जब जॉब खोना पड़े

लगभग रोज ही विभिन्‍न कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों की तादाद घटाने के लिए तरह-तरह की कसरत करने की खबरें आ रही हैं। कहीं स्वैच्छिक (?) छुट्टी पर भेजा जा रहा है, कहीं आधे वेतन पर कुछ सालों के लिए समाजसेवा के लिए कार्मिकों को मुक्त किया जा रहा है, तो कहीं सीधे ही बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है कि निकलो भाई, हम आपका बोझ अब नहीं उठा सकते। लेकिन इसके बावजूद शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा, जिसकी जिंदगी में इस वजह से कोई बड़ा परिवर्तन न आए। अगर इस दौर में आप प्रभावित होने से बचे हैं, तो आप खुशकिस्मत हैं। लेकिन यदि प्रभावित हुए हैं, तो आपको कुछ तरीकों पर जरूर सोचना चाहिए, जिनको अपनाकर आप इस परिस्थिति से बाहर निकल सकते हैं और नए सिरे से मुस्करा सकते हैं।

1- शांत बने रहें। चाहे यह अपेक्षित हो या नहीं, चाहे यह कैसे भी हुआ हो, आपको शांत बने रहने की जरूरत है। कुछ भी कदम उठाने से पहले उत्तेजित या तनावग्रस्त होने पर आप अनजाने ऐसा कुछ भी कर सकते हैं, जो आपको नहीं करना चाहिये। एमिली पोस्ट के निदेशक और 'एटिकेट:एडवांटेज इन बिजनेस' के लेखक पीटर पोस्ट कहते हैं-"आपको कंपनी से बाहर किया जाना आपके लिए खुशी की बात तो नहीं ही है, जबकि यह निर्णय आपका अपना नहीं हो। भले ही आपको बाहर किया जा रहा है, लेकिन इसे ध्यान में रखिये कि आपके बॉस और आपके सहकर्मियों से आप हमेशा के लिए विदा नहीं ले रहे हैं, संभवत: फिर उनसे सामना हो सकता है। अपनी भावनाओं को काबू में रखना बहुत ही अच्छी बात है" एक प्रबंधन सलाहकार कंपनी की उपाध्यक्ष बारबरा बारा के मुताबिक-"आपको हमेशा पेशेवराना तरीके से विदा लेनी चाहिए। आप चाहें या न चाहें, लेकिन जहां से आप बाहर जा रहे हैं, वह कंपनी सदैव आपके लिये एक सन्दर्भ का कार्य करेगी।"

2- अपने पुराने एम्प्लॉयर का अधिकतम उपयोग करें। हो सकता है कि छोड़ी जा रही कंपनी आपको छोड़ने के एवज में पुनर्प्रशिक्षण या कार्मिक सहायता कार्यक्रम या अन्य किसी प्रकार के लाभ का प्रस्ताव दे रही हो, जिसे अपनाने से आपको आगे कैरियर में मदद मिल सकने के लिए आपको यह विकल्प खुला रखना चाहिए, उस हर चीज के साथ, जो आप कर सकते हैं। भले ही आपकी परिस्थिति तात्कालिक अस्थिरता का शिकार हो, लेकिन इसका असर आपकी असीमित संभावनाओं पर नहीं पड़ना चाहिए, जो आपके आगे बरकरार होती हैं। एक ब्लॉगर एवं मानव संसाधन सलाहकार आइरिन कोयलर के अनुसार- "यह आपको बाहर निकल जाने और तनावग्रस्त हो जाने के लिए प्रेरित करता है, मगर बाहर निकलने से पहले आप हर एक से सम्पर्क सूचनाएं और राय-मश्वरा जरूर प्राप्त कर लें।" किसी कंपनी से प्रस्थान करने की दशा में वहां के कार्मिकों, आपके अधिकारियों से आपका अन्तर्व्यवहार आपकी भावी योजनाओं को प्रभावित करता है, इसलिए उन लोगों के सामने समस्याएं कम आती हैं और समर्थन ज्यादा मिलते हैं, जो संबंधों को हर हाल में मधुर बनाए रखने में यकीन रखते हैं।

3- पेशेवर सलाह प्राप्त करिए। एक सेवेरेंस समझौते पर हस्ताक्षर करने की दशा में पहले इसका भली-भांति अवलोकन अवश्य करें। कभी-कभी इस पैकेज में सौदेबाजी की संभावना होती है, खासकर तब, जब भारी मात्रा में छंटनी के बजाय एक-दो लोगों के साथ ऐसा किया जा रहा हो। समझौते को समुचित और वास्तविक लाभप्रद स्तर तक लाने के लिये अटार्नी की मदद ली जानी चाहिए। इसे सामान्यतया अटार्नी द्वारा ही तैयार किया जाता है और इससे मानव संसाधन विभाग जुड़ा होता है, जिसमें अधिकतम प्राप्त करने की प्रत्याशा में प्रयास किए जाने चाहिए।

4- इसे अपने कैरियर के पुनरावलोकन के अवसर के रूप में देखिए। कार्य से बाहर किया जाना अच्छी चीज तो नहीं ही हो सकती, लेकिन यह आपको एक कदम पीछे जाकर यह देखने का आपको मौका भी देता है, कि क्या आपको कुछ अलग हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए? इससे आप अपनी योग्यताओं/क्षमताओं को नये तरह से प्रयोग कर सकते हैं, या उस तरह से भी, जैसे आपने पहले सोचा भी नहीं हो। खाली वक्त में स्वैच्छिक, स्वयंसेवी के तौर पर कार्य के अवसरों का उपयोग किए जाने में समझदारी है। यह आपकी योग्यताओं को तरोताजा रखता है और नए संपर्कों का लाभ उठाने के अवसर देता है। अपने अगले बेहतरीन विकल्प के बारे में सोचने का समय निकालें। देखिये कि क्या विकल्प मौजूद हैं और अन्य संगठनों के लिए आप किस तरह से क्या कर सकते हैं।

5- अपनी वित्तीय स्थिति पर निगाह रखिए। अचानक कार्यमुक्ति आपकी आमदनी और वित्तीय स्थिति में बड़ा परिवर्तन लाती है। कंपनी छोड़ने के एवज में होने वाली सभी वित्तीय प्रापतियों को और अपनी बचतों का आगणन करें और देखें कि कितने वक्त के बाद आपको वास्तव में नौकरी करने की जरूरत पड़ेगी। वित्तीय स्थिति अधिक मजबूत होने की दशा में, 'एक अधिक बेहतर' नौकरी की तलाश में लगने वाले समय से आप समझौता कर सकते हैं। अधिक पैसे पास न होने की दशा में आपको अधिक सतर्कता से काम लेना होगा। सामूहिक योजनाओं का लाभ उठायें, जिनमें कम व्यय पर आपकी कई प्रकार की आवश्यकताएं पूरी हो सकती हैं।

6- अपने सम्पर्कों के सम्पर्क में रहें। लोग बिना नौकरी की नई स्थिति में एकाएक आने के बाद अपने इष्ट-मित्रों, परिजनों से कतराना शुरू कर देते हैं। किसी और को ऐसी परिस्थिति में पाकर आप जिस तरह उसकी मदद करने को आतुर होते हैं, उसी ततरह दूसरे भी आपकी मदद कर सकते हैं, इसलिए सम्पर्क में रहना बेहतर है। सभी अनौपचारिक सम्पर्कों के अलावा औपचारिक सम्पर्क, जैसे सोशल नेटवर्किंग आदि भी नई नौकरी की खोज, या तनावमुक्ति में आपकी मदद कर सकते हैं। अपने सम्पर्कों का बुद्धिमत्तापूर्वक इस्तेमाल करें।

7- सक्रिय बने रहिए और लोगों की पहुंच में रहें। एक नियमित कार्य के बिना चीजों के साथ तालमेल बिठाए रखना दुष्कर कार्य है। कई महीनों तक लगातार नौकरी की खोज हताशा और निराशा से भी सामना करा सकती है। अपनी बेहतरी के लिए, अपनी दिनचर्या को नियमित रखने का पूरा प्रयास करें, सक्रियतापूर्वक अपने मेलजोल को जारी रखते हुए नौकरी की तलाश करें। सब कुछ समाप्त नहीं हो गया है, ऐसी सोच के साथ अपनी जिंदगी से व्यक्तिगत आनंद और मनोरंजन के लम्हों से बिल्कुल बेगाने न हों। विपरीत परिस्थिति का सामना करके जब आप फिर से जिंदगी का संतुलन साधते हैं, तो यह आपको और अधिक मजबूत तथा योग्य बनाता हुआ आपके आत्मविश्वास और प्रतिभा को निखारने वाला होता है।

टिप्पणियाँ

sushant jha ने कहा…
बेहतरीन..इस तरह के आलेख हिंदी में कहां मिलते हैं...हां, एक विनम्र सलाह देना चाहूंगा...चूंकि नेट एक आईकैची मीडियम नहीं है..इसलिए अगल आलेख थोड़ा छोटा हो तो ज्यादा से ज्यादा लोग इससे लाभान्वित हो सकते हैं। एक बार फिर से बधाई स्वाकार करें।

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