भ्रष्‍टाचार, भूख ने हिलाए दस देशों के सिंहासन

हाउस ऑफ साउद
लोकतंत्र के इस दौर में क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई राजपरिवार 100 सालों तक सत्ता पर काबिज रहे। दुनिया के 25 फीसदी तेल स्रोतों पर कब्जा रखने वाले सऊदी अरब में ऎसा ही है। इस राजपरिवार में तकरीबन सात हजार हजार सदस्य हैं। लेकिन देश के हालात हर दिन बदतर होते जा रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक यहां हर साल 10 फीसदी की दर से बेरोजगार बढ़ रही है। सात में में एक नौजवान निरक्षर है। सबसे बुरी हालत तो महिलाओं की है जो तमाम तरह की पाबंदियों में जिंदा रहती हैं। यहां भी कुछ हलकों से आजादी और सुशासन की मांगें उठनी शुरू हो चुकी हैं।


अब्देलअजीज
ये 1999 से अल्जीरिया में राज कर रहे हैं। अपने खिलाफ हर आवाज दबा देने में माहिर। इज्पित के जनआंदोलन से प्रेरणा लेकर जनता उतरी सड़कों पर।

होस्नी मुबारक
इजिप्‍त के बेहद शक्तिशाली और पिछले 31 सालों से सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति मुबारक के खिलाफ भड़का विद्रोह अब कभी भी निर्णायक रूप ले सकता है।

किम जोंग इल
उत्तर कोरिया का क्रूर शासक। शासनकाल में दो लाख लोग मारे और इतने ही जेलों में ठूंस दिए गए। अब किम के खिलाफ आवाजें उठनें लगी हैं। पुत्र मोह के आरोप भी।

हसन अल बशीर
सूडान का तेज दिमाग शासक। 1989 में एक विद्रोह का नेतृत्व करने के बाद सत्ता पर काबिज। अब उनकी सरकार अपनी अंतिम सांसे गिनती प्रतीत होती है। दक्षिण सूडान का बनना हुआ तय।

रॉबर्ट मुगाबे
जिम्बॉबे का तानाशाह। 1980 में जिम्बॉबे आजाद हुआ और तभी से सत्ता पर कब्जा। विपक्षी दलों के नेताओं को या तो मरवा दिया या फिर जेल में ठूंसा।

अब्दुल सलेह

यमन के 32 सालों से शासक। कुशासन और दमन के अलावा भ्रष्टाचार के आरोप, कभी भी जा सकती है सत्ता। लोगों में काफी गुस्सा।

लुकाशेंको
बेलारूस के एलेक्झेंडर लुकाशेंको को यूरोप का आखिरी तानाशाह कहा जाता है। 16 सालों से शासक। अब तेजी से बढ़ता दबाव।

अहमदीनेजाद
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव जीतकर सत्ता में आने का दंभ लेकिन देश में देश-विेदेश में खराब फिजा। प्रतिबंधों से देश पतन की कगार पर आया।

इमोमाली रामोन
तजाकिस्तान को आजादी मिली 1992 में। इसके ठीक से सत्ता पर कब्जा। किसी समय साधन संपन्न रहा यह छोटा सा देश अब बेहद गरीब। (पत्रिका से साभार)।

टिप्पणियाँ

Vinod Kumar Purohit ने कहा…
आजाद भारत में कोई क्रांति हो तो बात बने। जनता सहन कर रही है गोया सहन करना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग बन गया है। या शायद सदियों से घास फूस खाने के कारण सहन करते ही चले जा रहे है। पहले कई देशों के आक्रमणों को सहन किया, फिर अंग्रेजों को सहन किया व अब नेताआें को सहन करते जा रहे है। भारत भाग्य विधाता।

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