आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी पर रहेगी शेयर बाजार की नजर
भारतीय शेयर बाजार गत सप्ताह उठापटक के बाद गिरावट के साथ बंद हुए। घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा निचले स्तरों से खरीदारी की वजह से सप्ताह के शुरुआती तीन दिनों में अच्छी तेजी देखी गई, लेकिन अंतिम दो दिनों में सारी तेजी गायब होते दिखी।
पिछले माह की बड़ी गिरावट के बाद बाजार में वैल्यूएशन भले ही आकर्षक लग रहे है लेकिन घरेलू और विदेशी दोनों ओर से अनिश्चितता बरकरार रहने की वजह से बाजार में निवेशक खरीदारी से कतरा रहे है और बाजार को तेजी के लिए कोई नया ट्रिगर भी नहीं मिल रहा है, इसलिए बाजार में सीमित दायरे में उठापटक देखने को मिल रही है। गत सप्ताह के अंत में निफ्टी एवं सेंसेक्स क्रमश: 8086/26230 के स्तर पर लगभग 0.3 फीसदी की साप्ताहिक गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार भले ही गिरावट के साथ बंद हुए हो, लेकिन कमजोर बिक्री के आंकड़ो के बावजूद कई ऑटो कंपनियों के शेयरों में खरीदारी का रुख देखने को मिला है जो बाजार के लिए एक अच्छा संकेत है।
इस सप्ताह के प्रमुख घटक: इस सप्ताह का सबसे प्रमुख घटक बुधवार को जारी होने वाली आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी रहेगी, बाजार आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगा रहा है, हालांकि, रूपए की कमजोरी एवं कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की वजह से ब्याज दरों में बड़ी कटौती की उम्मीद को झटका लगा है। सप्ताह की शुरुआत में बाजार अमरीका के रोजगार के आंकड़ो पर प्रतिक्रिया देते नजर आएंगे, जो उम्मीद से बेहतर आए है जिसके बाद इस माह अमरीका में ब्याज दरो में बढ़ोत्तरी लगभग तय लग रही है, हालांकि, बाजार इस बात को लगभग मान चुका है।
विदेशी निवेशकों का रुख भी महत्पूर्ण रहेगा क्योंकि उनके द्वारा भारतीय बाजारों में लगातार बिकवाली देखी जा रही है गत सप्ताह भी उनके द्वारा लगभग 3200 करोड़ की बिकवाली देखी गई है। इसके अलावा विदेशी बाजारो का रूख एवं रुपए और कच्चे तेल की चाल अन्य प्रमुख घटक रहेंगे।
टेक्निकल आउटलुक: स्वस्तिक इनवेस्टमार्ट, इंदौर के वरिष्ठ इक्विटी विश्लेषक संतोष मीणा का कहना है कि टेक्निकल चार्ट पर निफ्टी को 8040/7990 पर निकटतम और मजबूत सपोर्ट है वही 7920 का स्तर एक बेस बन गया है। निफ्टी जब तक इसके ऊपर बना हुआ है बाजार में खरीदारी देखने को मिल सकती है। ऊपर की ओर 8150-8250 का क्षेत्र निकटतम रेजिस्टेंस जोन है। इसके ऊपर निकलने पर निफ्टी 8500 की ओर अग्रसर हो सकता है। जहां 8330-8330 पर हल्का रेजिस्टेंस रहेगा।
पिछले माह की बड़ी गिरावट के बाद बाजार में वैल्यूएशन भले ही आकर्षक लग रहे है लेकिन घरेलू और विदेशी दोनों ओर से अनिश्चितता बरकरार रहने की वजह से बाजार में निवेशक खरीदारी से कतरा रहे है और बाजार को तेजी के लिए कोई नया ट्रिगर भी नहीं मिल रहा है, इसलिए बाजार में सीमित दायरे में उठापटक देखने को मिल रही है। गत सप्ताह के अंत में निफ्टी एवं सेंसेक्स क्रमश: 8086/26230 के स्तर पर लगभग 0.3 फीसदी की साप्ताहिक गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार भले ही गिरावट के साथ बंद हुए हो, लेकिन कमजोर बिक्री के आंकड़ो के बावजूद कई ऑटो कंपनियों के शेयरों में खरीदारी का रुख देखने को मिला है जो बाजार के लिए एक अच्छा संकेत है।
इस सप्ताह के प्रमुख घटक: इस सप्ताह का सबसे प्रमुख घटक बुधवार को जारी होने वाली आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी रहेगी, बाजार आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगा रहा है, हालांकि, रूपए की कमजोरी एवं कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की वजह से ब्याज दरों में बड़ी कटौती की उम्मीद को झटका लगा है। सप्ताह की शुरुआत में बाजार अमरीका के रोजगार के आंकड़ो पर प्रतिक्रिया देते नजर आएंगे, जो उम्मीद से बेहतर आए है जिसके बाद इस माह अमरीका में ब्याज दरो में बढ़ोत्तरी लगभग तय लग रही है, हालांकि, बाजार इस बात को लगभग मान चुका है।
विदेशी निवेशकों का रुख भी महत्पूर्ण रहेगा क्योंकि उनके द्वारा भारतीय बाजारों में लगातार बिकवाली देखी जा रही है गत सप्ताह भी उनके द्वारा लगभग 3200 करोड़ की बिकवाली देखी गई है। इसके अलावा विदेशी बाजारो का रूख एवं रुपए और कच्चे तेल की चाल अन्य प्रमुख घटक रहेंगे।
टेक्निकल आउटलुक: स्वस्तिक इनवेस्टमार्ट, इंदौर के वरिष्ठ इक्विटी विश्लेषक संतोष मीणा का कहना है कि टेक्निकल चार्ट पर निफ्टी को 8040/7990 पर निकटतम और मजबूत सपोर्ट है वही 7920 का स्तर एक बेस बन गया है। निफ्टी जब तक इसके ऊपर बना हुआ है बाजार में खरीदारी देखने को मिल सकती है। ऊपर की ओर 8150-8250 का क्षेत्र निकटतम रेजिस्टेंस जोन है। इसके ऊपर निकलने पर निफ्टी 8500 की ओर अग्रसर हो सकता है। जहां 8330-8330 पर हल्का रेजिस्टेंस रहेगा।
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