एफआईआई, क्रूड तय करेगा दलाल स्ट्रीट का रुझान
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार पिछले सप्ताह भारी उठापटक के बाद सपाट बंद हुए। कच्चे तेल में लगातार गिरावट से रूस की मुद्रा में तेज गिरावट और उसके बाद रूस में ब्याज दरों में खासी बढ़ोतरी से दुनिया भर के शेयर बाजार सहम से गए।
भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक निफ्टी/सेंसेक्स शुरुआती तीन दिनों में क्रमश: 263/881 अंक फिसलते नजर आए। लेकिन अमरीकी फ़ेडरल बैंक द्वारा ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला बुरी खबरों के बीच एक बहुत सकरात्मक घटक रहा जिससे दुनिया भर के शेयर बाज़ारो में बड़ी तेजी देखने को मिली और भारतीय शेयर बाजार में फिर से रौनक लौट आई। इसके बाद रूस की मुद्रा एवं बाज़ारों में आई स्थिरता से सप्ताह के अंतिम दिन भी बाजार तेजी जारी रखने में कामयाब रहे। जीएसटी बिल लोकसभा में पेश होना भी भारतीय शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक घटक रहा।
इस सप्ताह के प्रमुख घटक: संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दो दिन बाजार के लिए एक अहम घटक रहेगा; इसमें कोल माइंस बिल एवं इंश्योरेंस बिल मुख्य मुद्दा रहेंगे। कच्चे तेल की चाल पर दुनिया भर के बाज़ारो की नजर टिकी हुई क्योंकि कच्चे तेल में लगातार गिरावट दुनिया की आर्थिक स्थिति पर सवाल खड़ा करती है। विदेशी निवेशकों की चाल भारतीय शेयर बाजार के लिए मुख्य भूमिका निभाएगी क्योंकि गत सप्ताह एफआईआई ने लगभग 5000 करोड़ की बिकवाली की है; अंतिम दो दिनों में बाजार में जोरदार तेजी के बावजूद उनकी तरफ से बिकवाली हुई है। इसके अलावा रुपए की चाल और एफएंडओ कटान अन्य प्रमुख घटक रहेंगे।
टेक्निकल आउटलुक: स्वस्तिक इनवेस्टमार्ट, इंदौर के वरिष्ठ इक्विटी विश्लेषक संतोष मीणा का कहना है कि निफ्टी में अपने महत्वपूर्ण सपोर्ट 7980 के पास से तेज उछाल देखने को मिला है जहां निफ्टी अभी अपने 50 दिन के एवरेज 8230 के पास ट्रेड कर रहा है; अगर निफ्टी 8230 के ऊपर बने रहने में कामयाब रहता है तो बाज़ार में तेजी का रुख बने रहें की उम्मीद है लेकिन यहां से अगर बाजार में कमजोरी आती है तो फिर से निफ्टी 8000 की तरफ जा सकता है।
मीणा का कहना है कि टेक्निकल चार्ट पर हिंडालको और जुबलियन फ़ूड के में तेजी के संकेत मिल रहे है वही एसीसी के चार्ट पर कमजोरी नजर आ रही है; इनके मौजूदा भाव क्रमश: 158/1343 एवं 1382 है; हिंडालको में 165, जुबलियन फ़ूड में 1390 एवं एसीसी में 1320 तक के स्तर देखे जा सकते है।
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