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सोने-चांदी में अभी और तेजी की उम्मीद

इंदौर। सोने-चांदी   की कीमतों में पिछले सप्ताह   शानदार   तेजी देखी गई। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स   पर सोना  1041 रुपए   की बढ़त   के साथ 27668 (3.91 फीसदी ) रुपए पर बंद हुआ। चांदी 2695 रुपए   की बढ़त के 44570 (6.44 फीसदी ) रुपए पर बंद हुई।   स्थानीय हाजिर बाजार में   शनिवार को 24 कैरेट सोने   का भाव  28710  रुपए प्रति दस ग्राम और   चांदी का भाव  44636  रुपए प्रति किलोग्राम था   । अंतरराष्‍ट्रीय    बाजार   में सोना 37.45  डॉलर औंस बढ़कर  1314.75  डॉलर औंस के स्तर पर बंद   हुआ।   वहीं   चांदी 1.174  डॉलर औंस बढ़कर 20.85  डालर औंस के स्तर पर बंद हुई। फंडामेंटल वॉच:   इराक में   लगातार बढ़ते तनाव एवं टेक्निकल चार्ट के सपोर्ट   को देखते   हुए पिछले सप्ताह सोने एवं चांदी की कीमतों में बडी तेजी देखी   गई। अमरीकी सरकार द्वारा  300 अमरीकी   मिलिट्री एडवाइजर   इराक के   आर्मी की सहायता के लिए   भेजने की संभावना है , जो कि   बाजार में तेजी बने रहने की   आशा को व्यक्त करता है। वहीं   पिछले सप्ताह हुई एफओएमसी की मीटिंग के अनुसार आने वाले समय में अमरीका की अर्थव्यवस्था स्थिर रहने की संभावना ह

सोने-चांदी में खरीद जारी रहने की उम्मीद

विदेशी व   घरेलू बाजार   में सोने और   चांदी ने   पिछले सप्ताह निवेशकों को एक   अच्छा रिटर्न दिया   । घरेलू बाजार   एमसीएक्स अगस्त   वायदा में सोना 764  रुपए की साप्ताहिक बढ़त   के साथ  26627 (+2.95  फीसदी) रुपए प्रति दस ग्राम और   चांदी जुलाई   वायदा 1878  रुपए   की शानदार   साप्ताहिक बढ़त   के साथ 41875 (+4.70  फीसदी) रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बंद हुई। स्थानीय स्पॉट मार्केट में   शनिवार को 24 कैरेट सोने   का भाव  27580  रुपए प्रति दस ग्राम और   चांदी का भाव  41566 रुपए प्रति किलो ग्राम था   । अंतरराष्‍ट्रीय   बाजार   में सोना 24.20  डॉलर औंस बढ़कर  1277.30  डॉलर औंस के स्तर पर बंद   हुआ।   वहीं   चांदी 0.669  डॉलर औंस बढ़कर 19.67  डालर औंस के स्तर पर बंद हुई। फंडामेंटल वॉच  : टेक्निकल चार्ट के सपोर्ट , नकारात्मक आर्थिक खबरें और भारतीय रुपए की तुलना में   अमरीकी डॉलर में   मजबूती   आने से   सोने-चांदी में   पिछले सप्ताह अच्छी तेजी देखने को मिली और यह तेजी इस सप्ताह   के लिए भी   बरकरार रहने की उम्मीद है   ।   जिसका   पहला कारण इराक पर हुए आतंकी हमले की वजह से   वैश्विक राजनीत