल्डिंग और आम जनता के पास आठ फीसदी यानी 3.52 लाख शेयर और 110 करोड़ रुपए के रिजर्व वाली कंपनी है। इस कंपनी के शेयर का भाव 18 जनवरी 2008 को 3582 रुपए था जो बाद में बाजार के गिरने पर 12 फरवरी 2008 को 1690 रुपए आ गया था। लेकिन 13 फरवरी को इस कंपनी के शेयर का भाव 187.95 रुपए ऊपर के सर्किट में देख निवेशक हैरान रह गए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने इस संबंध में नोटिस संख्या 20082007-37 (07/02/2008) और नोटिस संख्या 20080212-28 (12/02/2008) को पढ़ने पर शेयरधारकों के तो होश ही उड़ गए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के इन नोटिस के मुताबिक कंपनी के इनवेस्टमेंट डिविजन को डिमर्ज कर भारत स्टार्च प्रॉडक्ट्स लिमिटेड (बीएसपीएल) के साथ मिला दिए जाने से इंग्लिश इंडियन क्लेय के शेयर धारकों को प्रत्येक 19 शेयर पर भारत स्टार्च प्रॉडक्ट्स लिमिटेड के चार शेयर दिए जाएंगे। दूसरे शब्दों में डिमर्ज से पहले इंग्लिश इंडियन क्लेय लिमिटेड के सौ शेयर रखने वाले को डिमर्ज के बाद इंग्लिश इंडियन क्लेय लिमिटेड के सौ शेयर के अलावा भारत स्टार्च लिमिटेड के 21 शेयर पा सकेंगे। इस नोटिस के मुताबिक भारत स्टार्च के शेयर देश के किसी भी शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है और भविष्य में भी इस कंपनी की योजना अपने शेयर लिस्टिंग कराने की नहीं है। शेयर लिस्टिंग न कराने की योजना की वजह से डीबीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और अथवा करुण कार्पेटस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से शेयरधारकों से भारत स्टार्च प्रॉडक्ट्स लिमिटेड के शेयर एक हजार रुपए प्रति शेयर खरीदने का ऑफर किया जाएगा जो 18 फरवरी तक ही रहेगा।
बीएसई ने डिमर्ज के बाद इंग्लिश इंडियन क्लेय लिमिटेड के शेयरों का बेस प्राइस 179 रुपए तय कर पांच फीसदी की सर्किट सीमा लागू कर दी जिससे निवेशकों में रोष है और उन्हें तगड़ा झटका लगा है। डिमर्ज के पहले इंग्लिश इंडियन क्लेय लिमिटेड के सौ शेयर का बाजार भाव 1690 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 1.69 लाख रुपए था लेकिन डिमर्ज के बाद इंग्लिश इंडियन क्लेय का प्रति शेयर 197.30 रुपए और भारत स्टार्च के 21 शेयर का भाव ऑफर के मुताबिक केवल 40730 रुपए (19730+21000) रह गया। कंपनी की 21 जनवरी 2008 को बोर्ड बैठक हुई जिसमें शेयर धारकों को प्रति छह शेयर पर एक शेयर 990 रुपए के प्रीमियम पर राइट शेयर देने का प्रस्ताव पारित किया गया। अब सवाल उठता है कि जब कंपनी के शेयर का भाव 197 रुपए है तो एक हजार रुपए प्रति शेयर के भाव पर राइट कैसे ऑफर किया जा रहा है। इंग्लिश इंडियन क्लेय लिमिटेड का डिमर्ज के बाद तय किया बेस प्राइस कैसे गलत तय हुआ और इसमें कहां चूक हुई इस ओर न तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का ध्यान गया है और न ही सेबी का। ऐसे में आम निवेशक किसी की भूल या गलत गणना के शिकार होकर अपने को लुटा पिटा पा रहे हैं।
टिप्पणियाँ
सेबी को इसपर ध्यान देना ही चाहिये.. ये ठीक नही हूआ