शेयर बाजार को जरुरत वोट ऑफ कान्फिडेंस की
भारतीय संसद और शेयर बाजार को इस सप्ताह वोट ऑफ कान्फिडेंस की जरुरत है। दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार 22 जुलाई को संसद में विश्वास मत हासिल कर पाती है या नहीं, पर खिलाडि़यों की नजरें इसी पर टिकी हैं और यही से शेयर बाजार की दिशा तय होगी। हालांकि यहां एक बात अहम है कि संसद चुनावों से पहले शेयर बाजार ने निवेशकों को पोजिटिव रिटर्न दिया है।
संसद में सरकार विश्वास मत हासिल करें या नहीं लेकिन यह तो तय है कि देश आम चुनाव की ओर अब धीरे धीरे बढ़ रहा है। संसद चुनावों से पहले के शेयर बाजार इतिहास पर नजर डालें तो इसने केवल 1989 के चुनाव को छोड़कर पिछले पांच आम चुनाव से पहले पोजिटिव रिटर्न दिया है। वर्ष 1991 से 2004 के दौरान कुल पांच बार आम चुनाव हुए। इन चुनावों से पहले तीन, छह और नौ महीनों के दौरान शेयर बाजार ने निवेशकों को खुश किया है।
चुनाव से पहले के छह महीनों में जहां बाजार ने 11.03 फीसदी का रिटर्न दिया है, वहीं नौ महीने की अवधि में यह रिटर्न 19.70 फीसदी रहा है। चुनाव से तीन महीने पहले की समयावधि में यह रिटर्न औसतन 2.62 फीसदी देखने को मिला है। वर्ष 1999 में हुए आम चुनाव से पहले के नौ महीनों में इस बाजार ने 46.55 फीसदी और 2004 में 43.05 फीसदी का तगड़ा रिटर्न देकर निवेशकों को निहाल कर दिया था। विश्लेषकों का मानना है कि बाजार इस समय ओवरसोल्ड हैं और आम चुनाव से पहले का इतिहास अपने को दोहरा सकता है।
केंद्र सरकार यदि संसद में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाती है तो बाजार के गिरने की आशंका सच होगी और उस समय आई बड़ी गिरावट निवेशकों को निवेश का अच्छा मौका देगी। इससे पहले जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार का पतन हुआ था तो मई 2004 में सेंसेक्स में निचला सर्किट लगा और जिस निवेशक ने भी उस समय हिम्मत के साथ शेयर खरीदें उन्हें काफी फायदा हुआ। यदि इस बार भी ऐसा होता है तो साहस के सौदागरों को जरुर लाभ होगा।
अगर सरकार विश्वास मत हासिल कर लेती है तो भी निवेशकों को आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि मनमोहन सिंह सरकार के साथ अब वामपंथी नहीं होंगे जिससे आर्थिक सुधार खासकर विनिवेश के मोर्चें पर सरकार को तेजी से आगे बढ़ने का मौका मिलेगा और वित्तीय घाटे की यहां से भरपाई की जा सकेगी। यदि सरकार बच जाती है तो इस साल के अंत तक बीएसई सेंसेक्स 18 हजार अंक के ऊपर पहुंच सकता है। यद्यपि कुछ विश्लेषकों की राय में इस समय भी शेयरों के दाम में 15 से 20 फीसदी का और करेक्शन बाकी है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स इस सप्ताह में 14044 अंक से ऊपर जाता है तो इसके 14334 अंक पहुंचने के आसार हैं। बीएसई सेंसेक्स में सपोर्ट स्तर 13033 अंक का है। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी 3863 से 4244 अंक के बीच रहने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 128 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाने के बाद अब दुनिया भर के शेयर बाजारों ने राहत की सांस ली है। अंतरराष्ट्रीय विलेषक इलियेट का कहना है कि आने वाले दिनों में क्रूड के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक आ जाएंगे लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रूड में तेजी के दिन हवा हो गए हैं।
इस सप्ताह निवेशक क्युमिंस इंडिया, अरेवा टी एंड डी, अल्सटॉम प्रोजेक्ट्स, श्री रेणुका शुगर्स, एचसीसी, सांघी मूवर्स, पटेल इंजीनियर्स, नवनीत पब्लिकेशंस, ऊषा मार्टिन, ग्रीव्ज काटन, तातिया कंसट्रक्शंस और मोनसेंटो ध्यान दे सकते हैं। इस सप्ताह डॉ. रेड्डी लैब, पंजाब ट्रैक्टर्स, वेल्सपन गुजरात, बारटोनिक्स इंडिया, टेक महिंद्रा, पेन्नीसुला लैंड, कैनरा बैंक, टाटा कॉफी, यूनाइटेड स्पिरिट, राने मद्रास, भेल, त्रिवेणी इंजीनियरिंग, सेंचुरी एंका, सेंचुरी टेक्सटाइल्स, सीमेंस, डालमिया सीमेंट, बैंक ऑफ राजस्थान, थर्मेक्स, नेल्को, इंद्रप्रस्थ गैस, एम्को, रिलायंस पेट्रोलियम, कोरोमंडल फर्टिलाइर्ज्स, टाटा एलेक्सी, ग्राइंड वैल नार्टन, स्ट्राइड, लुपिन, इंडियन कार्ड क्लोदिंग, एशियन पेंटस, आल्फालावल, आईडीबीआई बैंक, नोसिल, सुंदरम क्लेटॉन, क्राम्पटन ग्रीव्ज, गुजरात इंडस्ट्रीज पावर, मास्टेक, लक्ष्मी मशीन वर्क्स, पीडीलाइट, जी एंटरटेनमेंट, पटनी कंप्यूटर, श्री रेणुका शुगर्स, महिंद्रा फाइनेंस, कल्याणी फोर्ज, रामको सिस्टम, हिंदुस्तान जिंक, आइडिया सेलुलर, एमआरएफ, जी न्यूज, मद्रास अल्युमीनियम, एस्सल प्रोपेक, क्रिसिल, फेग बियरिंग्स, बजाज इलेक्ट्रिकल, भारती एयरटेल, इसब इंडिया, केसीपी सुगर, हिंदुस्तान यूनिलीवर, ग्रासिम, जिंदल स्टील, इंजीनियर्स इंडिया, गोदरेज कंज्यूमर, एबीबी, अंबुजा सीमेंट, अल्सटॉम प्रोजेक्टस, आरएनआरएल, हिंदुस्तान कंसट्रक्शंस, सीएट, जेके सीमेंट, पीटीसी इंडिया, एसबीआई, शीपिंग कार्पोरेशन, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और आयशर मोटर्स के नतीजों का बाजार को इंतजार है।
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