शेयर बाजार को आखिरी धक्का मारने की तैयारी !
मंदी में डूबे शेयर बाजार को क्या अब आखिरी धक्का मारने की तैयारी हो रही है। आम निवेशक के विचारों को आगे रखें तो शेयर बाजार में मंदी का अंत नहीं है और उन्हें ऐसा लगता है सब कुछ जीरो हो जाएगा। लेकिन ऐसा है नहीं। आम निवेशक की मनोस्थिति में उसे जीरो के अलावा कुछ नहीं दिख रहा जबकि अंधेरे के बाद उजाला और उजाले के बाद अंधियारा प्रकृति का नियम है।
शेयर बाजार में यह कोई पहली बार मंदी नहीं आई है। ऐसा कई बार हुआ है लेकिन अब तक निचले और आकर्षक स्तर पर लेवाली कर फिर लौटी तेजी में मुनाफाकमाने वाले इस बार की मंदी में गच्चा खा गए हैं। हर घटे स्तर को निचला स्तर मानकर शेयर खरीदने वालों ने पैसा कमाया ही नहीं, बल्कि गंवाया ही है। शेयर बाजार की तलहटी का पता न लगते देख अब ऐसे निवेशकों ने खरीद रोक दी है। मंदडि़यों ने पूरे देश को ही नहीं बल्कि सारी दुनिया को मंदी में उतार दिया है। बस बेचो..बस बेचो...यही एक शब्द सब जगह गुंज रहा है। लेकिन हर बार ऐसा हुआ है पूरी तरह मंदी या तेजी में डूबा देने के बाद खिलाड़ी खेल बदलते हैं।
यदि आपको याद हो तो दिसंबर 2008 में हर कोई मानकर चल रहा था कि रिलायंस पावर का आईपीओ लिस्टेड होते समय सेंसेक्स को 27, 30 और 35 हजार पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता। उस समय जिसने भी गिरावट की बात की या मुनाफावसूली की, उस पर हर कोई हंसता था। नवंबर से जनवरी 2009 के दौरान बार बार यह कहा जा रहा था कि यह समय मुनाफा वसूली का है। मुनाफावसूली करते रहना ज्यादा बुद्धिमानी का खेल होगा। पेड़ चाहे कितना लंबा हो जाए वह आसमान को छू नहीं सकता....लेकिन अधिकतर निवेशकों ने इसे नजरअंदाज कर दिया और घाटे में उतर गए।
मंदी में आकंठ डूबे शेयर बाजार में धीरे धीरे खेल पलटने की तैयारी चल रही है। सेंसेक्स की तलहटी 6994 का दिख रहा है और यदि यहां कोई छोटी दुर्घटना होती है तो यह 6700 अंक तक जा सकता है। लेकिन यहां से शेयर बाजार की स्थिति पलटती हुई दिख रही है। हालांकि, एक बात साफ कर लें कि अब जो तेजी होगी वह राकेट की गति से नहीं आएगी। यदि निवेशक यह मान रहे हों कि बाजार अपनी इस तलहटी से सीधे 15 या 21 हजार अंक पहुंच जाएगा, वे इस भ्रम में न रहें। बाजार के बढ़ने पर बीच बीच में बिकवाली दबाव साफतौर पर दिखेगा जो सेंसेक्स को अपनी पिछली ऊंचाई तक पहुंचाने में काफी समय लग सकता है।
शेयर बाजार के महाखिलाड़ी अब आम चुनाव के इस माहौल में अनेक झूठ और सच के सहारे निवेशकों से उम्दा कंपनियों के शेयर पूरी तरह निकलवाने का प्रयास करेंगे ताकि बेहद सस्ते में ये शेयर खरीदकर वे अपने पोर्टफोलियों को मजबूत बना सकें। आम निवेशक अब दिल से नहीं दिमाग से काम लें और अच्छी कंपनियों के शेयर न बेचें। याद रखें इस बाजार में हर बार मंदी के बाद तेजी लौटी है। खुद निवेशक भी होमवर्क करें और पढ़ने के साथ सारी घटनाओं पर नजर रखें एवं अनके अर्थ सही दिशा में निकालने की कोशिश करें। कहावत है खुद को स्वर्ग जाना हो तो खुद को ही मरना पड़ता है। अमरीका और यूरोप में मंदी के बीच भारत में औद्योगिक फंड, एफआईआई, लोकल फंड और बड़े खिलाड़ी शेयर बाजार को ढीला रखने का प्रयास करेंगे लेकिन चतुर निवेशक अपने पोर्टफोलियों में वे बेहतरीन शेयरों को शामिल कर सकते हैं जो मंदी के इस आखिरी धक्के में तलहटी पर होंगे।
9 मार्च से शुरु हो रहा नया सप्ताह शेयर बाजार के लिए छोटा सप्ताह है क्योंकि शेयर बाजार में 10 और 11 मार्च को अवकाश रहेगा। नए सप्ताह में केवल तीन दिन ही कारोबार होगा। नौ मार्च से शुरु हो रहे सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 8585 से 7979 के बीच घूमता रहेगा। जबकि, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 2727 से 2424 के बीच कारोबार करेगा।
शेयर बाजार के लिए मार्च महीना अच्छा नहीं रहा है। पिछले 16 साल में से 12 साल मार्च महीने ने नकारात्मक रिटर्न दिया है। केवल चार साल ही मार्च महीने ने सकारात्मक रिटर्न दिया है। पिछले वर्षों में मार्च महीने में औसतन 3.5 फीसदी नकारात्मक रिटर्न मिला है। आने वाले दिनों में बाजार की नजर कार्पोरेट टैक्स की जमा होने वाली राशि पर रहेगी। यदि इस टैक्स में कोई असामान्य कमी देखने को मिली तो शेयर बाजार का बंटाढार हो सकता है।
सूरत कॉमर्शियल कार्पोरेशन के इक्विटी विश्लेषक गोपाल मोदी का कहना है कि अगले सप्ताह के लिए बैलेंस पाइंट 8378 के मुकाबले पिछला बंद स्तर 8325 के कम होने की वजह से नरमी का रुख दिखाता है। बाजार में उतार चढ़ाव सामान्य रहेगा। नई मंदी 8209 के नीचे, स्टॉप लॉस 8314 का रखें या 8443 से 8547 के बीच स्टॉप लॉस 8584 का रखें। 8200 का स्तर टूटने पर 7972 से 7811 तक गिरने की संभावना। यदि 7800 के नीचे सेंसेक्स आता है तो मंदी में रहे अन्यथा बढ़कर 8200 से 8395 आने के आसार। 7800 के नीचे सेंसेक्स के रहने पर यह 7662 से 7558 तक आ सकता है। तेजी का कारोबार 8550 के ऊपर करें और स्टॉप लॉस 8443 का रखें। तेजी के दौरान सेंसेक्स बढ़कर 8820 जाने के आसार लेकिन इसकी संभावना बेहद कम है।
तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि शेयर बाजार में अब अक्टूबर 2008 के निचले स्तर की परीक्षा होगी। हालांकि, पिछले सप्ताह पुलबैक की बात थी जो नहीं हो सका। नए सप्ताह में सेंसेक्स के लिए रेसीसटेंस स्तर 8378-8710-8762 होंगे। साप्ताहिक सपोर्ट 7994-7696 और 7278 होंगे। सेंसेक्स बढ़कर 8535 के ऊपर बंद होता है तो इसकी तलहटी 8047 तय है और यहां से पुलबैक देखने को मिलेगा। इस पुलबैक के तहत सेंसेक्स 9725 तक पहुंच सकता है। लेकिन यदि सेंसेक्स 8047 से तत्काल गिरता है तो इसके कम से कम 7697 तक जाने की संभावना है।
इस सप्ताह निवेशक पेट्रोनेट एलएनजी, गुजरात स्टेट पेट्रो, भारती एयरटेल, श्रेई इंफ्रा, पुंज लायड, मीक इलेकट्रॉनिक्स, एस्सार शीपिंग, सुजलॉन एनर्जी और जी न्यूज पर ध्यान दे सकते हैं।
शेयर बाजार में यह कोई पहली बार मंदी नहीं आई है। ऐसा कई बार हुआ है लेकिन अब तक निचले और आकर्षक स्तर पर लेवाली कर फिर लौटी तेजी में मुनाफाकमाने वाले इस बार की मंदी में गच्चा खा गए हैं। हर घटे स्तर को निचला स्तर मानकर शेयर खरीदने वालों ने पैसा कमाया ही नहीं, बल्कि गंवाया ही है। शेयर बाजार की तलहटी का पता न लगते देख अब ऐसे निवेशकों ने खरीद रोक दी है। मंदडि़यों ने पूरे देश को ही नहीं बल्कि सारी दुनिया को मंदी में उतार दिया है। बस बेचो..बस बेचो...यही एक शब्द सब जगह गुंज रहा है। लेकिन हर बार ऐसा हुआ है पूरी तरह मंदी या तेजी में डूबा देने के बाद खिलाड़ी खेल बदलते हैं।
यदि आपको याद हो तो दिसंबर 2008 में हर कोई मानकर चल रहा था कि रिलायंस पावर का आईपीओ लिस्टेड होते समय सेंसेक्स को 27, 30 और 35 हजार पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता। उस समय जिसने भी गिरावट की बात की या मुनाफावसूली की, उस पर हर कोई हंसता था। नवंबर से जनवरी 2009 के दौरान बार बार यह कहा जा रहा था कि यह समय मुनाफा वसूली का है। मुनाफावसूली करते रहना ज्यादा बुद्धिमानी का खेल होगा। पेड़ चाहे कितना लंबा हो जाए वह आसमान को छू नहीं सकता....लेकिन अधिकतर निवेशकों ने इसे नजरअंदाज कर दिया और घाटे में उतर गए।
मंदी में आकंठ डूबे शेयर बाजार में धीरे धीरे खेल पलटने की तैयारी चल रही है। सेंसेक्स की तलहटी 6994 का दिख रहा है और यदि यहां कोई छोटी दुर्घटना होती है तो यह 6700 अंक तक जा सकता है। लेकिन यहां से शेयर बाजार की स्थिति पलटती हुई दिख रही है। हालांकि, एक बात साफ कर लें कि अब जो तेजी होगी वह राकेट की गति से नहीं आएगी। यदि निवेशक यह मान रहे हों कि बाजार अपनी इस तलहटी से सीधे 15 या 21 हजार अंक पहुंच जाएगा, वे इस भ्रम में न रहें। बाजार के बढ़ने पर बीच बीच में बिकवाली दबाव साफतौर पर दिखेगा जो सेंसेक्स को अपनी पिछली ऊंचाई तक पहुंचाने में काफी समय लग सकता है।
शेयर बाजार के महाखिलाड़ी अब आम चुनाव के इस माहौल में अनेक झूठ और सच के सहारे निवेशकों से उम्दा कंपनियों के शेयर पूरी तरह निकलवाने का प्रयास करेंगे ताकि बेहद सस्ते में ये शेयर खरीदकर वे अपने पोर्टफोलियों को मजबूत बना सकें। आम निवेशक अब दिल से नहीं दिमाग से काम लें और अच्छी कंपनियों के शेयर न बेचें। याद रखें इस बाजार में हर बार मंदी के बाद तेजी लौटी है। खुद निवेशक भी होमवर्क करें और पढ़ने के साथ सारी घटनाओं पर नजर रखें एवं अनके अर्थ सही दिशा में निकालने की कोशिश करें। कहावत है खुद को स्वर्ग जाना हो तो खुद को ही मरना पड़ता है। अमरीका और यूरोप में मंदी के बीच भारत में औद्योगिक फंड, एफआईआई, लोकल फंड और बड़े खिलाड़ी शेयर बाजार को ढीला रखने का प्रयास करेंगे लेकिन चतुर निवेशक अपने पोर्टफोलियों में वे बेहतरीन शेयरों को शामिल कर सकते हैं जो मंदी के इस आखिरी धक्के में तलहटी पर होंगे।
9 मार्च से शुरु हो रहा नया सप्ताह शेयर बाजार के लिए छोटा सप्ताह है क्योंकि शेयर बाजार में 10 और 11 मार्च को अवकाश रहेगा। नए सप्ताह में केवल तीन दिन ही कारोबार होगा। नौ मार्च से शुरु हो रहे सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 8585 से 7979 के बीच घूमता रहेगा। जबकि, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 2727 से 2424 के बीच कारोबार करेगा।
शेयर बाजार के लिए मार्च महीना अच्छा नहीं रहा है। पिछले 16 साल में से 12 साल मार्च महीने ने नकारात्मक रिटर्न दिया है। केवल चार साल ही मार्च महीने ने सकारात्मक रिटर्न दिया है। पिछले वर्षों में मार्च महीने में औसतन 3.5 फीसदी नकारात्मक रिटर्न मिला है। आने वाले दिनों में बाजार की नजर कार्पोरेट टैक्स की जमा होने वाली राशि पर रहेगी। यदि इस टैक्स में कोई असामान्य कमी देखने को मिली तो शेयर बाजार का बंटाढार हो सकता है।
सूरत कॉमर्शियल कार्पोरेशन के इक्विटी विश्लेषक गोपाल मोदी का कहना है कि अगले सप्ताह के लिए बैलेंस पाइंट 8378 के मुकाबले पिछला बंद स्तर 8325 के कम होने की वजह से नरमी का रुख दिखाता है। बाजार में उतार चढ़ाव सामान्य रहेगा। नई मंदी 8209 के नीचे, स्टॉप लॉस 8314 का रखें या 8443 से 8547 के बीच स्टॉप लॉस 8584 का रखें। 8200 का स्तर टूटने पर 7972 से 7811 तक गिरने की संभावना। यदि 7800 के नीचे सेंसेक्स आता है तो मंदी में रहे अन्यथा बढ़कर 8200 से 8395 आने के आसार। 7800 के नीचे सेंसेक्स के रहने पर यह 7662 से 7558 तक आ सकता है। तेजी का कारोबार 8550 के ऊपर करें और स्टॉप लॉस 8443 का रखें। तेजी के दौरान सेंसेक्स बढ़कर 8820 जाने के आसार लेकिन इसकी संभावना बेहद कम है।
तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि शेयर बाजार में अब अक्टूबर 2008 के निचले स्तर की परीक्षा होगी। हालांकि, पिछले सप्ताह पुलबैक की बात थी जो नहीं हो सका। नए सप्ताह में सेंसेक्स के लिए रेसीसटेंस स्तर 8378-8710-8762 होंगे। साप्ताहिक सपोर्ट 7994-7696 और 7278 होंगे। सेंसेक्स बढ़कर 8535 के ऊपर बंद होता है तो इसकी तलहटी 8047 तय है और यहां से पुलबैक देखने को मिलेगा। इस पुलबैक के तहत सेंसेक्स 9725 तक पहुंच सकता है। लेकिन यदि सेंसेक्स 8047 से तत्काल गिरता है तो इसके कम से कम 7697 तक जाने की संभावना है।
इस सप्ताह निवेशक पेट्रोनेट एलएनजी, गुजरात स्टेट पेट्रो, भारती एयरटेल, श्रेई इंफ्रा, पुंज लायड, मीक इलेकट्रॉनिक्स, एस्सार शीपिंग, सुजलॉन एनर्जी और जी न्यूज पर ध्यान दे सकते हैं।
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